वरिष्ठ पत्रकार दिलीप सिन्हा का अभी-अभी सड़क दुर्घटना में निधन
अब तक की जानकारी में सामने आया है कि ये हादसा उस वक्त हुआ जब सिन्हा अपने घर से विधानसभा की तरफ आ रहे थे। उनके इस तरह आकस्मिक निधन से लखनऊ के पत्रकारों में शोक व्याप्त हो गया है।
वरिष्ठ पत्रकार दिलीप सिन्हा का अभी-अभी सड़क दुर्घटना में निधन हो जाने की जानकारी सामने आई है। रोडवेज बस ने लोहिया पथ पर जियामऊ के निकट उनकी स्कूटी में टक्कर मार दी, जिससे मौके पर ही पत्रकार की मौत हो गई।
हजरतगंज पुलिस ने विजिटिंग कार्ड से उनकी पहचान की है। दिलीप सिन्हा वरिष्ठ पत्रकार स्वर्गीय गुरुदेव नारायण के भतीजे थे।
बता दें कि सिन्हा, राज्य मुख्यालय मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति के सदस्य थे। वे कई बार से लगातार सदस्य चुने जा रहे थे। हादसे के बाद उन्हें सिविल अस्पताल लाया गया था, जहां डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया!
अब तक की जानकारी में सामने आया है कि ये हादसा उस वक्त हुआ जब सिन्हा अपने घर से विधानसभा की तरफ आ रहे थे। उनके इस तरह आकस्मिक निधन से लखनऊ के पत्रकारों में शोक व्याप्त हो गया है।
अरे…बस ऐसे ही चले गए “दिलीप सिन्हा सर”…
कल रात में ही हुई थी मुलाकात, बैठे थे साथ, आज नहीं रहे….विश्वास ही नहीं हुआ, जब साथी अभिषेक मिश्रा का अचानक फोन आया कि, “सिविल अस्पताल से बोल रहा हूं, हम लोगों के सीनियर दिलीप सिन्हा सर की एक्सीडेंट में मृत्यु हो गई है। बॉडी मोर्च्यूरी में है” कानों ने सुना, पर दिल ने नहीं माना। मैने कई बार अभिषेक से कई तरीके से पूछा, परन्तु सच नहीं बदला “दिलीप सिन्हा सर” चले गए थे।
सोचो, एक स्वस्थ कुशल मंगल व्यक्ति, बिल्कुल नौजवानों सी चाल ढाल, स्फूर्ति, अंदाज और दमदार बातचीत, उम्र भले उनकी जो भी हो, परन्तु उनकी फिटनेस और जीवटता से वे बिल्कुल नौजवान थे। विशेष प्रकार का हेयर स्टाइल, फिल्मों के हीरो जैसे कपड़ों में दिलीप सिन्हा सर एकदम कड़क पर्सनालिटी नजर आते थे। कल पहले दिन में प्रेस रूम में मिले और फिर देर शाम को प्रेस क्लब में, कहां मालूम था कि इन्हें कल ही कुछ हो जायेगा, वरना मैं दस बारह बार उनके पैर तो छू ही लेता।
मान्यता समिति के कई बार सदस्य चुने गए, नेशनल हेराल्ड जैसे संस्थान में काम कर चुके दिलीप सिन्हा सर बड़े भाईसाहब सुरेश बहादुर सिंह जी और पीके तिवारी सर के बहुत अच्छे दोस्त थे। मान्यता समिति के चुनाव में वो हेमंत तिवारी जी के सबसे मजबूत दूत की भूमिका निभाते थे। अपना चुनाव तो वो वरिष्ठों के सहयोग से यूं ही जीत जाते थे। लगते तो वो हेमंत जी के लिए ही थे।
चुनाव – फ़ुनाव सब जो था वो तो था ही, परन्तु दिलीप सिन्हा सर थे सबकी चिंता करने वाले, मेरी नालायकियों पर वो मुझे रेलते तो खूब थे, परन्तु स्नेह कितना करते थे यह समझना बहुत मुश्किल है।
निर्मम, निर्दयता से भरी प्रकृति ने एक दुर्घटना के माध्यम से एक जबरदस्त व्यक्तित्व पत्रकारिता जगत से छीन लिया। खुद उन्हें या किसी अन्य को ईश्वर ने कोई मौका नहीं दिया कि दिलीप सर होते। बस की टक्कर से जान गंवाने वाले “दिलीप सिन्हा सर” के लिए बस यही कह सकता हूं कि, ऐसे कैसे चले गए आप ? कुछ तो समय देते ईश्वर आपको, आपके अपनों को और आपके जानने वाले पत्रकारिता जगत को……
सादर अश्रुपूरित नमन…..मन में हमेशा बने रहेंगे आप सर……….
अमरेन्द्र…….
हेमंत तिवारी
बेहद कष्टदायक, मेरे लिए यह निजी वज्राघात है. परसों मेरे साथ करीब चार घंटे तक बैठे थे और आज शाम प्रेस रूम से लौटते में मिलने को कह कर गए थे.
शब्दहीन हूँ.
🕉️ शांति
श्रीधर अग्निहोत्री
हृदय को गहरे विषाद से भर देने वाली यह दुखद सूचना है कि हमारे बीच के अद्भुत व्यक्तित्व, सादगी और विनम्रता की प्रतिमूर्ति, दिलीप सिन्हा अब इस नश्वर संसार में नहीं रहे। उनके निधन से एक ऐसा सन्नाटा पसरा है, जिसे शब्द कभी पूरी तरह व्यक्त नहीं कर सकते।
आज वे हमें छोड़कर अनंत यात्रा पर चले गए हैं, पर उनकी स्मृतियों की उजास हमेशा हमें आलोकित करती रहेगी। उनके जाने से जो शून्य उत्पन्न हुआ है, उसे कोई भर नहीं सकता। ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें। ॐ शांति।
राजेंद्र द्विवेदी
बहुत दुखद रहा दिलीप सिन्हा जी बहुत सज्जन और लोगों की मदद करने वाले खुश दिल इंसान थे अचानक उनका निधन बहुत पीड़ा दायक है पत्रकार हितों को लेकर हमेशा जागरूक रहे और दिलीप जी के व्हाट्सएप से सूचना विभाग में क्या हो रहा है उसकी पूरी जानकारी मिलती रहती थी कब आपका मान्यता के लिए कार्ड जमा होना है पास कब तक बनेगा डेट क्या है हेल्थ कैंप जैसे बहुत सारी सूचनाओं उनसे मिलती रहती थी अचानक उनका जाना और दुर्घटना में निधन बहुत ही पीड़ा पहुंचाने वाला प्रभु उनको अपने चरणों में स्थान दें और परिवार इस दुख की घड़ी में सहनशक्ति की क्षमता दें ओम शांति
शेखर पंडित
हर उम्र हर पीढ़ी के पत्रकारों के साथ सामंजस्य लेकर चलने वाले एकमात्र युग पुरुष थे हमारे दिलीप सिन्हा सर
कभी भी महसूस नहीं होने दिया कि वह कितने वरिष्ठ हैं और उनका कद कितना ऊंचा है।
गजब की चुस्ती फुर्ती, एक अच्छे श्रोता
महीनों विश्वास नहीं होगा कि वह हमारे बीच नहीं है अभी भी लग रहा है वह हैं और आसपास हैं उनको याद करते हैं तो लगता है कि वह कहीं नहीं गए।
जीवन पर्यंत याद रहते हैं ऐसे लोग
निडर बिंदास स्पष्ट वक्ता
दिलीप सिन्हा जी का व्यक्तित्व
कलानिधि मिश्रा
अत्यंत दुखद। श्री दिलीप सिन्हा जी कल 3:00 बजे विधानसभा प्रेस रूम में मिले थे। भाष्कर दुबे जी बगल में बैठे रहे। काफी देर तक शास्वत जी, पंकज जी, राजेश सिंह व सुरेन्द जी आदि सभी लोग बैठकर आपस में बातचीत करते रहे। दिनेश शर्मा जी ने सभी को चाय पिलाया और फिर हम लोग आफिस चले गये। अभी पता जैसे ही पता चला तो मुझे यकीन ही नहीं हो रहा है। विनम्र श्रद्धांजलि।
आदित्य सिंह बिसेन
बेहद दुखद, उत्तर प्रदेश मुख्यालय मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति के कार्यकारिणी सदस्य वरिष्ठ पत्रकार दिलीप सिन्हा जी का आज लखनऊ में सड़क दुर्घटना में निधन हो गया। सिन्हा जी विधानसभा प्रेस रूम को हमेशा गुलजार किए रहते थे। आज भी वह घर से विधानसभा प्रेस रूम के लिए ही निकले थे। जियामऊ के पास बस वाले ने टक्कर मार दिया। ईश्वर उन्हें अपने श्री चरणों में स्थान दें, विनम्र श्रद्धांजलि
रतिभान त्रिपाठी
हृदयविदारक घटना। मिलनसार भाई दिलीप सिन्हा जी का निधन सबके लिए दुखदाई।
पत्रकार हितों के लिए चिंतित रहते थे और सबसे प्रेम भाव से मिलते रहते थे।
ईश्वर दिवंगत आत्मा को सद्गति प्रदान करे।
विनम्र श्रद्धांजलि।
विजय उपाध्याय
हृदय विदारक है दिलीप जी शानदार पत्रकार थे पत्रकरों के हित के लिए संघर्ष करते रहे, ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे और उनके परिजनों को इस दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करे ॐ शांति
अजय कुमार
प्रिय दिलीप सिन्हा जी के निधन का समाचार सुनकर अत्यंत दुख हुआ. सभी पत्रकारों की समस्याओं के समाधान के लिए सदैव तत्पर रहने वाले प्रिय दिलीप आज हमारे बीच नहीं रहे, यह जानकर हृदय द्रवित हो गया है. ईश्वर उनकी आत्मा को सद्गति प्रदान करें. तथा उनके परिवार को यह गहन आघात करने की शक्ति प्रदत्त करें.
प्रद्युम्न तिवारी
उफ, हृदयविदारक सूचना। दिलीप के रोज ही मैसेज आते थे। हर समय सहायता को तत्पर रहते थे। विश्वास नहीं हो रहा। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और उनके परिवार को यह दुख सहने की शक्ति दें। विनम्र श्रद्धांजलि
दिनेश शर्मा
वरिष्ठ पत्रकार दिलीप सिन्हा की सड़क दुर्घटना में मौत ने हिला कर रख दिया है। अफसोस कि एक शानदार मिलनसार सदाबहार पत्रकार अचानक हम लोगों के बीच से चला गया।
ईश्वर दिलीप सिन्हा जी की आत्मा को शांति और परिवार को यह महान पीड़ादायक दुख सहने की शक्ति प्रदान करें
मनोज कुमार मिश्रा
उत्तर प्रदेश मुख्यालय मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति के कार्यकारिणी सदस्य वरिष्ठ पत्रकार साथी दिलीप सिन्हा जी का आज सड़क दुर्घटना में निधन हो गया अभी कल शाम हम सब लोग साथ थे हंसी मजाक चल रहा था आज ऐसी खबर की कोई कल्पना भी नहीं कर सकता बहुत ही दुखद है ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे और परिजनों को यह दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करें
मोहम्मद कामरान
दिलीप सिन्हा का जाना बेहद अफसोसजनक है, कितनी बातें और कितनी रातें साथ मे गुज़री, राज़दारी की बाते राज़ रह गयी, बस यादों में ही बात रह गयी,,
जियामऊ , गोमतीनगर में बस वाले कि लापरवाही ने हमारे बीच से हमारे अभिन्न साथी और उत्तर प्रदेश राज्य मुख्यालय मान्यता प्राप्त वरिष्ठ पत्रकार को दिवंगत कर दिया।
सुशील दुबे-
अत्यंत दुःखद.. उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ हंसमुख और मददगार लखनऊ के पत्रकार मित्र दिलीप सिन्हा जी का लोहिया पथ पर अभी हुयी सड़क दुर्घटना में स्वर्गवास होने की सूचना प्राप्त हुई है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति दे व परिवार को ये बड़ा दुख सहने की शक्ति प्रदान करे। ॐ शांति शांति शांति नमन।
परमजीत सिंह-
अत्यंत दुखद घटना घटित हुई हम सभी के प्रिय साथी उत्तर प्रदेश राज्य मुख्यालय मान्यता प्राप्त समिति के सदस्य और वरिष्ठ पत्रकार दिलीप सिन्हा जी का सड़क दुर्घटना में देहांत हो गया है
