मालिकों ने पत्रकारों का उत्पीड़न किया तेज, किसी का तबादला, किसी का पदनाम बदला

उत्तर प्रदेश, राजस्थान, बिहार, मध्यप्रदेश, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश आदि लगभग उन सभी प्रदेशों में बड़े अखबारों ने मजीठिया मामलों को लेकर मीडिया कर्मियों का उत्पीड़न तेज कर दिया है। किसी के तबादले किए जा रहे हैं तो किसी डेप्युटेशन पर दूर दूर स्थानांतरित किया जा रहा है।

मजीठिया वेतनमान मामले पर अखबारों में कार्यरत मीडिया कर्मियों के उत्पीड़न की कार्रवायां तेज होती जा रही हैं। इसी क्रम में भास्कर भीलवाड़ा में कार्यरत उप संपादक रंजीत सिंह को भागलपुर (बिहार) के लिए स्थानांतरित कर दिया गया है। 7 मई 2015 को रंजीत सिंह को डीबी कार्प लि. के संपादकीय प्रमुख श्याम शर्मा द्वारा प्रेषित पत्र में उनके भागलपुर (बिहार) तबादले से अवगत कराते हुए बताया गया था कि वह 15 दिन के भीतर नए स्थान पर अपनी उपस्थिति से वहां के विभागाध्यक्ष को अवगत कराएं। यदि 22 मई तक वह नए स्थान पर ज्वॉइन नहीं करते हैं तो उन्हें निर्धारित तिथि से अनुपस्थित माना जाएगा। साथ ही उनके विरुद्ध कंपनी वैधानिक कार्रवाई करेगी।

इसके जवाब में रंजीत सिंह ने शर्मा के 11 मई 2015 के प्रेषित पत्र में बताया है कि आप का पत्र 7 मई को मिला। मेरी मां की हालत गंभीर है। मैं किसी भी कीमत पर डेप्युटेशन पर जाने में असमर्थ हूं। परिवार में सबसे बड़ा होने के नाते मेरी यहां उपस्थिति आवश्यक है। इसलिए निवेदन है कि मुझे डेप्युटेशन पर स्थानांतरित न किया जाए।

इस बीच गोंडा (उ.प्र.) से खबर आ रही है कि मजीठिया वेज वोर्ड के डर से तीन बड़े अखबारों में हड़कंप मचा हुआ है। हिंदुस्तान में सभी कर्मियों को कागजों में नयी नियुक्ति दे दी गई है। जागरण में ब्यूरो कार्यालय की जगह पूरे स्टाफ को संवादसूत्र बना दिया गया है। इसी तरह अमर उजाला में सभी कर्मियों को एजेंसी होल्डर घोषित कर दिया गया है।

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