यूपी में बेखौफ बदमाश की दबंगई, इंस्पेक्टर के इशारे पर सरेराह पत्रकार की कर दी पिटाई

पत्रकार ने अपने चैनल पर बदमाश भूरा पहलवान और पुलिस इंस्पेक्टर गोवर्धन की दोस्ती पर एक खबर प्रसारित की थी. इस बात पर बदमाश संग इंस्पेक्टर उससे खफा थे. इस बीच जब पत्रकार कवरेज कर लौट रहा था तो उसी दौरान इंस्पेक्टर के इशारे पर भूरा पहलवान ने पत्रकार के साथ बेरहमी से मारपीट की. मारपीच में पत्रकार के कान और मुंह में काफी चोट आई है. इतना ही नहीं आरोपी ने मारपीट के साथ पत्रकार से लूटपाट की घटना को भी अंजाम दिया और उसका मोबाइल फोन छीनकर ले गए.

अपराध मुक्त प्रदेश का दावा करने वाली प्रदेश की योगी सरकार की राज में न्यायपालिका का चौथा स्तंभ माने जाने वाली पत्रकारिता अब सुरक्षित नहीं रही है. ऐसे में आमजन क्या ही उम्मीद कर सकता है. जी हां, यह हम नहीं बल्कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे पत्रकार के साथ मारपीट के वीडियो कह रहा है. बीते दो दिन पहले मथुरा के भूरा पहलवान नामक एक दबंग ने इंडिया न्यूज के पत्रकार की सरेराह इसलिए पिटाई कर दी क्योंकि उसने उसके खिलाफ खबर प्रसारित की थी. इस मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें यूजर प्रदेश की न्याय व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं.

क्या है पूरा मामला ?

आपको बता दें कि बीते 5 अगस्त को पत्रकार ने अपने चैनल पर बदमाश भूरा पहलवान और पुलिस इंस्पेक्टर गोवर्धन की दोस्ती पर एक खबर प्रसारित की थी. इस बात पर बदमाश संग इंस्पेक्टर उससे खफा थे. इस बीच जब पत्रकार कवरेज कर लौट रहा था तो उसी दौरान इंस्पेक्टर के इशारे पर भूरा पहलवान ने पत्रकार के साथ बेरहमी से मारपीट की. मारपीच में पत्रकार के कान और मुंह में काफी चोट आई है. इतना ही नहीं आरोपी ने मारपीट के साथ पत्रकार से लूटपाट की घटना को भी अंजाम दिया और उसका मोबाइल फोन छीनकर ले गए.

इसके बाद पत्रकार जान बचाकर पुलिस स्टेशन पहुंचा और उसने आरोपी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई. इस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने पत्रकार के फोन की लोकेशन की मदद से भूरा बदमाश को गिरफ्तार कर लिया. इस गिरफ्तारी में चौकी इंचार्ज पल्सव, हिन्दुस्तान के पत्रकार हरिविंद चौधरी, पत्रकार धर्वेंदर मौजूद रहें. साथ ही आरोपी के खिलाफ लूटपाट और मारपीट की धारा में मुकदमा दर्ज कर उसका चालान किया गया है.

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो पर यूजर्स का गुस्सा फूट पड़ा है. इसमें एक यूजर ने योगी प्रशासन पर सवाल खड़े करते हुए लिखा है कि, लगता है इस अपराधी को पूर्ण संरक्षण प्राप्त है..तभी इसके हौसले से बुलंद है… वहीं दूसरे यूजर ने कहा कि, लगता है महाशय को राजनीतिक आकाओं द्वारा लाभ दिया जा रहा है तभी तो स्थानीय पुलिस भी आंखें बंद किये है…वहीं तीसरे यूजर ने लिखा है कि, मुख्य मंत्री जी पत्रकारों के लिए भी कोई कानून बना दे जिससे उनका उत्पीड़न बंद हो. एक और यूजर ने कहा है कि क्या गुंडे प्रदेश से जा चुके हैं ?

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