One समिति, No इलेक्शन, Only Two लीडर

वैसे भी मान्यता समिति का इतिहास है , उसके काबिज़ रहते, सब पद बेकार है, वही अध्यक्ष, वही उपाध्यक्ष, वही सचिव और वही कोषाध्यक्ष है, न कोई आम सभा, न समिति की कोई बैठक सिर्फ बटलर से जारी होता है आदेश जो बन जाता है सचिव के हाथों से समिति का उद्देश्य, ऐसे में प्रभात सिर्फ सोशल मीडिया पर कलम चला कर अपना रोशनी दिखा सकते हैं और चुनाव कराने की बात दुहराते नज़र आते है।

हेमंत तिवारी अध्यक्ष, शिव शरण सिंह सचिव और बकया ठन ठन गोपाल

एक प्रभात से उजियारे नही होता, फड़फड़ा के दीपक बुझ जाएगा, करिया करिया युग में प्रभात नहीं दिखता

उत्तर प्रदेश राज्य मुख्यालय मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति पत्रकारों के हितों की सुरक्षा हेतु चयनित समिति का कार्यकाल मात्र 2 साल का होता था और इसका प्रमुख कार्य सिर्फ प्रमुख राजनीतिक दलों की प्रैस कॉन्फ्रेंस के समन्वय और तालमेल बैठाने का था जिससे पत्रकारो को मीडिया कवरेज में असुविधा न हों,।

उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति के चुनाव में एकजुटता और अखंडता के लिए व्हाट्सएप्प पर ज्ञान की धारा बह रही है लेकिन मान्यता समिति के अध्यक्ष के सामने सर उठाने की हिमाकत कोई नही कर पा रहा है। समिति के बढ़ते कार्यकाल की तरह मुंबई, लखनऊ, मलिहाबाद और जौनपुर तक संपत्ति का जो दायरा बड़ा है उसका कोई हिसाब किताब भी नही है, न कोई नौकरी, न चाकरी उसपर राजसी ठाट बाट, इन सबकी महिमा सिर्फ और सिर्फ समिति के नाम का ही जलवा है, सरकारी मकान का राजसी सुख जो मिला है उसके जाने की कल्पना से ही समिति के पदाधिकारी सिहर उठते है।

वैसे भी मान्यता समिति का इतिहास है , उसके काबिज़ रहते, सब पद बेकार है, वही अध्यक्ष, वही उपाध्यक्ष, वही सचिव और वही कोषाध्यक्ष है, न कोई आम सभा, न समिति की कोई बैठक सिर्फ बटलर से जारी होता है आदेश जो बन जाता है सचिव के हाथों से समिति का उद्देश्य, ऐसे में प्रभात सिर्फ सोशल मीडिया पर कलम चला कर अपना रोशनी दिखा सकते हैं और चुनाव कराने की बात दुहराते नज़र आते है।

वरिष्ठ पत्रकार देवकी नंदन के शब्दों में 

लोक सभा का चुनाव हो गया उसके नतीजे भी आ गये। सरकार भी बन गई लेकिन उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति का चुनाव कब होगा कोई बता सकता है? जो पदाधिकारी कार्यकाल ख़त्म होने के बाद भी बने हुए हैं मुझे लगता है उनको इस बारे में पहल करनी चाहिये। पत्रकार सबसे ज़्यादा नैतिकता और नियम क़ानून का पाठ पढ़ाता है लेकिन जब ख़ुद यह सबकुछ करना होता है तब वह पीछे हट जाते हैं या फिर मुँह छिपा लेते हैं। तीन दिन पहले मैं विधान सभा और लोक भवन गया था। कई पत्रकार साथी मिले और वह सवाल कर रहे थे कि चुनाव कितने दिन बाद होंगे। उनके सवाल जायज़ हैं मैं भी इससे सहमत हूँ। तत्काल चुनाव होने चाहिये क्योंकि एक साल से ज़्यादा का विलंब हो चुका है। जो पत्रकार मित्र इस प्रक्रिया से जुड़े हैं वह नैतिकता दिखाते हुए आगे बढ़ें और चुनाव कराये। एक बार इसी तरह के अनायास विलंब की वजह से समिति के दो चुनाव हुए थे क्या इस बार भी यही होने का इंतज़ार हो रहा है। पत्रकार साथी अपनी राय ज़रूर रखें.

प्रभात त्रिपाठी का खुला पत्र

मेर प्रिय सम्मानित पत्रकार साथियो।
आप सभी को अवगत कराना है कि उत्तर प्रदेश राज्य मुख्यालय मान्यता प्राप्त संबाददाता समिति का द्विवार्सिक चुनाव 2023 मई में निर्वतमान कमेटी को कराना था।लगभग डेढ साल से चुनाव की तारीख का एलान तो छोड़ो एक बार भी जीवीएम की वैठक नहीं बुलाई गई।साथियो समिति में अगर लोकतंत्र न हो तो समिति का वजूद खत्म हो जाता है उसी वजूद को बचाने का में प्रयास कर रहा हूँ।वैसे यह प्रयास खुद निर्वतमान कमेटी के अध्यक्ष सचिव को करना चाहिये था।खैर मैने एक साधारण सदस्य के रुप में फिर एक पहल जीवीएम की वैठक 1 जुलाई 2024 को 4 बजें एनेक्सी में कई साथियो के सुझाव पर बुलाई हैं।इस वैठक को जीवीएम का वास्तविक रुप देने के लिये सदस्यो की कुल सख्या का 15 प्रतिशत उपस्थित करने एकत्र करने के लिये एक 40 सदस्यीय एथिक्स समिति बनाई गई है।इस समिति के सभी सदस्य अपने अपने 10 सदस्य मित्रो को जीवीएम में लेकर आयेगे जिससे समिति के वजूद को बचाने के लिये नये निर्वाचन की तिथि और 5 सदस्यीय चुनाव टीम का एलान उस दिन किया जा सके।जो सदस्य सहमत न हो उसे वाध्य नहीं किया जा सकता।धन्यवाद
आपका भाई । प्रभात त्रिपाठी🙏🏻
40 सदस्यीय एथिक्स समिति
सम्मानित राज्य मुख्यालय मान्यता प्राप्त संबाददाता(सदस्य)
1 विजय शंकर पंकज
2 प्रमोद गोस्वामी
3 सुरेश बहादुर
4 देवकी नन्दन मिश्र
5 भाष्कर दुबे
6 मनमोहन
7 कलानिधि मिश्र
8 विजय उपाध्याय
9 ज्ञानेन्द्र शुक्ल
10 नवल कान्त सिन्हा
11 नीरज श्रीवास्तव
12 मनोज मिश्रा
13 शेखर श्रीवास्तव
14 मुकुल मिश्रा
15 दिलीप सिन्हा
16 अविनाश शुक्ला
17 आकाश शेखर शर्मा
18 डी पी शुक्ला
19 अमित श्रीवास्तव
20 अनिल सिंह
21 अजय श्रीवास्तव
22 विजय त्रिपाठी
23 नितिन श्रीवास्तव
24 अब्दुल वहीद
25 अजय वर्मा
26 राजीव तिवारी बाबा
27 भारत सिंह
28 राजेन्द्र गौतम
29 शशी नाथ दुवे
30 उमेश चन्द्र मिश्ना
31तमन्ना फरीदी
32 जुबेर अहमद
33 सुरेन्द्र अग्निनोहत्री
34 राघवेन्द्र प्रताप सिंह
35 के सी विशनोई
36 नवीन सूरी
37 दया विष्ट
38 शेखर पंडित
39 कौसर जहॉ
40 हरजीत बाबा
नोट;- पूरी समिति अपने 5 पांच साथियो को अगर लेकर 1 जुलाई 2023 को लाल बहादुर शास्त्री भवन एनेक्सी में 4 बजे बुलाई गई जीवीएम की वैठक में उपस्थित करा लेते है तो जीवीएम का कोरम पूरा हो जायेगा और चुनाव की तारीखो का एलान हो जायेगा।यह कार्य अगर निर्वतमान कमेटी करती तो और अच्छा होता।।सभी को मेरा नमस्कार निवेदक प्रभात त्रिपाठी
9450410050🙏🏻🙏🏻

शहरयार खान ने दिखाया आईना

राज्य मुख्यालय मान्यताप्राप्त पत्रकार समिति का चुनाव

GBM बुलाने का अधिकार तो चुनी हुई committee को होता है,
आपने जो Ethics Committee बनाई है उसमें आप द्वारा हर एक मेंबर को 10 लोगों को लाने की बात कही गयी है, अगर इस हिसाब से 400 लोग आ गये तो कहाँ बैठेंगे।
अगर आप के मुताबिक Ethics Committee सही है और मीटिंग करने का फैसला कर लिया है तो जगह बदलिए।
आज अगर एनेक्सी बचाने की कोशिश की गयी होती तो जगह की किल्लत न हो पाती।
शेखर श्रीवास्तव जी ने हस्ताक्षर अभियान चलाकर एनेक्सी बचाओ अभियान चलाया था लेकिन उन्हें लोगों का सहयोग न मिलने के कारण सरकार ने जगह ले ली।

जिन 40 लोगों का चयन किया गया है वो बैठक से पहले ही अमा जाने दो कहते नज़र आएंगे और बटलर के आदेश के सामने अंधकार में समाते नज़र आएंगे, जैसे ही प्रभात का सूर्य ढलेगा, अंधकार फैलेगा चियर्स की आवाज़ के साथ सब बह जाएगा।
आएगा वही, चुनावी सर्वे आ गया है, ।

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