जनता टीवी के रिपोर्टर ने खुद को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ओएसडी बताकर 41 लाख रुपये लुटे

एफआईआर में रिपोर्टर के साथ एक परमहंस गुप्ता नामक दरोगा, रुद्रा हाइट्स अपार्टमेंट का मालिक और एक अज्ञात को भी शामिल किया गया है.

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में जनता टीवी के रिपोर्टर धर्मेंद्र चौबे पर 41 लाख रुपये लूट का मुकदमा दर्ज किया गया है. दर्ज की गई एफआईआर में रिपोर्टर के साथ एक परमहंस गुप्ता नामक दरोगा, रुद्रा हाइट्स अपार्टमेंट का मालिक और एक अज्ञात को भी शामिल किया गया है.

आरोप है कि जनता टीवी के रिपोर्टर ने खुद को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ओएसडी बताकर इस वारदात को अंजाम दिया है. वहीं, प्रकरण में शामिल परमहंस गुप्ता थाना सारनाथ का पूर्व प्रभारी निरीक्षक रह चुका है. मामले को अंजाम देते हुए यह दोनों सीसीटीवी फुटेज में कैद भी हुए हैं. जिसमें इनके हाथ में रुपयों से भरा बैग भी दिखाई दे रहा है.

लूट के इस मामले में इन चार लोगों के खिलाफ वाराणसी के थाना सारनाथ में अपराध संख्या- 518/2024 के तहत 319(2), 309(4), 3 व 4 (सार्वजनिक जुआ अधिनियम) की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है.

मामले में जनता टीवी के यूपी हेड अनिल कुमार ने बताया कि प्रकरण संज्ञान में आया है. एक एफआईआर भी प्राप्त हुई है. मैंने मामले को ऊपर भेज दिया है. कंपनी जो भी निर्णय लेगी धर्मेंद्र चौबे के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

 

41 लाख रुपये की बड़ी लूट में मुकदमा दर्ज होने के बाद भी जनता टीवी ने अपने रिपोर्टर को आखिर निकाला क्यों नहीं?

वाराणसी के सारनाथ स्थित एक अपार्टमेंट से लूटे गए 41 लाख रुपयों में नामजद जनता टीवी न्यूज़ चैनल के रिपोर्टर धर्मेंद्र चौबे कहां है, किसी को कोई भी जानकारी नहीं है. मामले में जो एफआईआर दर्ज हुई है उसमें सारनाथ थाना के पूर्व इंस्पेक्टर परमहंस गुप्ता, रुद्रा हाइट्स अपार्टमेंट का मालिक और एक अज्ञात भी शामिल है.

सात तारीख की इस घटना में 14 तारीख को एफआईआर दर्ज हुई. इस बीच मीडिया जगत में एक चर्चा जोरों पर है कि 41 लाख रुपये की बड़ी लूट में मुकदमा दर्ज होने के बाद भी जनता टीवी ने अपने रिपोर्टर को आखिर निकाला क्यों नहीं?

 

कुछ जानकारों की माने तो चैनल के एडिटर इन चीफ हिमांशु द्विवेदी अपने रिपोर्टर का बचाव कर रहे हैं. भड़ास को यहां तक बताया गया कि संभवत: हिमांशु द्विवेदी ने रिपोर्टर कहीं दाएं-बाएं कर दिया है.

 

हालांकि, कौए के पीछे भागने की बजाए, भड़ास ने चैनल के प्रधान संपादक हिमांशु द्विवेदी से संपर्क करना ज्यादा मुनासिब समझा.

 

हिमांशु द्विवेदी ने भड़ास से हुई बातचीत में कहा- “मेरी जानकारी में तो कुछ है नहीं. एफआईआर दर्ज हुई है उसके माध्यम से जानकारी हुई है. रिपोर्टर संपर्क में नहीं है. संपर्क में होते ही पता करता हूं. वस्तुस्थिति का पता करने के बाद पुलिस प्रशासन से भी बात करेंगे. व्यक्ति संस्थान से संबंध रखता है, ये तो कह नहीं सकते कि संस्थान से संपर्क नहीं रखता. उसका पक्ष भी सुना जाएगा. पूरे मामले में जो भी निष्कर्ष निकलता है उस अनुसार कार्रवाई की जाएगी.”

 

अमर उजाला की वेबसाइट में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, यह पूरा मामला थाना सारनाथ क्षेत्र के पहड़िया स्थित रुद्र अपार्टमेंट का है. 7 नवंबर को इस अपार्टमेंट में तमाम रईसजादे जुआ खेल रहे थे. इनमें आशापुर का एक पूर्व ब्लॉक प्रमुख, स्कूल संचालक, पेट्रोल पंप व्यवसायी, ज्वेलरी शो रूम का मालिक, पाइप और रियल स्टेट कारोबारी, होटल व्यवसायी समेत 20 कारोबारियों के बेटे जुए की फड़ में जमे बैठे थे.

 

इसी दौरान दरोगा परमहंस गुप्ता के साथ जनता टीवी का रिपोर्टर धर्मेंद्र चौबे पहुंचा, जिसे देख सभी अवाक रह गए. फड़ में रखे 41 लाख रुपये हड़प लिए गए. घटना के बाद से सभी रईसजादों के फोन भी स्विच ऑफ बताए जा रहे हैं.

 

अब तक की जांच में पता चला कि घटना वाले दिन सिगरा क्षेत्र का साड़ी कारोबारी जुए में 14 लाख रुपये हार गया था. इसकी भरपाई के लिए कारोबारी ने चौबेपुर निवासी एक व्यक्ति से संपर्क साधा और जुए की मुखबिरी कर दी. जिसके बाद मुख्यमंत्री का एसओडी बनकर दरोगा के साथ जनता टीवी का रिपोर्टर पहुंचा था.

 

बहरहाल, बताया जा रहा है कि 41 लाख रुपये हड़पने के मामले की जांच एडीसीपी वरुणा सरवणन टी. ने शुरू कर दी है. उनका कहना है कि मामले में छानबीन जारी है. जल्द ही सारे तथ्य सामने आएंगे.

 

जुआ कांड में दूसरे व्यक्ति का नाम धर्मेंद्र चौबे!

 

आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने यूपी के डीजीपी तथा वाराणसी के पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर कहा है कि उन्हें दी गई जानकारी के अनुसार जुआ कांड के दूसरे आरोपी का नाम धर्मेंद्र कुमार चौबे उर्फ पिंटू पुत्र विनोद चौबे, ग्राम छीतमपुर, थाना चौबेपुर वाराणसी बताया गया. उन्होंने अपने पत्र में कहा कि गोपनीय सूत्रों से उन्हें उस व्यक्ति के कई फोटो भेजे गए हैं, जिसमें एक फोटो पूर्व में इंस्पेक्टर परमहंस गुप्ता के साथ हैं, जबकि दूसरे फोटो में वह व्यक्ति अपने घर में वही बैग लेकर घुसता हुआ बताया गया है. अमिताभ ठाकुर ने इस आधार पर उस व्यक्ति की शिनाख्त करते हुए उसके खिलाफ भी समुचित कार्रवाई किए जाने की मांग की है.

 

‘वर्दीवाला लुटेरा’: जुए के फड़ से 41 लाख हड़पने में थाना प्रभारी निलंबित, वीडियो वायरल होने पर कार्रवाई

वाराणसी के एक मामले को लेकर सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कडी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने एक्स पर इसे पोस्ट किया और लिखा कि उप्र में फिल्म सिटी तो नहीं बनी, लेकिन फिल्म की रीयल लोकेशन शूटिंग शुरू हो गई. सारनाथ में हाई प्रोफाइल बिल्डिंग में खेले जा रहे हाई प्रोफाइल जुआ में हाई प्रोफाइल स्टाइल में एक छापा पड़ा और कोई माल लेकर नदारद हो गया. इस फिल्म का क्लाइमेक्स ये है कि देश के प्रधान संसदीय क्षेत्र के निकटस्थ हुई इस वारदात की हिस्सेदारी में असली दावा किसका होगा? यह रहस्य जानने के लिए देखते रहिए भाजपाई भ्रष्टाचार की धारावाहिक फिल्म : ‘वर्दीवाला लुटेरा’. तो आइए जानते हैं कि आखिर ऐसा क्याइ हुआ…

वर्दी पर दाग, इंस्पेक्टर की भूमिका संदिग्ध

दरअसल, वाराणसी में पहड़िया स्थित बहु‍मंजिली बिल्डिंग रुद्रा हाइट्स में जुआ खेल रहे व्यापारियों से 41 लाख रुपये हड़पने के मामले में पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने सारनाथ थाना प्रभारी परम हंस गुप्ता को निलंबित कर दिया। पुलिस आयुक्त के अनुसार प्रथम दृष्टया इंस्पेकक्टलर की भूमिका संदिग्ध मिली है. इसलिए उनके खिलाफ कार्रवाई की गयी है. इस मामले की जांच एडीसीपी वरुणा जोन सरवणन टी को सौंपी गई है.

दूसरी तरफ घटना से संबंधित 12 मिनट का एक सीसीटीवी फुटेज रविवार को इंटरनेट मीडिया पर साझा किया गया, जो तेजी से वायरल हो रहा है. फुटेज में खाकी वर्दी पहने एक इंस्पेक्टर समेत दो लोग बिल्डिंग की लिफ्ट से दो बैग के साथ निकलते दिख रहे हैं. इंस्पेक्टर का साथी चौबेपुर क्षेत्र निवासी कथित पत्रकार बताया गया है.

जुए में हारने पर मुखबिरी का संदेह

सारनाथ थाना क्षेत्र के पहड़िया स्थित एक अपार्टमेंट के एक फ्लैट में गत सात नवंबर की रात शहर के कुछ बड़े व्यापारी जुआ खेल रहे थे. एक खिलाडी जुए में बडी रकम हार गया. आशंका है कि उसने ही इसकी मुखबिरी कर दी. इसके बाद आधी रात बाद एक इंस्पेक्टर अपने एक साथी के साथ अपार्टमेंट में कार से पहुंचा और लिफ्ट से फ्लैट में गया. इंस्पेक्टर के साथी ने फ्लैट में मौजूद व्यापारियों से खुद का परिचय मुख्यमंत्री के ओएसडी के रूप में दिया.

आरोप है कि दोनों ने जुआ खेल रहे व्यापारियों को तगड़ी कानूनी कार्रवाई का भय दिखाया और धमका कर मौके पर मिले 41 लाख रुपये दो बैग में रख लिए. हालांकि इस संबंध में किसी भी व्यापारी ने पुलिस के किसी अधिकारी या सारनाथ थाने में शिकायत नहीं की थी. इंटरनेट मीडिया पर मामला वायरल होने पर शनिवार को मामला अचानक चर्चा में आया तो पुलिस आयुक्त ने उसका संज्ञान लिया. इस संबंध में पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने बताया कि अभी तक किसी ने शिकायत नहीं की है. मामले की गंभीरता को देखते हुए आईपीएस अफसर से जांच कराई जा रही है. जांच में जो तथ्य सामने आएगा, उसके आधार पर संबंधित लोगों के खिलाफ विभागीय और कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

पहले भी लग चुका है खाकी पर दाग

जिले में यह पहली कार्रवाई नहीं है. कमिश्नरेट के पुलिस कर्मियों पर डकैती, दुष्कर्म और भ्रष्टाचार जैसे गंभीर आरोपों को लेकर लगातार दो साल से शिकंजा कसा जा रहा है. 29 मई 2023 को भेलूपुर थाना क्षेत्र की एक कॉलोनी स्थित गुजरात की एक फर्म के कार्यालय से 1.40 करोड़ रुपये लूट लिए गए थे. इस मामले में तत्कालीन भेलूपुर थानाध्यक्ष रमाकांत दूबे सहित सात पुलिस कर्मियों पर कानूनी और विभागीय कार्रवाई की गयी थी. इसके बाद 24 जुलाई 2024 को तत्कालीन नदेसर चौकी इंचार्ज सूर्य प्रकाश पांडेय को 42.50 लाख रुपये की डकैती के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.

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