प्रयागराज में वकीलों के चैंबर पर चला बुलडोजर; नगर निगम पर भड़के अधिवक्ताओं ने की आगजनी-तोड़फोड़

वकीलों के चैंबर के साथ करीब 1000 से अधिक दुकानों को भी तोड़ दिया गया. विरोध में वकील और दुकानदार सड़कों पर उतर आए.

कचहरी परिसर में बनाए गए सैकड़ों अस्थायी अधिवक्ता चैंबर को हटाने की कार्रवाई प्रयागराज नगर निगम की कार्रवाई के दौरान बवाल हो गया. गुस्साए अधिवक्ताओं ने नगर निगम की अतिक्रमण हटाओ कार्रवाई के विरोध में तोड़फोड़ और आगजनी कर दी.

वकीलों के चैंबर के साथ करीब 1000 से अधिक दुकानों को भी तोड़ दिया गया. विरोध में वकील और दुकानदार सड़कों पर उतर आए. टूटी कुर्सियां और फर्नीचर सड़क पर रखकर चक्का जाम कर दिया गया. कई जगह आगजनी हुई, जिससे पूरा इलाका पुलिस छावनी में तब्दील हो गया.

वकीलों ने नगर निगम की इस कार्रवाई को विश्वासघात बताया. कहा कि नगर आयुक्त से पहले ही मांग की गई थी कि वैकल्पिक व्यवस्था के बिना चैंबर न तोड़े जाएं. वकीलों का आरोप है कि अचानक आई टीम ने फाइलें, स्टाम्प, लैपटॉप और नकदी उठा ली. वकीलों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से नगर आयुक्त व डीएम पर लूट का मुकदमा दर्ज करने और दोनों का ट्रांसफर करने की मांग की है.

6 बुलडोजर के साथ नगर निगम ने की कार्रवाई: सुबह करीब 5 बजे नगर निगम की टीम 6 बुलडोजरों के साथ पहुंची. कार्रवाई के दौरान विकास भवन और कचहरी के सामने अस्थायी चैंबर, कुर्सी-मेज और करीब 1500 दुकानों को हटाया गया. चार थानों की फोर्स, RAF और PAC की मौजूदगी में अतिक्रमण तोड़ा गया. तकरीबन साढ़े चार घंटे चली इस कार्रवाई के दौरान जब वकील मौके पर पहुंचे तो टीम लौट गई.

हंगामा यहीं नहीं थमा. वकीलों ने कटरा स्थित नगर निगम जोन-3 कार्यालय में जमकर तोड़फोड़ की और गेट को क्षतिग्रस्त कर दिया. उधर, नगर निगम कर्मचारी संघ ने चेताया है कि अगर किसी कर्मचारी के साथ अभद्रता हुई तो सभी कार्य ठप कर दिए जाएंगे.

नगर निगम परिसर छावनी में तब्दील: प्रदर्शन के मद्देनजर नगर निगम परिसर को छावनी में तब्दील कर दिया गया. RAF की तीन कंपनियां और फायर ब्रिगेड की गाड़ियां तैनात कर दी गईं. लक्ष्मी टाकीज चौराहे से ही पुलिस ने बैरिकेडिंग कर आवागमन रोक दिया. नगर आयुक्त शीलम साईं तेजा का कहना है कि यह अभियान अब लगातार जारी रहेगा. किसी भी अवैध निर्माण या सार्वजनिक स्थल पर कब्जा बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

4 जून को दिया गया था नोटिस: प्रशासन का दावा है कि 4 जून को 151 बड़े चैंबरों को नोटिस दिया गया था. सात दिन की मियाद खत्म होने के बाद ही बुधवार को कार्रवाई की गई है. ये चैंबर टिन शेड और लकड़ी की छतों से बने थे, जिनमें करीब 500 से ज्यादा लोग बैठकर काम कर रहे थे.

अधिवक्ताओं ने की हड़ताल की घोषणा: उधर, वकीलों ने हड़ताल की घोषणा कर दी है. जिला अधिवक्ता संघ की आपात बैठक बुलाई गई है. इसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी. वकीलों ने स्पष्ट किया है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जातीं, तब तक आंदोलन जारी रहेगा.

अधिवक्ताओं का कहना है कि उनको मौका नहीं दिया गया. वकीलों ने नगर आयुक्त से इस बात का आग्रह किया था कि जब तक अधिवक्ताओं के लिए चैंबर की वैकल्पिक व्यवस्था नहीं हो जाती है तब तक इसे न तोड़ा जाए. लेकिन अधिकारियों ने मनमानी की है. अब अधिकारियों के खिलाफ जब तक एफआईआर नहीं दर्ज हो जाती, यह आंदोलन जारी रहेगा.

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