‘जिनके इशारों पर कल तक चलता रहा था सिस्टम’ ………. कहीं वही उत्तर प्रदेश की दाग़ी नौकरशाही सिर दर्द न बन जाएँ ….पंजे गढ़ा रहे है ये दाग़ी ! क्यों झेल रहें हैं इन भ्रष्ट दागियों को ? समझ से परे है !!
शासन के शीर्ष पर बैठे कुछ १०-१५ भ्रष्ट नौकरशाह अपने स्थानांतरण की बाट जोह रहे हैं …. उन्हें या तो ट्रान्स्फ़र किया जाए या फिर यह स्पष्ट कर दिया जाए कि दागियों के बिना इस सरकार का भी काम नहीं चलेगा। CM कार्यालय ख़ाली पड़ा है … एक-२ प्रमुख सचिव के पास २-३ विभाग हैं….तमाम विकास प्राधिकरणों के भ्रष्ट VC, पूर्व सरकार के वफ़ादार ज़िलाधिकारी/पुलिस अधिकारी हाथ पर हाथ रखे बैठे हैं या फिर अपनी गोटियाँ बैठने में लगे है …. पूर्व सरकार से सहानुभूति रखने वाले दरोग़ा इंतज़ार में हैं…. हवा का रूख देख रहे हैं।
भ्रष्ट नौकरशाहों की पहुँच बड़ी होती है …. पंजा गढ़ाने में देर नहीं लगती ….पंजीरी, शराब, नक़ल, खनन माफ़ियाओं के पैरोकर नौकरशाह विभागों में जमे बैठे हैं …. इक्स्प्रेस्वे, नॉएडा, विकास प्राधिकरणों में भ्रष्टाचार मचाने वाले मुस्कुरा रहे हैं …. ख़ाली मीडिया में कुछ मुद्दे सुर्ख़ियो में बने हैं-बूचड़खाने व एंटी रोमियो अभियान से कुछ नहीं होगा…..विकास कार्य, पूर्व वर्षों के ओलाबृष्टि व सूखे का पैसा, क़र्ज़माफ़ी,बुंदेलखंड व पूर्वांचल में बढ़ती ग़र्मी/सूखा, चुनाव में उठे भ्रष्टाचार के बड़े मुद्दे,बड़े पैमाने पर हो रही नक़ल, ख़स्ता हाल शिक्षा, चिकित्सा, बिजली,सड़क, पानी, बेरोज़गारी आदि की समस्याएँ मुहवाहे खड़ी हैं…. इन समस्याओं पर day-1 से उलझते तो जनता को ज़्यादा सकून मिलता …. honeymoon period समाप्त का इंतज़ार क्यों?
मीडिया भी १०-१५ दिन और प्रतीक्षा करेगा और फिर शुरू होगा आलोचनाओँ/समालोचनाओं का दौर….जिसकी प्रतीक्षा किए बग़ैर ही सरकार को भ्रष्टाचार पर प्रहार व विकास पर ललकार without further delay शुरू करनी चाहिए …..
सूर्य प्रताप सिंह के फेसबुक वाल से