योगी सरकार को पत्रकार आसिफ जाफरी की खुली चुनौती

पत्रिका के स्वामी आसिफ जाफरी ने योगी सरकार के अनेक विभागों को ठेंगा दिखाते हुए बता दिया है कि समाजवादी सरकार के दौरान जो अधिकारियों और विभागों पर रुतबा और दबदबा बना हुआ था वह आज भी दिखता है।

उत्तर प्रदेश के राज्य मुख्यालय मान्यता प्राप्त पत्रकार आसिफ जाफरी ने इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में दिनांक 03 फरवरी 2024 को अपने स्वामित्व की पत्रिका द न्यूज़ कॉर्नर से लाखों रुपये के प्रचार प्रसार से जिस तरह का कार्यक्रम आयोजित किया गया है वो कहीं ना कहीं योगी सरकार के भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीतियों को खुली चुनौती देने की तरह है।
पत्रिका के स्वामी आसिफ जाफरी ने योगी सरकार के अनेक विभागों को ठेंगा दिखाते हुए बता दिया है कि समाजवादी सरकार के दौरान जो अधिकारियों और विभागों पर रुतबा और दबदबा बना हुआ था वह आज भी दिखता है।
सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के प्रचलित नियमों के अनुसार किसी भी समाचार पत्र के स्वामी की राज्य मुख्यालय मान्यता नहीं हो सकती और राज्य संपति विभाग के नियमों के अनुसार सरकारी आवास सिर्फ आवासीय उपयोग के लिए दिया जाता है न कि व्यावसायिक उपयोग के लिए परंतु आसिफ जाफरी ने योगी सरकार के दोनों विभागों को खुली चुनौती दी है। द न्यूज़ कॉर्नर नाम की पत्रिका का ₹30 के मूल्य के हिसाब से सरकारी आवास से व्यवसाय करते हुए न सिर्फ अपनी बल्कि अपने आधा दर्जन कुनबे की मान्यता लेते हुए सरकारी आवास पर अनाधिकृत रूप से कब्ज़ा जमाया गया है।
अनेक शिकायती पत्रों को अपने समाजवादी रुतबे और दबदबे से दबाने वाले आसिफ जाफरी, शारिब जाफरी और उनके कुनबे पर योगी सरकार की कोई कार्रवाई न होते देखकर लोग यह कहने लगे हैं कि अतीक और मुख्तार अंसारी से बड़ा दबदबा तो जाफरी बन्धुओ का है जिस पर योगी सरकार का न तो कोई बुलडोजर चला है और न ही कोई कार्रवाई होती है बल्कि गृह विभाग के,बड़े अधिकारियों से लेकर छोटे कर्मचारियों को उनके 5/7 डाली बाग दरबार में आज भी नतमस्तक करते देखा जा सकता हैं।
आपके सम्मुख पुनः साक्ष्यों को संलग्न करते हुए निवेदन है कि आप द्वारा ततकाल आसिफ रजा कि मान्यता निरस्त करते हुए सरकारी आवास खाली कराए जाने की कार्यवाही करने की कृपा करें।

एच, ए, इदरीसी की रिपोर्ट 

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