ये है गौरी लंकेश का ‘क़ातिल’, कन्नड़ चैनल का खुलासा

दायीं तस्वीर नक्सली नेता विक्रम गौड़ा की है। पुलिस रिकॉर्ड्स के मुताबिक ये उसकी सबसे ताजा तस्वीर है।

बैंगलोर की पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। कन्नड़ न्यूज़ चैनल सुवर्ण टीवी ने दावा किया है कि गौरी लंकेश की हत्या के पीछे नक्सलियों का हाथ है। चैनल ने अपने सूत्रों के हवाले से बताया है कि नक्सली नेता विक्रम गौड़ा ने ये हत्या करवाई। रिपोर्ट के मुताबिक कर्नाटक सरकार की तरफ से बनाई गई एसआईटी को भी इस बारे में पक्के सुराग मिले हैं। जिसके बाद अब जांच का सारा फोकस इसी एंगल पर है। एसआईटी यह मानकर चल रही है कि जिस तरह से हत्या हुई है इसमें नक्सलियों का हाथ साफ दिखाई दे रहा है। ऐसा मानने के पीछे ठोस कारण भी है, क्योंकि गौरी लंकेश नक्सलियों और सरकार के बीच मध्यस्थता का काम कर रही थीं। फिलहाल इस खुलासे ने दिल्ली में बैठे नक्सली पत्रकारों की पोल खोल दी है, जिन्होंने हत्या के फौरन बाद हिंदुत्ववादी संगठनों पर दोष मढ़ दिया था।

सुवर्ण टीवी चैनल ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि पिछले कुछ साल में गौरी लंकेश की पहल से कई बड़े नक्सलियों ने सरेंडर किया था। वो बीजी कृष्णमूर्ति, लता मुंडरेगा और प्रभा जैसे नक्सलियों के ग्रुप्स को हथियार छोड़ने के लिए मना रही थीं। इस कारण कट्टरपंथी नक्सली नेताओं को अपने अस्तित्व पर खतरा दिखने लगा था और वो गौरी से भड़क गए। इनमें सबसे प्रमुख विक्रम गौड़ा था। दरअसल राज्य में नक्सलियों के 2 सबसे बड़े ग्रुप तुंग और भद्रा सक्रिय हैं। भद्र टीम का लीडर विक्रम गौड़ा है, जबकि तुंग का कृष्णमूर्ति। कर्नाटक के चिकमंगलूर इलाके में विक्रम गौड़ा के गुप का दबदबा है। जबकि उसके पड़ोस के शिमोगा में कृष्णमूर्ति ग्रुप एक्टिव है। चैनल ने नक्सलियों के ही हवाले से बताया है कि गौरी लंकेश तुंग टीम के सदस्यों के संपर्क में थीं और उन्हें सरेंडर करने के लिए तैयार कर रही थीं। यही कारण है कि विक्रम गौड़ा गौरी की जान का दुश्मन बन गया।

बताया जा रहा है कि विक्रम गौड़ा ने गौरी की कोशिशों पर खुले तौर पर अपनी नाराजगी जताई थी और कहा था कि अगर तुंग टीम के लोगों ने हथियार डाले तो इससे पूरे मलनाड इलाके में नक्सली आंदोलन की पकड़ कमजोर हो जाएगी। विक्रम कर्नाटक में सक्रिय सबसे कट्टर नक्सलियों में से एक है। वो यहां पर छत्तीसगढ़ की तर्ज पर ‘लिबरेटेड ज़ोन’ बनाने के भी सपने देखता है। कर्नाटक सरकार यह बात जता चुकी है कि नक्सली समस्या से निपटने में गौरी लंकेश उसकी मदद कर रही थीं। एसआईटी को सुराग मिले हैं कि विक्रम गौड़ा हत्या करने के लिए खुद बैंगलोर आया था और उसने ही गोली मारी। इसके बाद से उसकी लोकेशन का पता नहीं है। पुलिस के खबरियों का कहना है कि वो चिकमंगलूर के घने जंगलों में छिपा हो सकता है।

गौरी लंकेश के घर के पास लगे एक सीसीटीवी कैमरे में हत्यारों की तस्वीर कैद हुई है। हालांकि सभी ने हेलमेट पहन रखे थे। सभी की लंबाई 5 फुट 1 इंच से लेकर 5 फुट 4 इंच के बीच है। पुलिस रिकॉर्ड्स के मुताबिक विक्रम गौड़ा की लंबाई 5 फुट 2 इंच है। इस फुटेज को जेल में बंद नक्सलियों को दिखाया जा रहा है ताकि वो कद-काठी और चाल-ढाल देखकर कुछ सुराग दे सकें। हालांकि कुछ पुलिस अधिकारियों को इस दावे पर संदेह है कि हत्या करने के लिए विक्रम खुद बैंगलोर आएगा। उनका कहना है कि हो सकता है कि उसने कुछ भाड़े के शूटरों से ये काम करवाया हो। लेकिन जहां तक हत्या के मोटिव यानी मकसद का सवाल है शक की सुई सबसे ज्यादा नक्सलियों की तरफ ही जा रही है। चैनल की रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य के गृह मंत्री को इन सारे तथ्यों की जानकारी रही होगी, इसीलिए हत्या के फौरन बाद उन्होंने पहला शक नक्सलियों पर ही जताया था।

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