1700 करोड़ की जमीन पर कब्जे के प्रयास का मामला: पुलिस ने मांगी इतने दिनों की अवनीश की कस्टडी रिमांड…

आरोपी अवनीश ने अपने बयान में बताया था कि लूटी गई चेन उन्होंने स्कूल परिसर में छिपाई थी। पुलिस ने काफी खोजबीन कर चेन तलाशने का प्रयास किया जो कि नहीं मिली है। लूट का माल बरामदगी के लिए पुलिस ने 15 दिन की रिमांड मांगी है। जिस पर मंगलवार को सुनवाई होगी। वहीं लेखपाल विपिन कुमार की ओर से नजूल की जमीन कब्जाने का प्रयास की धाराओं में दर्ज कराए गए मुकदमे में सोमवार को लोअर कोर्ट में सुनवाई की गई। कोर्ट ने आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी।

पॉश इलाके सिविल लाइंस में नजूल की 1700 करोड़ की जमीन पर कब्जे के प्रयास के मामले में पूर्व प्रेस क्लब अध्यक्ष की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है। कोतवाली थाने में 28 जुलाई को सैमुएल गुरुदेव सिंह ने अवनीश दीक्षित समेत 12 नामजद व 20-25 अज्ञात के खिलाफ डकैती, छेड़छाड़, रंगदारी समेत अन्य संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया था। सोमवार को मामले के विवेचक कोतवाली इंस्पेक्टर संतोष शुक्ला ने सीजेएम सूरज मिश्रा की कोर्ट में रिमांड के लिए प्रार्थना पत्र दाखिल किया।

कहा गया कि आरोपी अवनीश ने अपने बयान में बताया था कि लूटी गई चेन उन्होंने स्कूल परिसर में छिपाई थी। पुलिस ने काफी खोजबीन कर चेन तलाशने का प्रयास किया जो कि नहीं मिली है। लूट का माल बरामदगी के लिए पुलिस ने 15 दिन की रिमांड मांगी है। जिस पर मंगलवार को सुनवाई होगी। वहीं लेखपाल विपिन कुमार की ओर से नजूल की जमीन कब्जाने का प्रयास की धाराओं में दर्ज कराए गए मुकदमे में सोमवार को लोअर कोर्ट में सुनवाई की गई। कोर्ट ने आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी।

दूसरे फरार आरोपियों के लिए एनबीडब्ल्यू की प्रक्रिया सोमवार को शुरू की गई है। इसके बाद ईनाम की प्रक्रिया होगी। इस संबंध में डीसीपी पूर्वी श्रवण कुमार सिंह का कहना है कि अब तक मुख्य आरोपी अवनीश के अलावा कोई और गिरफ्तारी नहीं हुई है। आरोपियों की तलाश में लगातार अलग-अलग टीमें छापेमारी कर रही हैं। सर्विलांस टीमें भी आरोपियों की लोकेशन ट्रेस करने का प्रयास कर रही है, लेकिन अभी सफलता नहीं मिली हैं।

 

हिस्ट्रीशीटर और उसके भाई फंसाते रहे 

 

पूर्व प्रेस क्लब अध्यक्ष अवनीश दीक्षित और उसके साथियों के खिलाफ लगातार रोज नए प्रार्थना पत्र अधिकारियों के पास पहुंच रहे हैं। सोमवार को बादशाहीनाका निवासी राजेश गुप्ता अपने 80 वर्षीय पिता कृष्ण गुप्ता को लेकर पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार के पास पहुंचे। यहां उन्होंने अफसर से हिस्ट्रीशीटर मनोज यादव और उसके भाई विनोद, जीतेंद्र और राजा के खिलाफ तहरीर दी।

पीड़ित राजेश का कहना था कि मनोज यादव और उसके परिवार के लोग कब्जा करना चाहते थे। मारपीट, गालीगलौज और आए दिन के विवाद के कारण सीसीटीवी लगवा दिए। मनोज यादव और उसके भाइयों ने घर में घुसकर मारपीट की। आरोप लगाया गया कि थाने से सीसीटीवी हटाने का काफी दबाव बनाया गया। तत्कालीन एडीजी प्रेम प्रकाश के आदेश पर रिपोर्ट दर्ज की गई।

आरोप है, कि विनोद की पत्नी ने 80 वर्षीय पिता कृष्ण गुप्ता के खिलाफ 354 (बी) के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई थी। आरोप लगाया कि वहीं मनोज की पत्नी ने पीड़ित और उसके पिता के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसके बाद उन लोगों ने सीएम दरबार में शिकायत करने के बाद तत्कालीन एसएसपी अनंत देव तिवारी ने जांच की और मामले में फाइनल रिपोर्ट लगवा दी थी। इस मामले में अपर पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था हरीश चंदर ने जांच के आदेश दिए हैं।

ट्रांसपोर्टर को बना दिया था खनन माफिया, एडिशनल सीपी को दी तहरीर

यशोदा नगर निवासी मोहित बाजपेई ट्रांसपोर्टर हैं। मोहित ने पुलिस को दिए प्रार्थना पत्र में बताया कि दो वर्ष पहले वे ब्राहमण समाज की बैठक में पुलिस चौकी गए थे। जहां पत्रकार आशीष अवस्थी, सलभ जायसवाल और प्रदीप राठौर समेत पांच तथाकथित पत्रकार मिल गए। पांचों दूसरे पक्ष से थे। कुछ विवाद हुआ तो आरोपी धक्का मुक्की और अभद्रता करने लगे, इसके बाद से आरोपी उनसे दुश्मनी मानने लगे और उनके खिलाफ तमाम वीडियो पोस्ट कर बदनाम करने लगे। मोहित ने बताया कि इससे जहां उनकी छवि खराब हो रही थी वहीं वे मानसिक रूप से परेशान भी हो रहे थे। अपर पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था हरीश चंदर ने बताया कि जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।

कुल पांच प्रार्थना पहुंचे

अपर पुलिस आयुक्त हरीश चंदर ने बताया कि सोमवार को कुल पांच प्रार्थना पत्र अलग-अलग थानों में पहुंचे। काकादेव, बादशाहीनाका, बिधनू, नजीराबाद, नौबस्ता में पीड़ितों ने प्रार्थना पत्र देकर वसूली और ब्लैकमेलिंग का आरोप लगाया है। पुलिस ने इन प्रार्थना पत्रों के बारे में अवगत कराया है। एक-एक बिंदु पर बारीकी से जांच कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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