31 मार्च 2024 तक DAVP दरें, परन्तु मान्यता का हुआ 2025 तक निपटारा

याची के अधिवक्ता सतीश कुमार मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि अति गंभीर प्रकरण पर सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा शिकायतों को नजरअंदाज कर अपने ही प्रचलित नियमों को अनदेखा किया जाता है जबकि विभाग के उपनिदेशक ललित मोहन द्वारा अपने पत्र के माध्यम से मान्यता न्वीनीकरण के नियमो की जानकारी उपलब्ध कराते हुए बताया है कि पत्रकारो की मान्यता नवीनीकरण डीएवीपी द्वारा निर्धारित दरों के नवीनकरण के उपरांत ही किया जाता है परंतु वर्तमान में याचिका की जानकारी मिलते ही आनन फानन में सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा दिनांक 28.02.2024 को पत्रकारों की मान्यता नवीनीकरण कर उनको मान्यता कार्ड निर्गत किए गए हैं

मान्यता प्राप्त पत्रकारों की समीक्षा हेतु दाखिल होगी जनहित याचिका !
राजसी पत्रकारों द्वारा सरकारी आवास पर लाखों के बकाये की भी होगी समीक्षा।

सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा प्रचलित मार्गदर्शिका और नियमों को दरकिनार कर जिस तरह से राज्य मुख्यालय मान्यता प्राप्त पत्रकार बनाने का कार्य किया गया है उसके संबंध में अफ़ज़ाल इदरीसी, अध्यक्ष, मान्यता प्राप्त उर्दू मीडिया एसोसियेशन, द्वारा अनेक शिकायती पत्रों के साथ साक्ष्यों को संलग्न करते हुए सूचना निदेशक को फर्जी पत्रकारों को मान्यता दिये जाने के संबंध में खुलासा किया गया था परंतु शिकायती पत्रों पर कोई कार्रवाई न होते देखकर माननीय उच्च न्यायालय, लखनऊ के सम्मुख शिकायती पत्रों का संज्ञान लेकर उनके निस्तारण हेतु याचिका दाखिल की गई थी।

न्यायालय द्वारा याचिका की सुनवाई करते समय सम्पूर्ण प्रकरण को विस्तृत एवं लोकहित में देखते हुए याचिका को सही और उचित रुप में दाखिल किये जाने ककी बात पर याची के अधिवक्ता द्वारा पुनः याचिका को सुनवाई हेतु जनहित याचिका दाखिल किए जाने की बात कही गयी जिसके उपरांत उक्त याचिका का निस्तारण किया किया गया है। याची के अधिवक्ता सतीश कुमार मिश्रा ने जानकारी देते हुए बताया कि अति गंभीर प्रकरण पर सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा शिकायतों को नजरअंदाज कर अपने ही प्रचलित नियमों को अनदेखा किया जाता है जबकि विभाग के उपनिदेशक ललित मोहन द्वारा अपने पत्र के माध्यम से मान्यता न्वीनीकरण के नियमो की जानकारी उपलब्ध कराते हुए बताया है कि पत्रकारो की मान्यता नवीनीकरण डीएवीपी द्वारा निर्धारित दरों के नवीनकरण के उपरांत ही किया जाता है परंतु वर्तमान में याचिका की जानकारी मिलते ही आनन फानन में सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा दिनांक 28.02.2024 को पत्रकारों की मान्यता नवीनीकरण कर उनको मान्यता कार्ड निर्गत किए गए हैं जबकि DAVP द्वारा किसी भी समाचार पत्र को 31 मार्च 2024 के उपरांत दरों एवं प्रसार संख्या का निर्धारण ही नहीं किया गया है ऐसे में किस आधार पर मान्यता नवीनीकरण किया गया उसकी समीक्षा किया जाना आवश्यक है। हालांकि सरकार ने पत्रकारों को मान्यता देने के लिए नियम बनाए हैं, लेकिन इन्हें सख्ती से लागू नहीं किया जा रहा है। कुछ मामलों में उन पत्रकरों को राज्य स्तर की मान्यता दी गई है, जिनकी शिक्षा के बारे में उन्हें खुद भी कोई ज्ञान नही है।

जिन संस्थानों के पत्रकारो को मान्यता कार्ड वर्ष 2024 के जारी किये गये है उनके समाचार पत्रों को यदि क्।टच् द्वारा 31 मार्च 2024 के उपरांत नवीनकरण नही किया जाता है या प्रसार संख्या का परिवर्तन किया जाता है तो उनकी मान्यता निरस्त कर कार्ड वापस लिया जाना संभव नहीं होगा। मान्यता कार्ड के आधार पर वाहनों को जारी पास लोकभवन, सचिवालय जैसे सुरक्षित संस्थानों की सुरक्षा का खतरा भी बनेंगे। अधिवक्ता सतीश मिश्रा ने बताया कि इस पूरे मामले में मान्यता के संबंध में सम्पूर्ण जानकारी एकत्रित करने के उपरांत व्यापक लोकहित में जनहित याचिका दाखिल की जाएगी क्योंकि मान्यता मिलने के उपरांत अनेक पत्रकारों द्वारा सरकारी आवास पर वर्षों से कब्जा जमाया गया है और नियमों के विरुद्व सरकारी आवास से व्यावसायिक गतिविधियों के संचालन के ठोस प्रमाण उपलब्ध है। मान्यता प्राप्त पत्रकारो द्वारा लाखो रुपये का सरकारी आवास का किराया बकाया रखते हुए राजसी ठाट बाट से जीवन यापन किया जा रहा है और ठडॅ जैसी गाड़ियों से चलने वाले पत्रकारों को सरकार द्वारा किस आधार पर आयुष्मान योजना के तहत स्वास्थय सेवायें प्रदान की जा रही है इसकी समीक्षा किया जाना भी आवश्यक है।
अधिवक्ता सतीश मिश्रा की जानकारी के अनुसार कई पत्रकारों के पास अपने घर और फ्लैट हैं और कुछ ने अनुदानित भूमि पर फ्लैटों का निर्माण किया है परन्तु वे अभी भी सरकारी आवास अपने पास रखे हैं। अदालत ने वरिष्ठ पत्रकार अशोक नवरत्न की याचिका का निपटारा करते हुए अपने आदेश में स्पष्ट किया था कि पत्रकारों का सरकारी आवास दिये जाने के समस्त प्रावधानों की समीक्षा किया जाना आवश्यक है जिसको अफज़ाल इदरीसी द्वारा दाखिल की जाने वाली जनहित याचिका के माध्यम से न्यायालय के सम्मुख प्रस्तुत किया जायेगा।

कोर्ट के आदेश की कापी ………….

 

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