हेपेटाइटिस-बी जागरूकता कार्यक्रम में सम्मानित हुए ‘भारत एक्सप्रेस’ के CMD उपेंद्र राय

‘ILBS में आयोजित हुए कार्यक्रम में जाने-माने फिल्म निर्माता बोनी कपूर और डॉ. सरीन से जुड़ी विशेष जानकारी भी साझा की।

‘भारत एक्सप्रेस’ (Bharat Express) न्यूज नेटवर्क के सीएमडी उपेंद्र राय ने ‘द इंस्टिट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलियरी साइंसेस’ (ILBS) में आयोजित हेपेटाइटिस-बी जागरूकता कार्यक्रम में भाग लिया। इस कार्यक्रम में प्रसिद्ध फिल्म निर्माता बोनी कपूर, दिल्ली के चीफ सेक्रेटरी धर्मेन्द्र, नर्सिंग काउंसिल के अध्यक्ष डॉ. दिलीप कुमार और डॉ. वंदना बग्गा भी मौजूद रहे।

कार्यक्रम के दौरान उपेंद्र राय ने बोनी कपूर के साथ अपने 18 साल पुराने संबंधों का उल्लेख करते हुए कहा कि बोनी कपूर न केवल फिल्म इंडस्ट्री के सफल निर्माता हैं, बल्कि वह एक सहृदय और मददगार व्यक्ति भी हैं। उन्होंने कहा, ‘बोनी साहब से मेरा परिचय करीब 18 साल से है। शुरू से ही आप सहारा चेयरमैन (दिवंगत सहाराश्री सुब्रत राय सहारा) के बहुत करीब रहे। कुछ वक्त आपने सहारा ग्रुप के एंटरटेनमेंट का पूरा बिजनेस देखा था, उसे आपने सहारा चेयरमैन के आग्रह पर कुछ समय तक सुपरवाइज भी किया और साल 2009 में मेरा परिचय आपसे उस तरह से हुआ, जब मैंने अपने जीवन के दूसरे पड़ाव में बतौर ग्रुप सीईओ सहारा न्यूज नेटवर्क जॉइन किया। बोनी जी हमेशा दूसरों की मदद के लिए आगे रहते हैं और बिना किसी दिखावे के दूसरों का सहारा बनते हैं।’

इसके अलावा उपेंद्र राय ने बोनी कपूर के परिवार का भी जिक्र किया, विशेषकर उनकी बेटियों जान्हवी और खुशी कपूर के बारे में, और कहा कि बोनी जी ने उन्हें बहुत अच्छे संस्कार दिए हैं। उन्होंने अनिल कपूर को भी देश के सबसे सफल और मेहनती फिल्म अभिनेताओं में से एक बताया। उन्होंने आगे कहा, ’भारत के इतिहास में कह सकते हैं कि ‘मिस्टर इंडिया’ एक ऐसी मूवी है जिसका एक डायलाग हम लोग बड़े हुए तब से हमें याद है। 1987 में वो मूवी रिलीज हुई मोगैंबो खुश हुआ।’

ILBS के डायरेक्टर डॉ. एसके सरीन ने हेपेटाइटिस-बी के खतरे के बारे में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि भारत में लगभग 3 करोड़ लोग हेपेटाइटिस-बी से प्रभावित हैं, और केवल 13 प्रतिशत को ही इसके बारे में जानकारी है। डॉ. सरीन ने सभी से अपील की कि वे हेपेटाइटिस-बी से पीड़ित व्यक्तियों के साथ भेदभाव न करें, क्योंकि यह बीमारी अनुवांशिक हो सकती है और इसके इलाज के लिए दिल्ली के सभी अस्पतालों में दवाइयां मुफ्त उपलब्ध हैं।

कार्यक्रम के अंत में डॉ. सरीन ने उपस्थित सभी लोगों से शपथ दिलाई कि वे हेपेटाइटिस-बी के बारे में जागरूकता फैलाने, इसके खिलाफ चलाए जा रहे अभियानों में सहयोग करने और इस बीमारी से प्रभावित लोगों के साथ भेदभाव न करने का संकल्प लें।

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