बूटों तले रौंदे जा रहे आवेदन पत्रों को देख भड़के ग्रामीण, सफाई देने में जुटे योगी के अफसर

एक तरफ जहां मंत्रीमहोदय अपने भाषणों के जरिए सरकार और पार्टी की नीतियों को बताते हुए सरकारी योजनाओं का गुणगान कर रहे थे तो वहीं दूसरी ओर ग्रामीण फार्म जमा कर योजना का लाभ लेने के लिए सूचीबद्ध होने की होड़ में लगे हुए थे। सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा था। ग्रामीण भी पूरी तरह से विश्वास में थे कि जिन किसी को सरकारी योजना आवास, शौचालय, पेंशन, आयुष्मान कार्ड इत्यादि का लाभ नहीं मिला है उन्हें अब जरूर इस योजनाओं का लाभ मिलेगा

कड़ाके की ठंड, घने कोहरे के बीच ग्रामीण इस उम्मीद के साथ एकत्र हुए थे कि उन्हें भी सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा

मिर्जापुर/लखनऊ। देश की सर्वोच्च पंचायत में पहुंचने का मार्ग उत्तर प्रदेश से होकर गुजरता है। साल 2024 में देश की सर्वोच्च पंचायत में पहुंचने के लिए चुनाव भी होने ही वाला है। हालांकि आगाज होना बाकी है, लेकिन तैयारी हो चुकी है। ख़ासकर सत्ताधारी दल इसको लेकर अभी से मैदान में उतरने से लेकर जीत सुनिश्चित करने, सत्ता की कुर्सी पर कब्जा बरकरार रखने के हर संभव प्रयास और रणनीति को अमली जामा पहनाने में जी-जान से जुट गया है।

इसके लिए सरकार की योजनाओं को आगे करते हुए सभी को जोड़ने पर भी जोर दिया जा रहा। गांव-गांव प्रचार और चौपाल के जरिए ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं की जानकारी भी दी जा रही है। इसी के साथ ही विकसित भारत संकल्प यात्रा भी निकाली गई है।

मिर्ज़ापुर जिला मुख्यालय से महज 4 किमी दूर सिटी विकास खण्ड के ग्राम पंचायत पिपराडाढ़ में 28 दिसंबर 2023 को विकसित भारत संकल्प यात्रा के तहत कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जहां जिले की सांसद एवं केन्द्रीय राज्यमंत्री अनुप्रिया पटेल एवं जनपद के प्रभारी मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नंदी उपस्थित रहे।

कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण एवं भारी संख्या में महिलाएं भी उपस्थित रहीं। इस दौरान विभिन्न सरकारी योजनाओं से संबंधित फार्म भी ग्रामीणों से भरवाए जा रहे थे। मसलन, आवास, पेंशन, शौचालय, पेयजल इत्यादि के जिसके लिए आसपास के गांवों से भी बड़ी संख्या में ग्रामीण एकत्रित हुए थे जिनमें महिलाओं की संख्या अधिक रही है।

फार्म जमा करने के लिए लगी रही भीड़

कड़ाके की ठंड, आसमान में छाए कोहरे के प्रकोप के बीच ग्रामीण इस उम्मीद के साथ एकत्र हुए थे कि उन्हें भी सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा। जिनको नहीं मिला है उनके फार्म भर दिए जाएंगे तो उन्हें भी लाभार्थी की सूची में शामिल कर लिया जाएगा। बस इसी उम्मीद के साथ बड़ी संख्या में ग्रामीण आधार, फोटो एवं अन्य आवश्यक दस्तावेजों के साथ फॉर्म जमा करने के लिए टूट पड़े थे। कार्यक्रम स्थल पर इसके लिए बाकायदा स्टाल लगाकर फॉर्म भरकर जमा भी किया जा रहा था।

एक तरफ जहां मंत्रीमहोदय अपने भाषणों के जरिए सरकार और पार्टी की नीतियों को बताते हुए सरकारी योजनाओं का गुणगान कर रहे थे तो वहीं दूसरी ओर ग्रामीण फार्म जमा कर योजना का लाभ लेने के लिए सूचीबद्ध होने की होड़ में लगे हुए थे। सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा था। ग्रामीण भी पूरी तरह से विश्वास में थे कि जिन किसी को सरकारी योजना आवास, शौचालय, पेंशन, आयुष्मान कार्ड इत्यादि का लाभ नहीं मिला है उन्हें अब जरूर इस योजनाओं का लाभ मिलेगा।

जमा किए गए फॉर्म जमीन पर बिखरे देख बिगड़ा ग्रामीणों का मिजाज

कार्यक्रम में मंत्रीद्वय लोगों को संबोधित कर कह रहे थे, तभी ग्रामीणों की नज़र उनके द्वारा योजनाओं का लाभ पाने के लिए जमा किए गए फॉर्म पर पड़ी जो कूड़े की तरह जमीन पर बिखरे पड़े थे। इसे देख ग्रामीण हल्ला मचाने लगे। वो संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों से भिड़ गए। अचानक ग्रामीणों के बदले मिजाज को देखकर उन्हें ना तो जवाब देते बन रहा था और ना ही सफाई।

मौके पर पहुंचे मीडिया वालों ने जब जमीन पर बिखरे पड़े फार्मो का वीडियो बनाना शुरू किया तो अधिकारियों और कर्मचारियों के हाथ-पांव फूलने लगे थे। मीडिया के लोगों की माने तो मौके पर मौजूद एक ग्राम प्रधान पहले तो बंदर घुड़की देकर मीडिया के लोगों को अरदब में लेना चाहा, लेकिन मामला बिगड़ता देख वह भी मौके से धीरे से खिसकते बने थे।

कार्यक्रम में पहुंची जमुनहिंया गांव की मंजू देवी का आरोप था कि वह आवास और शौचालय योजना का लाभ पाने के लिए फॉर्म भरी थीं, लेकिन कुछ देर बाद ही उनका फॉर्म जमीन पर बिखरा पड़ा हुआ, लोगों के पैरों तले रौंदा जा रहा था।” इसी प्रकार पिपराडाढ़ गांव निवासी मनीष कुमार सहित अन्य ग्रामीणों का आरोप रहा कि उनके द्वारा जमा किए गए फॉर्म को एकत्र कर फाइल में रखने के बजाए उन्हें फ़ेंक दिया गया। जो दर्शाता है कि उन्हें सिर्फ बरगलाया जा रहा है।

आनन-फानन में मांगा गया स्पष्टीकरण

हालांकि हंगामा खड़ा होने पर प्रशासन हरकत में आया और फौरन कुछ को कारण बताओ नोटिस जारी कर, दो दिवस के अंदर स्पष्टीकरण देने को कहा गया। दरअसल मामले का वीडियो वायरल होने के बाद प्रभारी जिलाधिकारी एवं सीडीओ विशाल कुमार ने संबंधित अधिकारियों को तत्काल कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

साथ ही दो दिन के अंदर स्पष्टीकरण देने के निर्देश बीडीओ सिटी, डीसी एनआरएलएम और डीसी मनरेगा से मांगा है। स्पष्टीकरण के साथ ही आवेदन पत्र देने वाली महिलाओं की पहचान करते हुए, बात करते हुए उनके आवेदन के निस्तारण के संबंध में संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए।

दूसरी ओर समाजवादी पार्टी ने इसकी निंदा करते हुए कड़े शब्दों में आलोचना की है। सपा जिलाध्यक्ष देवी प्रसाद चौधरी ने आम जनता के साथ अधिकारियों द्वारा किये गये व्यवहार की निंदा करते हुए अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि सपा का प्रतिनिधि मंडल पिपराडाढ़ जाकर मामले की जांच करेगा।

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