स्टिंग फर्जी नहीं है, हरीश रावत से पहले डील कराने की बात हुई, सीएम खुद अपने चॉपर से मिलने पहुंचे थे
Deepak Azad : हरीश रावत तुम तो बिल्कुल ही नंगे निकले.. माफियाराज व लूट-खसोट के बीच पैदा हुए सियासी संकट को लेकर हम लोग पहले ही मुख्यमंत्री हरीश रावत के इस पूरे खेल में दूसरों से कहीं ज्यादा नंगा होने की बात कहते रहे हैं। अब एक नये स्टिंग आपरेशन में जिस तरह हरीश रावत खुद बागी विधायकों को अपने पाले में लाने के लिए मोल-भाव करते हुए दिखाये जा रहे हैं वह इस बात की पुष्टि करता है। यह बात सच है कि इस राज्य के प्रति वह चाहे भाजपाई हों या फिर कांग्रेस कोई भी ईमानदार नहीं है, सभी अपने-अपने स्वार्थों की पूर्ति करने में ही पूरी बेशर्मी से लगे हुए हैं। लेकिन जिस तरह इस पूरे सियासी संकट के बीच हरीश रावत कैमरे पर नंगे हुए हैं उससे इतना तो साफ हो गया कि जो हरीश रावत विरोधियों पर हार्स टेर्डिग के आरोप लगाते हुए खुद को उत्तराखंउ का हितैषी होने का दंभ भर रहे थे, आज वे ही खुद सरेआम नंगे हो गए।
हरीश के राज में यह पहली बार नहीं है जब उनके कामकाज पर कोई स्टिंग सामने आया हो, इससे पहले भी शराब के कारोबार को लेकर भी सीएम कार्यालय का सचिव मोहम्मद शाहिद भी सौदेबाजी करते हुए स्टिंग में पकड़े गए थे। अब जबकि हरीश रावत खुद सीडी में बागी विधायकों के साथ मोलभाव करते हुए देखे जा रहे हैं और उस पर जिस तरह की सतही प्रतिक्रिया हरीश रावत ने दी है वह बताता है कि वे बुरी तरह घिर गए हैं। जैसा कि स्टिंग करने वाले उमेश कुमार ने स्टिंग के पूरी तरह सच होने की जिम्मेदारी लेते हुए जांच की मांग की है। लेकिन हरीश रावत समाचार प्लस चैनल के मुखिया उमेश कुमार के इस सवाल का जवाब देने के लिए तैयार नहीं है कि आखिर हरीश रावत खुद उनसे बातचीत करने के लिए जॅालीग्रांट एयरपोर्ट क्यों आए? हरीश रावत स्टिंग करने वाले उमेश कुमार की विश्वसनीयता पर सवाल तो उठा रहे हैं लेकिन जिस रूप में वे कैमरे पर दिख रहे हैं उसे केवल यह कहते हुए ही निकल जा रहे हैं कि यह स्टिंग फर्जी है। इस बीच सवाल यह है कि अगर हरीश रावत को लगता है कि वे निर्दोष हैं तो क्यों नहीं वे इस स्टिंग की सीबीआई जांच करवाते हैं?
Vivek Singh : स्टिंग फर्जी नहीं है. हरीश रावत से पहले डील कराने की बात हुई. सीएम खुद अपने चॉपर से मिलने पहुंचे थे. ऐसा दावा उमेश कुमार ने किया है. उमेश के मुताबिक सीएम जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर मिलने आए थे. लेकिन यह बात भी सही है उमेश कुमार भाजपा की तरफ से पूरी तरह पार्टी बने हुए हैं.
Shiv Prasad Sati : हरीश रावत जी जॉलीग्रांट आये थे इस खोजी पत्रकार से मिलने… आखिर क्या जरूरत थी मुख्यमंत्री जी को एक पत्रकार से मिलने की? ये बात तो सच साबित हो गयी कि सीडी प्रकरण सच्चा है. सीएम जोलीग्रांड पत्रकार को मिलने गए थे जिसका प्रमाण एयरपोर्ट का आवागमन रजिस्टर है. स्टिंग खुद पत्रकार ने किया जिसमें साफ़ साफ़ सीएम 5 करोड़ और मंत्री पद देने की बात कर रहे हैं.
Akash Pandit : लेकिन टेक्निकली तो इसमें जुझारू पत्रकार ही उलझते दिख रहे हैं. सीएम ने तो कह दिया पैसा नहीं है. दिल्ली वाले भी नंग हैं. फिर पत्रकार के उकसाने एवं 10 करोड़ के इंतज़ाम खुद करने की बात पर उन्होंने पांच सीआर की बात की. साफ है कि इसमें जितना हरीश रावत फंसे हैं, उतना या कहें उससे ज़्यादा उमेश शर्मा.
Shekhar Singh : उमेश शर्मा उर्फ उमेश कुमार उर्फ उमेश जे कुमार आजकल चार्टेड प्लेन में उड़ता हुआ फोटो डाल रहे हैं अपने फेसबुक वॉल पर.
Qasim Chaudhary : उत्तराखंड खनन वसूली में उमेश शर्मा का काफी दबदबा है. संपत्ति का ब्यौरा पता करा लो, सब पता चल जायेगा.
प्रकाश कुकरेती : मामला समझ में नहीं आया. कुछ साफ़ सुनाई नहीं दिया स्टिंग में. 10 और 15 की बात हो रही है, जिसे 10 और 15 करोड़ कहा जा रहा है. बाकी मामला संदिग्ध है. स्टिंग अगर उमेश कुमार ने किया तो उसे हरक सिंह रावत को क्यूँ दिया. यह बात भी समझ में नहीं आई कि हरीश रावत ने उमेश कुमार के साथ हरक सिंह रावत से कांफ्रेस काल पर क्यों बात की?
Mandoli Pankaj : बताया जा रहा है कांग्रेस के बागी मंत्री हरक सिंह की उमेश शर्मा वाले समाचार प्लस चैनल में भी हिस्सेदारी है.
स्रोत : फेसबुक