2019 से ईडी ने नेताओं के ख़िलाफ़ 132 मनी लॉन्ड्रिंग मामले दर्ज किए, केवल एक में दोषसिद्धि
केंद्र सरकार ने संसद में बताया कि 2019 से वर्तमान और पूर्व सांसदों, विधायकों, एमएलसी और राजनेताओं के ख़िलाफ़ मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम के तहत दर्ज की गईं कुल 132 ईसीआईआर में से केवल 5 मामलों में सुनवाई पूरी हुई है, जबकि एक केस में दोषसिद्धि हुई है.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 2019 से वर्तमान और पूर्व सांसदों, विधायकों, एमएलसी और राजनीतिक नेताओं के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत कुल 132 मनी लॉन्ड्रिंग मामले दर्ज किए हैं, जबकि केवल एक मामले में दोषसिद्धि हुई है. यह जानकारी केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने मंगलवार (6 अगस्त) को संसद को दी.
राज्यसभा में लिखित उत्तर में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने आम आदमी पार्टी (आप) सांसद संजय सिंह के एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि इस अवधि में कुल 132 वर्तमान और पूर्व सांसदों, विधायकों, एमएलसी और राजनीतिक नेताओं के खिलाफ पीएमएलए के तहत ईडी द्वारा प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर- एफआईआर की समकक्ष ईडी शिकायत) दर्ज की गई है.
चौधरी द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार 31 जुलाई तक 2019 में 15, 2020 में 28, 2021 में 26, 2022 में 34, 2023 में 26 और 2024 में 3 मामले दर्ज किए गए.
दर्ज की गई कुल 132 ईसीआईआर में से केवल 5 मामलों में सुनवाई पूरी हुई है, जबकि केवल एक मामले में दोषसिद्धि हुई है.
डेटा के अनुसार एकमात्र दोषसिद्धि 2020 में हुई थी, लेकिन इसमें कोई और विवरण नहीं दिया गया है.
उल्लेखनीय है कि विपक्षी दलों ने नरेंद्र मोदी सरकार पर ईडी को ‘हथियार’ के रूप में इस्तेमाल करने और राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगता रहा है, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले कहा था कि ईडी स्वतंत्र तरीके से काम करता है.सितंबर 2022 में इंडियन एक्सप्रेस की एक जांच से पता चला था कि 2014 में जब मोदी के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी पहली बार सत्ता में आई थी, तब से नेताओं के खिलाफ ईडी के मामलों में चार गुना वृद्धि हुई है.
मंगलवार को टीएमसी सांसद सागरिका घोष के प्रश्न के उत्तर में चौधरी द्वारा दिए गए एक अन्य लिखित उत्तर में वित्त मंत्रालय ने बताया कि 31 जुलाई तक पीएमएलए के तहत कुल 7083 ईसीआईआर दर्ज किए गए हैं. जवाब में कहा गया, ‘पीएमएलए के तहत दोषसिद्धि की दर लगभग 93 प्रतिशत है.’
पिछले साल मार्च में ईडी ने आंकड़े उपलब्ध कराए थे, जिसमें बताया गया था कि 2005 से जनवरी 2023 तक उसने 5,906 मामले दर्ज किए हैं, जिनमें से केवल 25 मामलों का निपटारा किया गया है, जो कुल मामलों का मामलों का 0.42% है, जिससे 96% दोषसिद्धि दर का दावा किया जा सकता है.
घोष ने राज्यवार डेटा भी मांगा था, चौधरी ने कहा कि ईडी द्वारा राज्यवार डेटा नहीं रखा जाता है. हालांकि, वित्त मंत्रालय ने उसी दिन लोकसभा को सूचित किया कि 2014 से पीएमएलए के तहत 5,297 मामले दर्ज किए गए हैं और राज्यवार आंकड़े भी उपलब्ध कराए गए हैं.
चौधरी ने अपने जवाब में यह भी बताया कि पीएमएलए के तहत जब्त की गई कुल आय का मूल्य लगभग 3725.76 करोड़ रुपये है, पीएमएलए के तहत फ्रीज की गई राशि लगभग 4651.68 करोड़ रुपये है और पीएमएलए के तहत कुर्क की गई राशि लगभग 1,31,375 करोड़ रुपये है.