फिर ‘दैनिक जागरण’ पहुंचे आशुतोष गुप्ता, मिला साहिबाबाद ब्यूरो का प्रभार
यहां अपनी दूसरी पारी शुरू करने से पहले आशुतोष गुप्ता गाजियाबाद से ही पब्लिश होने वाले हिंदी दैनिक ‘युग करवट’ (Yug Karwat) में बतौर स्थानीय संपादक अपनी जिम्मेदारी संभाल रहे थे।
पत्रकार आशुतोष गुप्ता ने एक बार फिर से ‘दैनिक जागरण’ (Dainik Jagran) जॉइन कर लिया है। यहां उन्हें साहिबाबाद ब्यूरो का प्रभार सौंपा गया है। बता दें कि ‘दैनिक जागरण’ के साथ आशुतोष गुप्ता की यह दूसरी पारी है।
यहां अपनी दूसरी पारी शुरू करने से पहले आशुतोष गुप्ता गाजियाबाद से ही पब्लिश होने वाले हिंदी दैनिक ‘युग करवट’ (Yug Karwat) में बतौर स्थानीय संपादक अपनी जिम्मेदारी संभाल रहे थे। उन्होंने पिछले साल अगस्त में ही यहां जॉइन किया था।
यहां वह गाजियाबाद के ही हिंदी दैनिक ‘जर्नी ऑफ सक्सेस’ (Journey Of Success) में अपनी पारी को विराम देकर आए थे, जहां पर वह बतौर स्थानीय संपादक कार्यरत थे।
बता दें कि ‘जर्नी ऑफ सक्सेस’ से पहले आशुतोष गुप्ता ‘दैनिक जागरण’ में करीब 13 साल तक अपनी जिम्मेदारी निभा चुके हैं। मूल रूप से गाजियाबाद के रहने वाले आशुतोष गुप्ता को मीडिया में काम करने का करीब साढ़े 24 साल का अनुभव है। वर्ष 2001 में पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने पत्रकारिता की दुनिया में कदम रख दिया था। आशुतोष गुप्ता ने प्रिंट के साथ इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में भी काम किया है।
भड़ास से बातचीत में आशुतोष गुप्ता ने बताया कि ‘दैनिक जागरण’ में पहले कार्यकाल के दौरान उन्हें दो बार दिल्ली-एनसीआर का बेस्ट रिपोर्टर चुना गया था। इसके अलावा उन्होंने ऑर्डिनेंस फैक्ट्री मुरादनगर का भत्ता घोटाला व शाहजहांपुर का फर्जी शस्त्र लाइसेंस घोटाला भी उजागर किया था।
शाहजहांपुर मामले में आशुतोष गुप्ता की खबरों पर संज्ञान लेते हुए प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई की थी। इस मामले में कई लोगों की गिरफ्तारी हुई थी। इस घोटाले को उजागर करने के लिए कलक्ट्रेट में आशुतोष गुप्ता को सम्मानित किया गया था।
आशुतोष गुप्ता ने बताया कि अवैध कॉलोनियों पर कार्रवाई के विरोध में आठ सितंबर 2009 को तमाम लोगों ने एनएच-24 पर विरोध प्रदर्शन किया। इस घटना में गुस्साए लोगों ने पुलिस-प्रशासन पर जमकर पथराव किया था। घटना की कवरेज के दौरान एडीएम सिटी सुनील कुमार श्रीवास्तव को बचाने के चक्कर में एक ईंट लगने से आशुतोष गुप्ता के पैर में फ्रैक्चर हो गया था, जिस वजह से वह करीब एक महीने तक बेड रेस्ट पर रहे थे। एडीएम को बचाने के लिए प्रशासन ने आशुतोष गुप्ता का कलक्ट्रेट में सम्मान किया था।
भड़ास4जर्नलिस्ट की ओर से आशुतोष गुप्ता को उनके नए सफर के लिए ढेरों बधाई और शुभकामनाएं।
