जनसंदेश टाइम्‍स प्रबंधन पर कसा शिकंजा, श्रम मंत्रालय ने राज्‍य सरकार से मांगी कार्रवाई रिपोर्ट

जनसंदेश टाइम्‍स प्रबंधन पर सरकार का शिकंजा लगातार कसता चला जा रहा है। मानवाधिकार आयोग में कर्मचारियों के उत्‍पीड़न का मामला दर्ज होने और उसके बाद भविष्‍य निधि कार्यालय की टीम द्वारा छापेमारी की कार्रवाई के बाद अब केन्‍द्रीय श्रम मंत्रालय ने जनसंदेश टाइम्‍स कर्मियों के उत्‍पीड़न मामले को लेकर राज्‍य सरकार को कार्रवाई का निर्देश देते हुए रिपोर्ट तलब की है। बनारस में जनसंदेश टाइम्‍स के कर्मचारियों को कई माह से वेतन नहीं देने और मनमाने तरीके से निकाले जाने को लेकर मिली शिकायत को संज्ञान में लेते हुए केन्‍द्रीय श्रम मंत्रालय ने उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍य सचिव, श्रम रोजगार एवं प्रशिक्षण विभाग श्री शैलेश कृष्‍णा को लिखे पत्र संख्‍या- वी- 24032/1/2014 में जनसंदेश टाइम्‍स बनारस के कर्मियों को कई माह से वेतन नहीं दिये जाने, वेज बोर्ड के नियमों के विपरीत मनमाने तरीके से वेतन का निर्धारण और मनमाने तरीके से कर्मचारियों को निकाले जाने के मामले में कार्रवाई करने के साथ ही कृत कार्रवाई की रिपोर्ट भेजने को कहा गया है। पत्र की प्रति सूचना और प्रसारण मंत्रालय और नीतिगत योजना प्रकोष्‍ठ को भी भेजी गयी है।

गौरतलब है कि जनसंदेश टाइम्‍स के कर्मचारी प्रबंधन की हिटलरशाही के चलते इन दिनों बुरे दौर से गुजर रहे हैं। उन्‍हें कई माह से वेतन नहीं मिला है। बिना बकाया वेतन दिये ही कर्मचारियों को निकालने का दौर चल रहा है। आधे से अधिक कर्मचा‍री निकाले जा चुके हैं। निकाले गये कर्मियों को किसी पूर्व सूचना के बिना अचानक काम करने से मना कर दिया गया। अब वे अपने बकाये वेतन के लिए आफिस की दौड़ लगा रहे हैं, लेकिन उनसे सीधे मुंह प्रबंधन का कोई आदमी बात तक नहीं कर रहा है। बकाया वेतन तो दूर की कौड़ी, पीएफ का भी भुगतान फंसा हुआ है क्‍योंकि प्रबंधन ने मार्च 2014 के बाद किसी कर्मचारी के पीएफ अंशदान को कटौती करने के बाद भी नहीं जमा किया है। इससे परेशान कर्मचारियों ने न्‍याय के लिए श्रम न्यायालय का दरवाजा खटखटाने के साथ ही बनारस से लगायत दिल्‍ली तक के आला सरकारी हुक्‍मरानों एवं मानवाधिकार आयोग से गुहार लगायी है। शिकायत को संज्ञान में लेते हुए भविष्‍य निधि कार्यालय की टीम ने सोमवार को जनसंदेश आफिस में छापेमारी भी की लेकिन प्रबंधन के जिम्‍मेदार लोग भनक लगते ही खिसक लिए।

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