हॉकर की पहचान से कभी शर्मिंदा नहीं होते पत्रकार राजेंद्र गौतम (भाग-4)
अखबार के बंडल को साइकिल के आगे बांधकर घर-घर बांटने वाला हॉकर जिसको लिखने पढ़ने का कितना ज्ञान होता है यह सभी को भली भांति मालूम है लेकिन सितारे जब बदलते हैं और नसीब चमकता है तो उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक नहीं दो नहीं चार चार संपत्तियों का मालिकाना हक मिल जाता है आरटीआई लगाना हो तो शहर के महेंगे ग्रन्ड्यूर अपार्टमेंट, डालीबाग, लखनऊ के पते से सूचना मंगाए जाने का चक्र चलाया जाता है और किसी के ऊपर जाती सूचक मुकदमा दर्ज कराया जाता है तो उसमें विश्वास खंड, गोमती नगर लखनऊ का पता लिखा जाता है, अखबार का संचालन और प्रकाशन इंदिरा नगर जैसी बेशकीमती जगह संजय गांधीपुरम से दिखाया जाता है और अखबार की छपाई हेतु प्रिंटिंग प्रेस जिस जमीन पर लगाई गई है उस जमीन की ही कीमत करोड़ो में बताई जाती है।
अखबार की मालकिन रेखा गौतम के दम से है राजेंद्र गौतम का जलवा
निष्पक्ष दिव्य संदेश – सिलसिलेवार,भाग-4
1. 24 कैरेट के पत्रकार को गाजर मूली की तरह क्यों धोया
2. पत्रकार को ठग, 420 लिखना और इज़्ज़त नीलाम करने का हॉकर फार्मूला
3. 15 लाख की राजस्व बकाये की RTI जानकारी से दहशत में कई पत्रकार
राजेंद्र गौतम आज खुद को एक स्थापित पत्रकार के रूप में देखते हैं और युवा पीढ़ी अपने आदर्श के रूप में इसलिए मानती है क्योंकि कम समय में ही करोड़ों रुपए की संपत्ति के ऐशोआराम की जिंदगी राजेंद्र गौतम द्वारा जी रही है वह सब के नसीब में नहीं होती।
पत्रकार राजेंद्र गौतम को निचले स्तर पर ही समझा जा…
पत्रकार राजेन्द्र गौतम के सहयोगी घोषित भगौड़े को होगी जेल…
अखबार के बंडल को साइकिल के आगे बांधकर घर-घर बांटने वाला हॉकर जिसको लिखने पढ़ने का कितना ज्ञान होता है यह सभी को भली भांति मालूम है लेकिन सितारे जब बदलते हैं और नसीब चमकता है तो उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक नहीं दो नहीं चार चार संपत्तियों का मालिकाना हक मिल जाता है।
आरटीआई लगाना हो तो शहर के महेंगे ग्रन्ड्यूर अपार्टमेंट, डालीबाग, लखनऊ के पते से सूचना मंगाए जाने का चक्र चलाया जाता है और किसी के ऊपर जातीसूचक मुकदमा दर्ज कराया जाता है तो उसमें विश्वास खंड, गोमती नगर लखनऊ का पता लिखा जाता है, अखबार का संचालन और प्रकाशन इंदिरा नगर जैसी बेशकीमती जगह संजय गांधीपुरम से दिखाया जाता है और अखबार की छपाई हेतु प्रिंटिंग प्रेस जिस जमीन पर लगाई गई है उस जमीन की ही कीमत करोड़ो में बताई जाती है।
पत्रकारिता में करोड़ों की कामयाबी और सफलता के पीछे महिला…
साईकल हॉकर से विदेशी यात्राओं और करोड़ो की संपत्ति का…
ऐसा नहीं है कि यह सभी संपत्ति बड़ी आसानी से प्राप्त हो गई हो इसके पीछे बड़ा संघर्ष भी है आज भी जिस जमीन पर अखबार के लिए छपाई हेतु प्रिंटिंग प्रेस लगाई है उसका मुकदमा थाना वजीरगंज में लंबित है और जांच चल रही है। चिनहट रोड पर स्थित जमीन का राजेंद्र गौतम की तरह विवादों से गहरा नाता रहा है, इसके संबंध में अनेक सूचनाएं और जानकारियां प्राप्त हो रही है लेकिन अभी कोई टिप्पणी किया जाना उचित नहीं होगा, कानून अपना काम कर रहा है और मुक़दमे की जांच भी लंबित है लेकिन अखबार की मलकिन का अलग ही रुतबा है।
सूचना विभाग से मिलते हुए विज्ञापनों की इतनी बड़ी सूची है कि बड़े समाचार पत्र भी शरमा जाए , आखिर मलकिन का ठसका जो है,अधिकारी और कर्मचारी उनके प्रताप से झुके नज़र आते है और RTI और खबरों के खौफ़ से डरे सहमे नज़र आते है। सूचना विभाग के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार निष्पक्ष दिव्य संदेश जब पत्रकार हेमंत तिवारी को ठग लिख देता है और मजबूरी में इत्ता बड़का पत्रकार समझौता कर लेता है तो विज्ञापन देने में सूचना निदेशक अपनी भलाई समझते है।
निर्भीक, निडर और निष्पक्ष पत्रकारिता के लिए अनूप गुप्ता का नाम ही पर्याप्त है लेकिन जब निष्पक्ष दिव्य संदेश अनूप गुप्ता जैसे पत्रकार का डंका बजा कर 420 का तमगा पहना देता है और 24 कैरेट की पत्रकारिता करने वाले अनूप गुप्ता खामोश रह जाते हैं तो मलकिन का जलवा और रुतबा बढ़ जाता है। सूत्रों की माने तो मलकिन का दमखम है कि सूचना विभाग और अन्य सरकारी विभाग राजेन्द्र गौतम को पत्रकार मानते है वरना इस समाज मे हॉकर भले ही पत्रकार या किसी अन्य पद पर पहुंच जाए उसको लोग हॉकर की नज़र से ही देखते है ।
मालकिन के आय व्यय का लेखा-जोखा अगर लगाया जाए तो प्रतिदिन लाखों रुपए की आमदनी होती है लेकिन वह लोग जो मीडिया जगत या समाचार पत्र को व्यवसाय की दृष्टि से नफे नुकसान में तोड़ते हैं उनके लिए निष्पक्ष दिव्य संदेश द्वारा अर्जित किए गए संपत्ति का ब्यौरा का बाज़ारू मूल्यांकन कर हॉकर की कामयाबी के सफर का छोटा सा आंकलन कर सकते हैं
1. डालीबाग लखनऊ कीमती इलाके में ग्रैंडर अपार्टमेंट के सुसज्जित फ्लैट जिसको आरटीआई के तहत सूचना प्राप्त करने हेतु एवं लोगों से मेल मिलाप बढ़ाने और कार्यालय की बैठक हेतु प्रयोग में लाया जाता है
2. विश्वासखंड, गोमती नगर में आवास होना हर लखनऊ वासियों का सपना है लेकिन ये स्वप्न गौतम परिवार ने पूरा कर दिखाया,
3. इंदिरा नगर के संजय गांधीपुरम में अखबार के प्रकाशन हेतु बनाया गया भव्य कार्यालय
4. अकबर की छपाई हेतु चिनहट मुख्य मार्ग पर बनाया गया छापाखाना
ऐसा नहीं है कि कोई फार्म हाउस न हो या खेत खलियान और व्यवसायिक प्रतिष्ठान न हो लेकिन पुख्ता रूप से मिली सूचना के आधार पर फिलहाल जो जानकारियां सामने प्राप्त है उन संपत्तियों का बाज़ारू मूल्यांकन हॉकर से पत्रकार बने राजेंद्र गौतम की करोड़ों रुपए की संपत्ति का खुलासा है।
कम समय मे ऊंचाइयों पर पहुंचने का सफर युवा वर्ग के पत्रकार अगर आंखों में सपना सजाए बैठे हैं तो गलत नहीं होगा लेकिन मंजिल आसान नहीं है दमन पर दाग भी लगते हैं और मुंह पर कालिख भी पोती जाती है, करोड़ तो मिल जाएंगे लेकिन इसकी बुनियाद में कहीं ना कहीं अपनों का ही खून नजर आएगा।
सिलसिला जारी रहेगा ,
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