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योगी आदित्यनाथ के सबसे भरोसेमंद और ‘पर्दे के पीछे’ के मास्टरमाइंड को प्रदेश की कमान

वह पिछले करीब 8 साल से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रमुख सचिव और अपर मुख्य सचिव पंचम तल (मुख्यमंत्री ऑफिस) की कमान संभाल रहे हैं। यह पद अपने आप में ही सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है जहां से सरकार की हर बड़ी नीति और फैसले का संचालन होता है। एसपी गोयल को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बेहद करीबी माना जाता है।

सूत्रों की मानें तो पिछले साल ही उनका केंद्र प्रतिनियुक्ति का रास्ता साफ हो गया था। यानी वह जल्द ही केंद्र सरकार में कोई बड़ी जिम्मेदारी संभालने वाले थे। लेकिन यह फैसला लिया गया कि उन्हें यूपी में ही रोका जाए।शशि प्रकाश गोयल यूपी के नए मुख्य सचिव, मनोज कुमार सिंह को नहीं मिला सेवा विस्तार

अगर आप उत्तर प्रदेश की राजनीति और ब्यूरोक्रेसी को करीब से देखते हैं तो यह खबर आपके होश उड़ा देगी। योगी आदित्यनाथ के सबसे भरोसेमंद और ‘पर्दे के पीछे’ के मास्टरमाइंड एसपी गोयल को यूपी का नया मुख्य सचिव बना दिया गया है। यह फैसला सिर्फ एक पदोन्नति नहीं बल्कि एक ‘मास्टरस्ट्रोक’ है जिसने प्रदेश की पूरी प्रशासनिक व्यवस्था को हिलाकर रख दिया है। पिछले 8 साल से मुख्यमंत्री कार्यालय की कमान संभालने वाले इस ‘चुपचाप’ काम करने वाले अफसर की वो कौन-सी ताकतें हैं जो उन्हें इतना खास बनाती हैं? क्यों केंद्र सरकार ने उन्हें अपनी प्रतिनियुक्ति से वापस यूपी भेजा? और उनकी वो कौन-सी रणनीतियां थीं जिन्होंने योगी सरकार के कई बड़े फैसलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई? आइए यूपी के नए ‘बॉस’ के इस अनसुने सफर और उनकी सबसे बड़ी ताकतों को जानते हैं।

उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक नया अध्याय जुड़ गया है। सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए वरिष्ठ आईएएस अधिकारी एसपी गोयल को प्रदेश का नया मुख्य सचिव नियुक्त किया है। यह नियुक्ति इसलिए भी खास है क्योंकि एसपी गोयल कोई साधारण अधिकारी नहीं हैं। वह पिछले करीब 8 साल से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रमुख सचिव और अपर मुख्य सचिव पंचम तल (मुख्यमंत्री ऑफिस) की कमान संभाल रहे हैं। यह पद अपने आप में ही सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है जहां से सरकार की हर बड़ी नीति और फैसले का संचालन होता है। एसपी गोयल को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बेहद करीबी माना जाता है। उनकी छवि एक ऐसे अधिकारी की है जो चुपचाप और प्रभावी ढंग से काम करते हैं और राजनीतिक गलियारों में उनकी गहरी पैठ है। 1989 बैच के आईएएस अधिकारी एसपी गोयल पूरे प्रदेश में सबसे वरिष्ठ अधिकारियों में से एक हैं। पिछले साढ़े 8 सालों से पंचम तल पर रहने की वजह से उनकी पकड़ प्रदेश के हर जिले हर अधिकारी और हर छोटी-बड़ी समस्या पर बहुत गहरी हो गई है।

केंद्र से वापस क्यों लाए गए एसपी गोयल?

एसपी गोयल की नियुक्ति को लेकर एक और दिलचस्प बात सामने आई है। सूत्रों की मानें तो पिछले साल ही उनका केंद्र प्रतिनियुक्ति का रास्ता साफ हो गया था। यानी वह जल्द ही केंद्र सरकार में कोई बड़ी जिम्मेदारी संभालने वाले थे। लेकिन यह फैसला लिया गया कि उन्हें यूपी में ही रोका जाए। और अब उन्हें मुख्य सचिव बनाए जाने के बाद यह बात साफ हो गई है कि सरकार उन्हें यूपी में ही एक बड़ी जिम्मेदारी देना चाहती थी। यह दिखाता है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनके काम से इतने संतुष्ट हैं कि वह उन्हें किसी भी कीमत पर यूपी से बाहर नहीं जाने देना चाहते थे। एसपी गोयल की राजनीतिक और प्रशासनिक समझ का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनकी पकड़ सिर्फ उत्तर प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी तक ही सीमित नहीं है बल्कि दिल्ली की ब्यूरोक्रेसी और राष्ट्रीय राजनीति में भी उनकी अच्छी पहचान मानी जाती है।

इटावा से दिल्ली तक का सफर

आईएएस एसपी गोयल इनका पूरा नाम शशिश प्रकाश गोयल है इनका करियर बेहद शानदार और अनुभव से भरा रहा है। उनकी पहली नियुक्ति यूपी के इटावा जिले में असिस्टेंट मजिस्ट्रेट के रूप में हुई थी। इसके बाद उन्होंने अलीगढ़ बहराइच और मेरठ जैसे महत्वपूर्ण जिलों में मुख्य विकास अधिकारी के रूप में अपनी सेवाएं दीं। वह मथुरा इटावा प्रयागराज और देवरिया जैसे कई जिलों के जिलाधिकारी भी रहे हैं।

दिलचस्प बात यह है कि एसपी गोयल ने विभिन्न सरकारों के साथ काम किया है। वह बसपा सरकार में स्टाफ अफसर रहे जबकि समाजवादी पार्टी की सरकार में भी उन्होंने प्लानिंग विभाग के सचिव और कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग के प्रमुख सचिव जैसे महत्वपूर्ण पदों पर काम किया। केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद वह मानव संसाधन एवं उच्च शिक्षा मंत्रालय में संयुक्त सचिव भी रहे। लेकिन उनकी सबसे बड़ी पहचान तब बनी जब 2017 में यूपी में बीजेपी की सरकार बनी और उन्हें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का प्रमुख सचिव बनाया गया।

एसपी गोयल की वो 5 ताकतें जिसने उन्हें ‘बॉस’ बनाया

एसपी गोयल एक लो-प्रोफाइल अफसर के रूप में जाने जाते हैं लेकिन उनकी कार्यशैली और ताकतें किसी भी हाई-प्रोफाइल अधिकारी से कम नहीं हैं।

योगी का भरोसा: पिछले 8 सालों से मुख्यमंत्री कार्यालय का संचालन करना उनकी सबसे बड़ी ताकत है। वह सीएम योगी के हर बड़े फैसले योजना और रणनीति के साक्षी और सहभागी रहे हैं।

संगठनात्मक कौशल: वह सिविल एविएशन एस्टेट और प्रोटोकॉल जैसे विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिव के रूप में भी काम कर रहे हैं जो उनके मजबूत नेतृत्व और संगठनात्मक कौशल को दर्शाता है।

अद्वितीय अनुभव: इटावा से लेकर दिल्ली तक और बसपा सपा से लेकर भाजपा सरकार तक हर जगह काम करने का उनका अनुभव उन्हें एक ‘ऑलराउंडर’ प्रशासक बनाता है।

पंचम तल की गहरी पकड़: साढ़े 8 सालों से मुख्यमंत्री कार्यालय में रहने की वजह से वह प्रदेश के हर जिले हर अफसर और हर राजनीतिक समीकरण को बहुत गहराई से समझते हैं।

शैक्षणिक पृष्ठभूमि: उनके पास B।Sc। (Hons) M।C।A। और IIFT से EMIB जैसी उच्च शैक्षणिक योग्यताएं हैं जो उनकी कार्यशैली में एक वैज्ञानिक और आधुनिक दृष्टिकोण लाती हैं।

एसपी गोयल की यह नियुक्ति उत्तर प्रदेश में प्रशासनिक स्थिरता और निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह साफ है कि सरकार उनके अनुभव और दक्षता का उपयोग राज्य के विकास और शासन को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए करना चाहती है। अब जब वह मुख्य सचिव के पद पर हैं तो उनकी भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो गई है। अब देखना यह है कि यूपी के नए ‘बॉस’ के रूप में वह प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी और शासन में क्या बड़े बदलाव लाते हैं।

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