जल्द होगी यूपी में सूचना आयुक्तों की नियुक्ति

लखनऊ। प्रशासनिक सुधार विभाग के अनु सचिव भवेश रंजन ने सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत जवाब दिया है कि उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग में एक
वर्ष से भी अधिक समय से रिक्त आठ सूचना आयुक्तों के पदों को भरने के लिए राज्य सरकार शीघ्र ही भारत सरकार द्वारा दिए गए विज्ञापन की तर्ज पर
विज्ञापन ला सकती है। प्रदेश सरकार उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्धारित निश्चित मानकों के अनुसार पारदर्शी प्रक्रिया से सूचना आयुक्त नियुक्त
करने का मन बना रही है। सूचना आयोग में एक मुख्य सूचना आयुक्त और 10 सूचना आयुक्तों के पद सृजित हैं।

वर्तमान में एक मुख्य सूचना आयुक्त और दो सूचना आयुक्तों के पद ही भरे हैं। आठ सूचना आयुक्तों के पद रिक्त होने के कारण आयोग में पैंतालीस हजार से भी अधिक वाद लंबित हो गए हैं और प्रदेशभर के वादियों को भारी दिक्कतों के बाद काफी विलंब से सूचनाएं मिल पा रही हैं। प्रदेश सरकार ने सूचना आयुक्तों की नियुक्ति की प्रक्रिया आरंभ की थी किन्तु उच्चतम न्यायालय के एक निर्णय के कारण इस प्रक्रिया को ठंडे बस्ते में दाल दिया था। इसी बीच उच्च न्यायालय इलाहाबाद की लखनऊ
खंडपीठ ने 15 अप्रैल 2013 के एक निर्णय द्वारा प्रदेश सरकार को सूचना आयुक्तों के रिक्त पदों को भरने के लिए निर्देशित किया। उच्च न्यायालय के
निर्णय के अगले ही दिन 16 अप्रैल 2013 को उच्चतम न्यायालय ने एक रिव्यू याचिका की सुनवाई में अपने पूर्व निर्णय में ढील देते हुए कुछ शर्तों के
अधीन सूचना आयुक्तों के रिक्त पदों को भरने की अनुमति प्रदान की।

इस क्रम में राज्य सरकार ने प्रदेश के महाधिवक्ता से परामर्श मांगा था। प्रशासनिक सुधार विभाग के अनु सचिव भवेश रंजन द्वारा दी गई सूचना के अनुसार इस परामर्श के आधार पर शासन के प्रशासनिक सुधार विभाग ने उत्तर प्रदेश राज्य सूचना आयोग में एक वर्ष से भी अधिक समय से रिक्त आठ सूचना आयुक्तों के पदों को भरने के लिए दिनांक 20 जून 2013 को एक प्रस्ताव मुख्य सचिव को भेजा था। मुख्य सचिव ने इस प्रस्ताव का अनुमोदन कर पत्रावली को अंतिम निर्णय के लिए 23 जून 13 को मुख्यमंत्री को भेज दिया है। पत्रावली मुख्यमंत्री के स्तर पर लंबित है। मुख्य सचिव द्वारा अनुमोदित इस प्रस्ताव के मुताबिक पदों को विज्ञापित कर निश्चित योग्यता वाले
व्यक्तियों से आवेदन प्राप्त कर मुख्यमंत्री के स्तर से गठित पैनल द्वारा स्वच्छ एवं पारदर्शी प्रक्रिया अपनाकर नियुक्तियां की जाएंगी।

प्रस्ताव में विज्ञापन के माध्यम से नए प्रत्यावेदन प्राप्त करने के साथ साथ पूर्व में प्राप्त प्रत्यावेदनों पर विचार करने का निर्णय उच्चाधिकार
समिति द्वारा लिए जाने का उल्लेख है।

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