अब विनायक राजहंस ने भी सुभाष राय के खिलाफ खोला मोर्चा, …….ये हैं माननीय डॉक्टर सुभाष राय !



‘संस्थान छोड़कर जाओगे तो वेतन रोक दिया जायेगा….!’ यही कहा था सुभाष राय ने मेरे इस्तीफ़ा देते समय. एक ‘स्वनामधन्य’ संपादक ऐसी धमकी दे तो आप क्या करेंगे ! मतलब यह कि आप समय से वेतन भी नहीं दे रहे हैं और कोई संस्थान छोड़ना भी चाहता है तो उसे धमकी दी जाती है कि जाओगे तो वेतन रोक दिया जायेगा. इन्ही सुभाष राय का कितना सम्मान मैं करता था, हर कोई करता था लेकिन अब उन्होंने अपनी छवि धूमिल कर ली है. अब वे सहृदयी संपादक से एक शोषणकारी और क्रूर प्रबंधन का हिस्सा हो गए हैं.
एक बात और. मैं अपनी शादी का कार्ड लेकर उन्हें निमंत्रित करने और इसके लिए निश्चित अवकाश मांगने हेतु उनके पास गया था. उन्होंने कहा कि ‘कहीं नौकरी ढूंढने तो नहीं जा रहे हो’…. हाथ में शादी का कार्ड और जिस पर डॉ सुभाष राय का नाम लिखा था…..के बावजूद राय साहब ने ऐसा कहा, हैरान करता है. आखिर यहकिस मानसिकता का परिचायक है ! जबकि मैंने उन्हें लगभग दो महीने पहले ही अपनी शादी की बाबत सूचित कर दिया था. 
इन सब वाकयों का मतलब क्या है…..अक्सर नैतिकता की बात करने वाले खुद क्यों अनैतिक हो जाते है ?

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