मान्यता समिति के चुनाव की नहीं थम रही रार, पढ़िए प्रभात त्रिपाठी का पत्रकार साथियों को लिख पत्र

पत्रकारो की आपात वैठक गुरूवार 8 अगस्त को 4 बजे एनेक्सी मीडिया सेन्टर में, नया आयोग और नई तारीख की होगी घोषणा।

मेरे प्रिय सम्मानित पत्रकार साथियो।
बड़े दुख की बात हैं कि 6 दशक पूर्व बनी आपसी सहमति से समिति जिसका कार्य सिर्फ प्रेस कान्फ्रेन्स में समय का टकराव न हो और एक अनुमति मिले उसके लिये प्रदेश की पत्रकारिता में मौजूद एक सैकड़ा पत्रकारो ने उत्तर प्रदेश राज्य मुख्यालय मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति का निर्माण किया था।लेकिन धीरे धीरे यह समिति में लोगो ने कब्जा करके मठाधीशी शुरु कर दी और उसे वेइमानी से हथिया कर लाभ लेना व्यक्तिगत शुरू कर दिया। 90 के दशक से अध्यक्ष और सचिव का पद लाभ का पद बना दिया।सूचना विभाग में गठित मान्यता समिति जो पत्रकारो को मान्यता प्रदान करती है उसमे सीधे वेइमानी से जीते अध्यक्ष और सचिव को नामित करना शुरू कर दिया जो गैर कानूनी है। मान्यता समिति में सिर्फ पत्रकार सगठन से पीटीआई से और यू एन आई एजेंसी से ही नामित पत्रकार भेजे जाते थे।
धीरे घीरे 1997 से इलेक्ट्रोनिक चैनल आये और छायाकार प्रिन्ट मीडिया के पत्रकारो की संख्या बढी 240 से आज 897 पत्रकार राज्य मुख्यालय में मान्यता प्राप्त पत्रकार मौजूद हैं।कभी सभी पत्रकारो को सूचना नहीं दी गई कि आप आये और आमसभा की वैठक में मौजूद रहे।कुछ मुट्ठीभर पत्रकारो ने मठाधीसी के चलते इस समिति में अपने स्वार्थ और लालच के लिये एन केन (साम दण्ड भेद) को अपना कर एक ही चेहरे ने कब्जा कर पूरे देश में उत्तर प्रदेश की प्राकारिता में कब्जा कर लिया।प्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को एक प्रेस वार्ता में कहना पड़ा कि तुम्हारा गैंग कैसा चल रहा है। यह कथन पत्रकारिता को बहुत शर्मशार करता है जिसे तमाम पत्रकारो को समझना चाहिये।
प्रिंट मीडिया जिसमे तमाम लघु समचार है जो बन्दी के कगार में है उनके तमाम संवाददाता की समस्या और प्रदेश के तमाम छायाकार जो रोज दो जून की रोटी के लिये दिन भर कैमरा लिये अपना पसीना बहाते है उनके लिये आज तक इन मठाधीसो ने क्या किया यह बड़ा सवाल है।इन्ही सवालो.के लिये पत्रकारो की एक आपात वैठक करने की जरूरत पड़ी हैं जिससे बार बार एक चेहरा बद कमरे में उसी आयोग से चुनाव कराकर फिर समिति में कब्जा न कर ले यह डर तमाम पत्रकारो का हैं। एसे मठाधीस चेहरे को काविज कराने के लिये एक दो चेहरे हमेशा पर्दे के पीछे से काम करके कुछ बड़े नौकरशाह का समर्थन हांसिल करके उन्हे स्थापित करने में लगे है। मै तमाम उन साथियो से कहना चाहता हूँ अभी भी वक्त है जाग जाओ।अपने ज़मीर से कोई समझौता मत करो।अपने अमूल्य वोट से नई समिति और नये आयोग को चुनो।
वर्तमान समय में दोनों आयोग की प्रासंगिता खत्म हो चुकी है।इसकी चुनाव प्रक्रिया विवादित है इसी लिये जरूरी हो गया है एक साफ सुथरा आयोग बने उसमें विवादित चेहरे न हो एक चुनाव हो एक समिति साफ सुथरी का चयन हो।उसके लिये आपात वैठक जरूरी थी।
मैने चुनाव कराने के लिये 1 जुलाई 2024 को आम सभा की वैठक तमाम पत्रकारो की बुलाई थी जिससे लोकतत्र को मजबूत करने के लिये चुनाव हो लेकिन पता नहीं चला कि हमेशा की तरह कुछ मठाधीस इस पूरी प्रक्रिया को हाईजैक करके हथिया लेंगें।जो निर्वतमान समिति हेंमत की थी उसने कार्यकाल समाप्त के 16 माह से नये चुनाव के लिये कोई वैठक नही बुलाई तब मुझे आम सभा बुलानी पड़ी।मै हौंसला नही हारा एक बार फिर उन तमाम पत्रकारो छायाकारों चैनलो प्रिंट मीडिया के साथियो के हक और हकूक के लिये एक आपात वैठक गुरुवार 8 अगस्त को 4 बजे एनेक्सी मीडिया सेन्टर में बुलाता हॅू जिसमे तमाम पत्रकार नया आयोग और नई तारीख का एलान करेगे।बुधवार तक इस समिति की विवादित चुनाव प्रक्रिया से हमारे साथी दूर रहे।
साथ ही में सूचना निदेशक श्री शिशिर जी से आग्रह करूंगा जो हमारे तमाम पत्रकारो के संरक्षक है जिनके हस्ताक्षर से ही हमे प्रेस कार्ड मिलता है उसके सम्मान की रक्षा करने के लिये वह ऑबजरवर बन कर एक निस्पक्ष चुनाव और नये आयोग के गठन के लिये वैठक में आकर मार्गदर्शन दे और उस समय तक विवादित प्रक्रिया जो आज से विघान सभा प्रेस रुम में की जा रही है उसे तत्काल रोकने का आदेश दे।घन्यवाद🙏🏻🙏🏻
आपका भाई
प्रभात त्रिपाठी
9450410050

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