रामभद्राचार्य ने व्यास पीठ पर बैठकर अपने एक चेले शाश्वत शर्मा को विधानसभा में समीक्षा अधिकारी बनाने की सिफारिश

 

रामभद्राचार्य ने व्यास पीठ पर बैठकर अपने एक चेले शाश्वत शर्मा को विधानसभा में समीक्षा अधिकारी बनाने की सिफारिश,
विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना से की है.

खुद को जगद्गुरु कहने वाले रामभद्राचार्य की ये सिफारिश धर्मसम्मत है या नहीं. या इतनी बड़े स्थान पर बैठकर की गई ये सिफारिश को आप अनैतिक मानते हैं.

अगर रामभद्राचार्य की सिफारिश मानकर उनके चेले की अवैध नियुक्ति हुई तो क्या इससे एक प्रतिभाशाली अभ्यर्थी का हक नहीं मारा जाएगा?

रामभद्राचार्य ने अपने चेले शाश्वत शर्मा की नौकरी की सिफारिश करके दुनिया को बता दिया कि बीते 75 वर्षों के दौरान कैसे बहुजनों का हक मारकर नौकरियों की लूट होती रही है.

मेरिट के धोखे के नाम पर ऐसे ही अयोग्य चेलों और रिश्तेदारों को नौकरियों में भर दिया गया. इन्हीं अयोग्य लोगों की वजह से भारत तरक्की में दुनिया के बाकी देशों से पीछे रह गया.

नौकरियों की ये लूट आज भी जारी है. कभी पेपर लीक के माध्यम से, कभी नॉर्मलाईजेशन के नाम पर, कभी NFS के नाम पर.

सुनें रामभद्राचार्य को, इस एक्स लिंक पर क्लिक करें!

https://x.com/anilyadavmedia1/status/1857395256142037083?s=46

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