इंडिया टुडे के जासूस पत्रकार जमशेद खान ने ‘पैदा किया’ ABVP छात्र नेता, ABVP ने किया इंकार
इंडिया टुडे ने दावा किया है कि उनकी खोजी पत्रकारों की एक टुकड़ी ने JNU हिंसा के आरोपित को पकड़ लिया है। हालाँकि ABVP ने किसी अक्षत अवस्थी के ABVP से जुड़े होने की खबर से साफ़ इंकार कर दिया है।
इंडिया टुडे ने एक वीडियो ट्वीट करते हुए कहा है कि JNU हिंसा पर उनके द्वारा की गयी ‘मेगा इन्वेस्टिगेशन’ का यह पहला पार्ट है। इंडिया टुडे समूह के पत्रकार राहुल कंवल इस वीडियो में बता रहे हैं कि किस प्रकार उनके 2 खोजी पत्रकारों- जमशेद खान और नितिन जैन की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम ने कथित ABVP कार्यकर्ता अक्षत अवस्थी का पर्दाफाश किया है।
इंडिया टुडे के अनुसार, अक्षत अवस्थी JNU में BA प्रथम वर्ष के छात्र हैं और वो JNU में 5 जनवरी को हुई हिंसा के पहले आरोपित हैं। इस वीडियो में अक्षत नाम का यह युवक बता रहा है कि हिंसा की रात उसने पेरियार हॉस्टल से डंडा निकाला था। इस वीडियो में अक्षत नाम के युवक को यह भी कहते देखा जा रहा है कि वह कानपुर से है और वहाँ यह सब आम है।
#JNUTapes | JNU's 1st year student confesses to leading attacks on Jan 5
Watch LIVE with @rahulkanwal: https://t.co/4fqxBVUizL pic.twitter.com/zABFDyknuj— IndiaToday (@IndiaToday) January 10, 2020
इसके जवाब में ABVP ने अपने ट्विटर अकाउंट से ट्वीट में लिखा है कि अक्षत अवस्थी नाम का कोई भी छात्र ABVP से नहीं जुड़ा हुआ है। ट्वीट में स्पष्टीकरण देते हुए लिखा गया है- “जैसा कि इंडिया टुडे समूह दवा कर रहा है, अक्षत अवस्थी ना ही ABVP कार्यकर्ता है और ना ही उनके पास ABVP में कोई पद है। इंडिया टुडे समूह द्वारा यह कैम्पेन सिर्फ तथ्यों से ध्यान भटकाने के लिए चलाया जा रहा है।”
Akshat Awasthi is neither an office bearer, nor a karyakarta of ABVP, as claimed by @IndiaToday. This is a smear campaign run by India Today to deviate everyone from the facts put forth by @DelhiPolice proving #LeftBehindJNUVoilence.
– National General Secretary @nidhitripathi92
ख़ास बात यह है कि इंडिया टुडे अपनी इन्वेस्टिगेशन का यह वीडियो लेकर ऐसे समय में आया है जब दिल्ली क्राइम ब्रांच के डीसीपी ने JNU में हुई हिंसा का खुलासा करते हुए इसमें 4 लेफ्ट ग्रुप का हाथ बताया है। उन्होंने कहा कि व्हाट्सएप ग्रुप, प्राइम विटनेस के आधार पर आरोपितों तक पहुँचना मुमकिन हो सका, क्योंकि विश्विद्यालय के छात्रों ने 4 जनवरी को सीसीटीवी को डैमेज कर दिया था।
डीसीपी का कहना है कि 4 जनवरी को ही जेएनयू के सीसीटीवी को डैमेज कर दिया गया था, जिसकी वजह से जाँच करने में काफी दिक्कतें हुईं। हालाँकि वहाँ पर मौजूद लोगों के द्वारा मोबाइल से बनाए वीडियो और विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसमें काफी मदद की। पुलिस ने अब तक सभी आरोपितों की तस्वीरें भी जारी कर दी है।
ऐसे में इंडिया टुडे समूह की इस ‘मेगा इन्वेस्टिगेशन’ की सच्चाई संदेहास्पद ही मानी जा सकती है।