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मुझे 2010 में जिन्दा जलाने की गई थी कोशिश: साक्षी

लखनऊ के इतिहास का सबसे बड़ा बेनामी ज़मीन घोटाला

साक्षी

ईमानदारी का डंका पीटने वाले नरेंद्र मोदी, निर्मला सीतारमण, योगी आदित्यनाथ, पीएनबी इंडिया, इनकम टैक्स इंडिया, इनकम टैक्स ईस्ट, राष्ट्रपति भवन। अगर मुझे मरवाया जाता है इसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी, क्योंकि मेरे को ज़िंदा जलाने की कोशिश 2010 में भी हुई थी। लखनऊ के इतिहास का सबसे बड़ा बेनामी ज़मीन घोटाला- 15000 करोड़।

Chronology को समझिये और आप पाएंगे देश में इनसे बड़े भ्रष्टाचारी नहीं पैदा हुए होंगे। Attach : 1.. My complaints and reply (see dates), Post 2 Income Tax Notices to Pramod kumar

BBD Group लखनऊ की चेयरमैन श्रीमती अलका दास गुप्ता एवं उनके पुत्र विराज सागर दास अपनी काली कमाई से श्री प्रमोद कुमार (चपरासी) निवासी लखनऊ को गोमती नगर (हाई कोर्ट के पीछे) करोड़ों की ज़मीन खरीदवाते है, (बेनामी एक 1988, 2016 के अनुसार ये संपत्ति बेनामी है और प्रमोद कुमार बेनामीदार, इस कानून के अनुसार ये ज़मीन ना बिक सकती है ना ट्रांसफर हो सकती है ये ज़मीन सरकार की होती है साथ में ऐसा करने वाले को 7 साल तक की सजा) जोकि आज की तारिख में लगभग 300 करोड़ रुपए की है। (प्रमोद कुमार खुद अपनी मर्ज़ी से कह चुके है ये ज़मीन उनके पैसे से नहीं खरीदी गयी वैसे ये धंधा 3-40 लोगों के नाम से किया गया है अभी तो सिर्फ दूसरा नाम है)

मैं साक्षी वर्ष 2019, फिर अगस्त 12, 14, 20, 2020…. को लखनऊ और दिल्ली इन्कम टैक्स विभाग को श्री प्रमोद कुमार, जो की एक चपरासी थे जिनकी पगार लखनऊ इंडियन मर्केंटाइल कॉप बैंक से दी जाती थी, इस बेनामी ज़मीन की शिकायत कर रही थी। जिसका जबाव इनकम टैक्स विभाग द्वारा मुझे दिया गया और मेरी शिकायत लखनऊ अधिकारीयों को forward करी गयी।

इस खरीद फरोख्त का अंजाम देने के लिए PNB निशातगंज ने खूब साथ दिया बिना प्रमोद कुमार के बैंक में जाए उनका Account खोला गया जिसका नंबर 0762000109200650 खोला गया इसके अतिरिक्त 2 अन्य A/c अकाउंट- 7228000400000346, 681710100012741) जिसकी चेक बुक श्री प्रमोद कुमार से दस्तखत करा कर श्री विराज सागर ने खुद रख ली।

लखनऊ अधिकारीयों ने मेरी शिकायत BBD ग्रुप की चेयरमैन श्रीमती अलका दास और उनके पुत्र श्री विराज सागर को forward कर दी, और एक खेल रचा गया, फिर लखनऊ इनकम टैक्स अधिकारीयों की मिलीभगत से यह ज़मीन मेरी शिकायत के तुरंत बाद प्रमोद कुमार पर दबाव बनवाकर बिकवा दी गयी और खरीदी भी खुद BBD group की कंपनियों और उनके अधिकारीयों ने। इस खरीद फरोख्त को अंजाम देने और ज़मीनों को सफ़ेद करने में उक्त Accounts का प्रयोग हुआ और उसमें 127853678.00 रुपए जमा किये गए।

फिर हमारा तेज तर्रार इनकम टैक्स विभाग हरकत में आया और मेरी आँखों में धूल झोंकने के लिए श्री प्रमोद कुमार को एक नहीं 4-5 Income Tax के नोटिस भिजवा दिए गए और कहा गया 127853678.00 की ये धनराशि आपके अकाउंट में आयी है इसे आपकी कमाई समझते हुए आप इस पर टैक्स जमा करें।

विराज सागर दास जी ने प्रमोद कुमार से सिग्नेचर कराये हुए चेक से Income Tax का भुगतान किया और काले ज़मीन को सफ़ेद किया। बाकि पैसा जिसको ज़हां रिश्वत देकर छूटना था छूट गए। (इस रकम का प्रयोग विराज सागर ने Income Tax जमा करने के लिए खुद उनके ऑफिस आकर किया। ऐसा कहना Income Tax अधिकारी का है और उसने कहा मेरा काम tax है जांच करना नहीं)

मेरा सवाल एक चपरासी करोड़ों की ज़मीन कहाँ से खरीदता है ये क्या Income Tax को नहीं देखना था जबकि मैं साक्ष्य के साथ शिकायत कर रही थी।

मेरा सवाल- प्रमोद कुमार के अकाउंट में आये रकम 127853678.00 का क्या हुआ उसके बाद ये पैसा कहाँ और किसके खाते में गया। क्या Income Tax विभाग ने इसकी जांच की?

आखिर जिसके पैसे से ज़मीन खरीदी गयी, जिसने खरीदी और फिर जिसको बेची (वैसे सब एक ही BBD Group के लोग हैं) उनको जेल क्यों नहीं हुई?

मुरली भवन Lucknow के जिस CA (Chartered Accountant) ने फ़र्ज़ी Income Tax का Return बनाया क्या उसका लाइसेंस रद्द करके इस मिली भगत में साथ देने के लिए उसको जेल नहीं होनी चाहिए (ये खुद Income Tax विभाग कह रहा है Return फ़र्ज़ी है)

Income Tax ने इस घोटाले में क्यों साथ दिया जिन अधिकारीयों को मेरी शिकायत भेजी गयी उनको जेल क्यों नहीं।

  • फैसला आप कीजिये निर्मला जी की फौज चोर है या नहीं,
  • क्या योगी की शरण में बैठा इंसान जितने मर्ज़ी घोटाले करेगा
  • और सरकारी तंत्र को रिश्वत दे कर खुलेआम घूमेगा।

देखें शिकायत संबंधी दस्तावेज…

आपको बता दूँ ये ग्रुप Indian Mercantile Cooperative Bank Lucknow Scam में भी शामिल था जिसमें 500 करोड़ का घोटाला और 8000 करोड़ की मनी लॉन्डरिंग और ड्रग माफियाओं को पैसा गया था। इसी पैसे से 2011, 2012 में बेनामी ज़मीन खरीदी गए जो RBI ने भी कहा है।

मेरे शिकायत करने पर RBI ने दो क्रिमिनल केसेस 2011 No. 474 और No. 218 , 2013 में इनकी बैंक के ऊपर दाखिल किये थे Allahabad High Court Lucknow Bench में।
इसी बैंक फ्रॉड को दबाने के लिए मुझे 2010 में जलाया था जिसकी शिकायत मैंने सब जगह करी हुई है लेकिन मोदी जी और योगी जी की कृपा से आज तक उनकी सुनवाई नहीं हुई. ये घोटाले की रकम से खरीदी गयी बेनामी ज़मीने अब बेचीं जा रही है।

वैसे आपको एक बात और बता दूँ मैंने Bank के fraud में 2022 में PIL No. 659 /2022 दाखिल की थी. CBI जांच की मांग की थी. कोर्ट ने नोटिस भी SERVE किये है. कल मेरी इस PIL की फिर से सुनवाई है. अब देखना है कोर्ट किस तरह से फिर टालता है जैसे टालता आ रहा है और सुनवाई नहीं हो रही.

इसमें भी UPRCS ने कोर्ट में केस होने के बाद भी 26 करोड़ घोटाले की रकम वरिटॉफ की और 64 करोड़ के फ्रॉड पर rbi के कहने पर भी FIR नहीं करी. Proof देखिए-

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