गाजीपुर में एक साथ 10 लेखपाल सस्पेंड, DM आर्यका अखौरी के फैसले से मचा हड़कंप, चल रहा था ये खेल?
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में राजस्व विभाग में फर्जी प्रमाणपत्रों का बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है, जिला प्रशासन की जांच में खुलासा हुआ है।
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में राजस्व विभाग में फर्जी प्रमाणपत्रों का बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। जिला प्रशासन की जांच में खुलासा हुआ है कि आंगनबाड़ी भर्ती प्रक्रिया में फर्जी बीपीएल आय और जाति प्रमाणपत्रों के जरिए कई अभ्यर्थियों ने नौकरी हासिल की। इस मामले में जिलाधिकारी आर्यका अखौरी ने सख्त एक्शन लेते हुए 10 लेखपालों को निलंबित कर दिया है जबकि जखनियां तहसील के एक बीआरसी ऑपरेटर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
भर्ती में फर्जीवाड़े का खुलासा
जांच में पाया गया कि 14 अभ्यर्थियों ने अपनी आय 46 हजार रुपये से कम दिखाकर बीपीएल श्रेणी में शामिल होने के लिए फर्जी प्रमाणपत्र बनवाए। इनमें से कई के परिजन पहले से सरकारी नौकरी में हैं। चौंकाने वाली बात यह है कि मुख्य विकास अधिकारी (CDO) के स्टेनो राधेश्याम यादव की विवाहिता बेटी पूजा यादव भी इस सूची में शामिल हैं। पूजा के पति सरकारी शिक्षक हैं फिर भी उन्होंने फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर आंगनबाड़ी में नौकरी हासिल की और बाद में इस्तीफा दे दिया। सीडीओ संतोष वैश्य ने इस मामले में जिलाधिकारी को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की थी।
जखनियां तहसील में 9680 फर्जी प्रमाणपत्र
सबसे बड़ा घोटाला जखनियां तहसील (Ghazipur News) में सामने आया जहां एक बीआरसी ऑपरेटर ने स्थानांतरित लेखपालों की आईडी का दुरुपयोग कर 9680 फर्जी प्रमाणपत्र जारी किए। इनमें 5849 आय, 1966 जाति और 1865 निवास प्रमाणपत्र शामिल हैं। शिकायत के बाद जांच में इसकी पोल खुली। एसडीएम जखनियां ने ऑपरेटर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। जिलाधिकारी ने बताया कि यह ऑपरेटर तहसील कैंटीन के लेखपालों की आईडी का गलत इस्तेमाल कर रहा था।
13 लेखपालों पर कार्रवाई.. जांच जारी
जिलाधिकारी आर्यका अखौरी ने जांच में दोषी पाए गए 10 लेखपालों को तत्काल निलंबित कर दिया और एक लेखपाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। डीएम ने कहा, “जांच अभी जारी है। जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई होगी। यह एक गंभीर मामला है और इसमें किसी को बख्शा नहीं जाएगा।”
इस घोटाले ने जिले के राजस्व विभाग (Ghazipur News) और भर्ती प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर सवाल उठा दिए हैं। प्रशासन ने स्पष्ट किया कि फर्जीवाड़े में शामिल सभी लोगों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। यह मामला अब गाजीपुर में चर्चा का विषय बन गया है और लोग प्रशासन से पारदर्शिता की मांग कर रहे हैं।
