राजदीप सरदेसाई कॉन्ग्रेस की गोद में बैठ पाकिस्तान और 26/11 आतंकी हमले पर दे रहे थे ज्ञान, पुराने कॉन्ग्रेसी नेता ने सरेआम धो डाला

राजदीप सरदेसाई उनसे पूछ रहे थे कि शिवसेना ने विज्ञापन दिया है जिसमें लिखा है कि कॉन्ग्रेस की जीत का जश्न पाकिस्तान में मनेगा। आप क्या चाहते हैं कि आपके वोट का जश्न भारतीय मनाएँ या पाकिस्तानी।

राजदीप सरदेसाई और मिलिंद देवड़ाइंडिया टुडे के पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने कॉन्ग्रेस का बचाव करवाने के चक्कर में फिर से अपनी घोर फजीहत करवा ली। इस बार उनकी बेइज्जती पूर्व कॉन्ग्रेस नेता और वर्तमान में शिंदे गुट के शिवसेना सांसद मिलिंद देवड़ा ने की है।

राजदीप सरदेसाई उनसे पूछ रहे थे कि शिवसेना ने विज्ञापन दिया है जिसमें लिखा है- “कॉन्ग्रेस की जीत का जश्न पाकिस्तान में मनेगा… आप क्या चाहते हैं कि आपके वोट का जश्न भारतीय मनाएँ या पाकिस्तानी।”

इसी पर सरदेसाई ने उनसे पूछा कि उनकी पार्टी इस तरह के प्रचार कर रही है जबकि एनडीए तो भविष्य और विकास की बात कर रही है। इस पर मिलिंद देवड़ा ने सरदेसाई को टोंकते हुए पूछा कि क्या राष्ट्रीय सुरक्षा भारत का मुद्दा नहीं है। ये भारत को उस विकसित भारत के मुकाम तक पहुँचाने के लिए जरूरी नहीं जिसकी बात एनडीए कर रही है।

इस बीच सरदेसाई ने आहत होकर देवड़ा से कहा शिवसेना का विज्ञापन डर फैलाने वाला है। उन्होंने पूछा, “क्या मैं अगर कॉन्ग्रेस पार्टी को वोट दे रहा हूँ तो मैं पाकिस्तान समर्थक हूँ।”

उन्होंने कहा, “जब 26/11 हुआ मैं उस समय साउथ मुंबई से सांसद था। मैं प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बहुत करीब काम करता था। उस समय सरकार और जाँच एजेंसियों की मंशा दुनिया को ये बताने की थी कि पाकिस्तान के पीछे संयुक्त राष्ट्र है जबकि पाकिस्तान इस बात को खुद स्वीकार कर चुका था कि 26/11 उन्होंने खुद किया है। हमने उस समय अजमल कसाब को पकड़ा था, उसके ऊपर केस चला था और उसको सजाए मौत हुई थी।”

देवड़ा ने आगे कॉन्ग्रेसियों की पोल खोलते हुए सरदेसाई से पूछा कि उस समय कॉन्ग्रेसी नेताओं ने आतंकी हमले के बाद क्या कहा था? उन्होंने एक किताब रिलीज की थी (26/11 आरएसएस की साजिश/लेखक अजीज बर्नी) ताकि पाकिस्तान से लोगों का ध्यान भटक जाए और सारा इल्जाम हिंदुओं पर लगे। देवड़ा पूछते हैं कि आखिर ये सब हिंदू-मुस्लिम पहले किसने किया था।

सरदेसाई ने इस जगह कॉन्ग्रेस के हिंदू विरोधी चेहरे को ढाँकने का प्रयास किया वो भी ये कहकर कि वो लोग सिर्फ किताब के विमोचन में शामिल हुए थे। इसके अलावा देवड़ा से ही सवाल किए कि उन्होंने इसके विरोध में क्या किया। तब, देवड़ा बोले कि उन्होंने पार्टी के आतंरिक मंचों पर इस मुद्दे को उठाया था।

बता दें कि देवड़ा के साथ बातचीत में सरदेसाई ने आखिर तक ये साबित करने का प्रयास किया कि ये विज्ञापन गलत है और शिवसेना के स्तर को गिराती है। इस पर देवड़ा ने फिर राजदीप को फटकार लगाते हुए कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा का कोई मजाक नहीं है बल्कि जरूरी मुद्दा है और चुनावों में भी महत्वपूर्ण है।

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