दूरदर्शन से लेकर NDTV तक, जानें- प्रणय रॉय की पूरी कहानी

सीबीआई ने कल आईसीआईसीआई बैंक से जुड़े एक मामले को लेकर एनडीटीवी के प्रमोटर प्रणय रॉय, उनकी पत्नी राधिका रॉय के खिलाफ केस दर्ज करके दिल्ली से लेकर देहरादून-मसूरी तक छापेमारी की थी. सीबीआई ने छापे के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मिलने का दावा भी किया था. इस छापेमारी के बाद एनडीटीवी की ओर से बयान जारी कर सीबीआई पर सरकार के दवाब में काम करने का आरोप लगाया गया था. आज सीबीआई ने भी इन आरापों पर सफाई पेश की.

इस पूरे विवाद के बीच एक शख्श का नाम बार बार सामने आ रहा है, डॉ. प्रणय रॉय. इस पूरे विवाद के बीच जानना जरूरी हो जाता है कि प्रणय रॉय कौन हैं?

प्राइवेट टीवी न्यूज चैनल के पुरोधा
प्रणय रॉय को प्राइवेट टीवी न्यूज चैनल का पुरोधा कहा जाता है. दूरदर्शन की खबरों से बाहर निकलकर उन्होंने कई प्रयोग किये. प्रणय रॉय के दम पर ही उनका चैनल दावा करता है कि इलेक्शन मतलब एनडीटीवी. डॉ प्रणव रॉय ही वो शख्स हैं जिनहोंने भारत में इलेक्शन को टीवी पर सबसे पहले जानकारी से परिपूर्ण, रोचक और लोकप्रिय बनाने में अहम भूमिका निभाई वो हैं.

दूरदर्शन पर ‘वर्ल्ड दिस वीक’ और ‘न्यूज टूनाइट’ काफी लोकप्रिय हुए
1990 के दौर में जब प्राइवेट चैनलों का अभी जन्म नहीं हुआ था और दर्शक सिर्फ दूरदर्शन के सहारे देश और दुनिया की खबरों की जानकारी हासिल करते थे. उस दौर में प्रणव रॉय ने दूरदर्शन पर अपने प्रोग्राम ‘वर्ल्ड दिस वीक’ और ‘न्यूज टूनाइट’ से दर्शकों के बीच एक खास पहचान बनाई. प्रणव रॉय ने 1988 में एनडीटीवी नाम के जिस प्रोडक्शन हाउस की स्थापना की थी वो अब धीरे-धीरे एक बड़े मीडिया हाउस में बदल गया.

कुछ दिनों पहले एनडीटीवी चैनल पर एक डिबेट के दौरान चैनल की एंकर निधी राजदान और सम्बित पात्रा के बीच तीखी नोंक झोंक हो गई थी. बात इतनी बढ़ी कि एंकर ने सम्बित को अपने शो से बाहर हो जाने के लिए बोल दिया. शो की एंकर निधि राजदान ने संबित को लगभग डांटते हुए ये कह दिया कि ये मेरा शो है मैं आपको निकाल रही हूं. शो की एंकर निधि ने कटाक्ष करते हुए यहां तक कह दिया कि ये कोई दूरदर्शन नहीं है.

दूरदर्शन पर लंबे समय तक डॉ प्रणव रॉय का बोलवाला रहा
एनडीटीवी पर जिस दूरदर्शन को लेकर निधि ने बीजेपी प्रवक्ता संबित पर प्रहार किया उस दूरदर्शन पर लंबे समय तक डॉ प्रणव रॉय का बोलवाला रहा. प्रणव रॉय दूरदर्शन के पर्दे से निकलकर एनडीटीवी न्यूज चैनलों के मालिक और संपादक बन चुके थे. कहते हैं जब एनडीटीवी की शुरुआत प्रधानमंत्री निवास से हुई और जब एनडीटीवी अपनी स्थापना की 25 वीं वर्षगांठ मना रहा था तो इसके लिए जो जगह मिली वो राष्ट्रपति भवन था.

कोलकाता में संपन्न परिवार में जन्म, मां आयरिश- पिता ब्रिटिश कंपनी के अधिकारी
डॉ प्रणव रॉय का जन्म कोलकाता में एक संभ्रांत बंगाली परिवार में हुआ था. प्रणव के पिता भारत में एक ब्रिटिश कंपनी के बड़े अधिकारी थे जबकि उनकी मां आयरलैंड की रहने वाली थीं और एक स्कूल में टीचर थीं. प्रणव रॉय की स्कूली शिक्षा प्रसिद्ध दून स्कूल में हुई थी.

उसके बाद उन्होंने अपनी उच्चा शिक्षा ब्रिटेन में हासिल की. लंदन से उन्होंने सीए की पढ़ाई की. प्रणव रॉय दिल्ली स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स से अर्थशास्त्र में पीएचडी हैं. भारतीय टीवी न्यूज इंडस्ट्री में उनके साथी पत्रकार उन्हें काफी सम्मान के साथ देखते हैं.

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