अंग्रेजी पत्रिका कैरावन ने रजत शर्मा की पत्रकारिता और इंडिया टीवी के निवेश पर उठाए गंभीर सवाल
अंग्रेजी की प्रमुख पत्रिका कैरावन (caravan ) ने हिंदी न्यूज़ चैनल ‘इंडिया टीवी’ पर पैसों के निवेश को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं. पत्रिका ने इंडिया टीवी के मुख्य संपादक और चेयरमैन रजत शर्मा पर की गयी कवर स्टोरी में खुलासा किया है कि शर्मा राजनीतिक जोड़तोड़ में माहिर हैं जिसके रहते उनके चैनल के संदेहास्पद निवेश पर कोई करवाई नही हुई लेकिन एनडीटीवी पर सरकार ने जांच बैठा दी है. कैरावैन ने अपनी खबर में लिखा है कि एनडीटीवी और इंडिया टीवी को अमेरिका की एक ही कम्पनी ने फण्ड किया लेकिन कार्रवाई सिर्फ एनडीटीवी पर हुई.
पत्रिका के मुताबिक अमेरिकी कंपनी ComVentures ने जब 87 करोड़ रूपए एनडीटीवी में निवेश किये तो इनकम टैक्स विभाग ने इस कंपनी और पैसों के हस्तांतरण पर सवाल उठाए लेकिन जब ComVentures ने इंडिया टीवी में निवेश किया तो सरकार ने कोई सवाल जवाब नही किये. पत्रिका ने आगे लिखा है कि मारीशस की एक और कम्पनी CV Global Holdings ने इंडिया टीवी में मार्च 2007 में 45 करोड़ रूपए का निवेश किया.
कैरावैन का आरोप है कि ये निवेश इंडिया टीवी के स्वामित्व वाली कम्पनी इंडिपेंडेंट न्यूज़ न्यूज़ सर्विस में किया गया जिसके मालिक रजत शर्मा और उनकी पत्नी हैं. पत्रिका का कहना कि कोई विदेशी कम्पनी 2007 तक भारतीय न्यूज़ चैनल में अधिकतम 26 प्रतिशत निवेश कर सकती थी लेकिन CV ग्लोबल का वर्तमान निवेश 59 .3 से भी अधिक है.
कैरावन ने अपनी खबर में ये भी खुलासा किया है कि रजत शर्मा के मुकेश अम्बानी से भी नज़दीकी रही है. उनकी कम्पनी में अम्बानी के आदमी महेंद्र नाहटा ने भारी रकम निवेश की है. महेंद्र नाहटा की 2 जी घोटाले में सीबीआई पहले पूछताछ कर चुकी है. पत्रिका का कहना है कि रजत शर्मा को ज्यादातर लाभ उनकी अरुण जेटली से साथ गहरी दोस्ती की वजह से मिला है. जेटली और रजत , दोनों दिल्ली विशविद्यालय में छात्र राजनीती में सक्रिय थे.