पूर्व आईएएस सूर्य प्रताप सिंह और यूट्यूबर पत्रकार अजित अंजुम क्यों भिड़ गए आपस में

स्थानीय पत्रकार ने चाय पकौड़ी खाने को रुके, नफरती यूट्यूबर की हुर्र हुर्र कर दी, दुखती रग पर हाथ रख दिया.. “कितना पैसा मिला था, लड़की (बेटी) को बदनाम करने के लिए?” नफ़रत बोओगे तो नफ़रत ही तो मिलेगी, मेरे भाई। .. लेकिन अफ़सोस है, इतना नहीं रपटाना चाहिए था, चाय पकौड़ी तो खा लेने देते, मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूँ। इनकी मजबूरी भी समझना चाहिए, यूट्यूब के टुकड़ों व मोदी नफ़रत से ही तो परिवार का पेट भरता है।

मिस्टर सूर्य प्रताप सिंह , आप जैसे लीचड़ आदमी के लिए मैं कुछ लिखना नहीं चाहता था लेकिन अब आपने ये सब लिख दिया तो जवाब देना जरूरी हो गया है . आप वही आदमी हैं न, जिसके मैसेज का मैं जवाब नहीं देता था तो दुखी होकर मुझे DM करता था . आपकी मेमोरी लॉस हो गई हो तो आपके मैसेज का स्क्रीन शॉट लगा रहा हूं . आपको मेरी तरफ से भाव नहीं मिलने की तकलीफ इस मैसेज में दिख रही हैं . आप भी पढ़ें और जनता भी पढ़े. आपको लिफ्ट नहीं देता था या आपको जवाब नहीं देता था तो कितने दुखी होते थे . मुझे अंदाजा था कि आप भले ही ऊंचे पदों पर रहे लेकिन आदमी आप लीचड़ हैं . आपकी पूंछ कहीं दबी है तो खूब भक्ति कीजिए. मैं पहले भी यही था . आगे भी यही रहूंगा. आपने जितनी चाटुकारिता अखिलेश और विपक्ष की है और ‘ बाबा तो गयो’ के नाम पर जो नौटंकी की है , सब हमने देखा है . रही बात इस वीडियो की , तो आसाराम के चेलों ने फर्जी केस कर रखा है , उसका जवाब कोर्ट में दिया जा रहा है . रही बात इस वीडियो की , तो कोई पत्रकार नहीं हैं .सब आसाराम के चेलों के साथ आते हैं ताकि तमाशा करके कुछ वायरल कर सकें . अब आप लिखिए और मैं आपको कायदे से जवाब दूंगा .

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