अब अभिषेक उपाध्याय की NDTV वाले रवीश कुमार पर लिखी कविता वायरल

रवीश कुमार पर पत्रकारों में दो फाड होने के बाद जहाँ लेफ्ट विंग के कई पत्रकार रवीश के बचाव में लगे हैं वही अभिषेक उपाध्याय अकेले सब पर भारी पड रहे हैे सवाल जवाब की इसी कडी में आज एक कविता वायरल हो रही है। नाबालिग दलित उत्पीडन के लगे आरोपों पर रवीश कुमार का दलित प्रेम और उसको इंसाफ के लिए कोई प्राईम टाइम न करने पर अभिषेक उपाध्याय की एक कविता इंटरनेट पर वायरल हो रही है। यह कविता पीडित लडकी की तरफ से रवीश कुमार को लिखी गई है गौरतलब है कि रवीश कुमार भी गाहे बेगाहे अपनी बची कुची भडास य़(जो प्राइम टाइम में नही कह पाते) वो चिठ्ठी लिखकर निकाल देते हैं। आज रवीश को उसी चिठ्ठी में जवाब मिला है।

एनडीटीवी वाले रवीश पांडेय, हाँ हाँ वही रवीश कुमार, को पीड़ित दलित लड़की की चिट्ठी। बलात्कार के आरोपी सगे बड़े भाई के नाम पर-

“सिर्फ नाम बदला है इस बार

वरना मैं वही दलित लड़की हूँ

जो बार बार

तुम्हारी प्रगतिशील छवि की भट्टी में

ईंधन का कच्चा माल बनी

मेरे नाम का रेगमाल रगड़ रगड़कर

तुमने अक्सर ही खूब चमकाई

अपनी छवि की जर्जर लकड़ी

मेरे कानों में एक साथ घुलता रहा

शैम्पेन की बोतलों में बंद अट्टहास

और दलितों के मसीहा का नया नाम

पिछले कई दिनों से रोज़ 9 बजे

मैं टीवी खोलकर अंग्रेजी की वर्णमाला से

NDTV नाम जोड़ देती हूँ

और बड़ी तड़प से इंतज़ार करती हूं

कि आज तो बोलेगा मेरा मसीहा

लेगा ब्रजेश पांडेय का नाम

वो भी आए सामने

मैं भी रखूंगी अपना पक्ष

रवीश पांडेय के प्राइम टाइम में

फिर दोहराई जायेगी एक दलित लड़की से

बलात्कार की परेशान करने वाली दास्ताँ

मुझे गरीबों, मजलूमो की खातिर

तुम्हारे माथे पर पड़ते बल

बड़े अच्छे लगते हैं

इनमे थोड़ा सा हिस्सा

मेरा भी तो होगा न!

न न, ब्रजेश पांडेय अकेला नही पड़ेगा

तुम बुला लेना उस थुलथुल थानवी को भी

हाँ वही, तुम्हारा अपना, जो

बलात्कार का आरोपी अगर वामपंथी हो

तो समर्थन में आग बन जाता है

तुमने वो नागपुर के चिंचोली में रखा

पुराना टाइप राइटर देखा है क्या?

बाबा साहेब ने जिससे संविधान लिखा था

ऐसा ही एक टाइप राइटर मेरे कमरे में भी रखा है

अबकी जब मेरा चरित्र प्रमाण पत्र लिखना

तो गुज़ारिश है कि उसी से टाइप करना

मैं नही जानती कि वो पहला भाई कौन था

जिसकी खातिर स्क्रीन काली की गई थी

मगर वो आखिरी भाई

जिसकी खातिर

जमीर पर कालिख पुत जाए

तुम्हारा कतई नही होगा

हरिश्चन्द के खानदान पर

मुकदमा करने के प्रायश्चित में

मैं ये केस वापिस लेती हूं

एक अंतिम गुज़ारिश

मेरे नए करैक्टर सर्टिफिकेट में

मेरे नाम के आगे

सेक्युलर लिख देना!

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