सूचना निदेशक से मिला समाचार पत्रों का प्रतिनिधिमंडल, लघु एवं मध्यम समाचार पत्रों को भी विज्ञापन दिए जाने का दिया प्रस्ताव

छोटे समाचार पत्रों को सरकार से यह अपेक्षा रहती है कि उन्हें भी नियमत: विज्ञापन देकर उनका जीवकोपार्जन करें। वर्तमान समय में महंगे संसाधनों की वजह से अखबार चलाना मुश्किल हो रहा है । सरकार को इस ओर भी ध्यान देना चाहिए।

यूनाइटेड न्यूज़ पेपर फेडरेशन के तत्वाधान में कई समाचार पत्रों के संपादकों, प्रतिनिधियों का एक प्रतिनिधिमंडल समाचार पत्रों की समस्याओं और विज्ञापन संबंधी विषयों को लेकर सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के निदेशक से मिला।
प्रतिनिधि मंडल ने समाचार पत्रों की समस्याओं और उनमें दिए जा रहे विज्ञापनों को लेकर विस्तार पूर्वक चर्चा करते हुए अपने-अपने सुझाव और प्रस्ताव निदेशक महोदय के समक्ष प्रस्तुत किये । कई विषयों पर गहन वार्ता के बाद निदेशक महोदय ने यह आश्वासन दिया कि मैं गंभीरता से विचार कर समाचार पत्रों की मदद करूंगा। यूनाइटेड भारत समूह के संपादक मनोज मिश्रा ने लघु एवं मध्यम समाचार पत्रों सहित सभी समाचार पत्रों को विज्ञापन दिए जाने की बात कही जैसा की विदित है वर्तमान समय में छोटे समाचार पत्रों को नियम से विज्ञापन न मिलने के कारण या तो वह समाचार पत्र बंद होने की कगार में हैं या भुखमरी के शिकार हैं। छोटे समाचार पत्रों को सरकार से यह अपेक्षा रहती है कि उन्हें भी नियमत: विज्ञापन देकर उनका जीवकोपार्जन करें। वर्तमान समय में महंगे संसाधनों की वजह से अखबार चलाना मुश्किल हो रहा है । सरकार को इस ओर भी ध्यान देना चाहिए। सभी समाचार पत्रों को नियमित विज्ञापन दिए जाने और समाचार पत्रों के प्रकाशन में आ रही समस्याओं के निदान के लिए प्रस्ताव रखा गया।
प्रतिनिधि मंडल में यूनाइटेड भारत समूह के संपादक मनोज मिश्रा, संपादक राजेंद्र गौतम,विधान केसरी के संपादक विनेश ठाकुर, राष्ट्रीय स्वरूप, जन संदेश, डेली न्यूज़ एक्टिविस्ट, निष्पक्ष दिव्य संदेश, खरी कसौटी के संपादक, एक संदेश, नव सत्ता, तिजारत, जनमोर्चा, वॉइस ऑफ़ लखनऊ, तरुण मित्र आदि लोगों ने सूचना निदेशक से मुलाकात कर समाचार पत्रों की समस्याओं से अवगत कराते हुए उनके समक्ष प्रस्ताव रखा ।
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