आपराधिक मुकदमों में नामित पत्रकार तनवीर की मान्यता समाप्त किए जाने से पत्रकारों में मची खलबली!
उच्च पदस्थ अधिकारियो से मिली जानकारी के अनुसार मान्यता नवीनीकरण का कार्य रोककर EOW द्वारा धोखाधड़ी, जालसाजी में लिप्त 272 पत्रकारो की सूची जिलाधिकारी कार्यालय से प्राप्त कर मान्यता नवीनीकरण प्रकरण से नाम हटाये जाने हेतु कार्य गोपनीय तौर पर किया जा रहा है और संभवतः 200 मान्यता प्राप्त पत्रकारो की मान्यता निरस्त किये जाने की आशंका से इनकार नही किया जा सकता
लगभग 200 राज्य मुख्यालय मान्यता प्राप्त पत्रकारों पर दर्ज है आपराधिक मुकदमा!
सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, उत्तर प्रदेश के सूचना निदेशक शिशिर सिंह द्वारा आपराधिक मुकदमे में नामित पत्रकार या न्यायालय में वाद लंबित होने पर पत्रकारों को निर्गत की जाने वाली मान्यता समाप्त किये जाने का जो सिलसिला शुरू किया है उससे अनेक पत्रकारों में हड़बड़ाहट, घबराहट और बौखलाहट देखी जा सकती है, क्योंकि आपराधिक मुकदमों में नामित होने के बाद भी कई पत्रकारों को राज्य सरकार द्वारा सरकारी बंगला अपनी पत्रकार मान्यता के आधार पर ही मिला है और सूचना निदेशक शिशिर सिंह द्वारा मुकदमों में नामित होने पर मान्यता समाप्त किए जाने पर उनको अपना सरकारी बंगला भी हाथ से निकलता दिख रहा है।
पत्रकारों को मान्यता देने वाली प्रेस मान्यता समिति का अस्तित्व भी संकट में दिखाई दे रहा है क्योंकि प्रेस मान्यता समिति में भी आपराधिक मुकदमों में नामित व्यक्तियों का चयन किया गया है और सूचना निदेशक द्वारा जो मुहिम शुरू की गई है ऐसे में प्रेस मान्यता समिति से दागियों का नाम हटाया जाना उचित होगा और मान्यता निरस्तीकरण के साथ ही सरकारी आवास भी खाली कराया जाएगा।
श्री ललित मोहन उपनिदेशक प्रेस प्रभाग का पत्र दिनांक 6 नवंबर 2023 व्हाट्सएप पर वायरल हो रहा है जिसमें पत्रकार तनवीर अहमद सिद्दीकी की मान्यता आपराधिक मुकदमों में नामित होने पर समाप्त की गई है, पूर्व में भी सूचना निदेशक द्वारा पत्रकार कामरान की मान्यता आपराधिक मुकदमों में नामित होने पर समाप्त की गई है ऐसे में उन पत्रकारों द्वारा जोड़-तोड़ और सिफारिश पत्रों के माध्यम से अपनी मान्यता नवीनीकरण का हर संभव प्रयास किया जा रहा है जिनके विरुद्ध न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल हो गया है और जो जमानत पर बाहर घूम रहे हैं।
मान्यता उपरांत मिलने वाली सुविधाओं में सरकारी आवास एवं प्राथमिकता पर प्रशासनिक सरकारी भवनों में प्रवेश आसानी से होता है बाकी अन्य सुविधाएं जैसे रेलवे यात्रा का प्रावधान समाप्त किया गया है लेकिन सरकारी भवनों में दागदार पत्रकारों के प्रवेश से कहीं ना कहीं बड़ी दुर्घटना की आशंका के चलते सूचना निदेशक शिशिर सिंह द्वारा सराहनीय पहल की गई है।
सूचना विभाग के विश्वसनीय सूत्रों द्वारा इस बात का खंडन किया है कि किसी विशेष वर्ग या जाति को लेकर मान्यता समाप्त की जा रही हैं जबकि सूचना निदेशक शिशिर सिंह द्वारा जिस पत्रकार के बारे में भी आपराधिक मुक़दमोँ के बारे में जानकारी प्राप्त हो रही है उसकी मान्यता समाप्त किए जाने का सिलसिला शुरू किया गया है। सूचना विभाग की लचर प्रणाली का फायदा उठाते हुए जलेबी बनाने वाले, स्कूटर मिस्त्री, अण्डा बेचने वाले और साइकिल स्टैंड के ठेकेदार एवं टैम्पो चलाने वाले तक मान्यता पा गए हैं। दुर्भाग्य है कि असली पत्रकारिता करने वाले तक इस महामारी पर चुप रहते हैं। इनका नेक्सस इतना ताकतवर हो गया है कि वास्तविक पत्रकार भी इन्हें बुद्धिमान और शक्तिशाली होने का प्रमाण-पत्र देने लगे हैं।
उच्च पदस्थ अधिकारियो से मिली जानकारी के अनुसार मान्यता नवीनीकरण का कार्य रोककर EOW द्वारा धोखाधड़ी, जालसाजी में लिप्त 272 पत्रकारो की सूची जिलाधिकारी कार्यालय से प्राप्त कर मान्यता नवीनीकरण प्रकरण से नाम हटाये जाने हेतु कार्य गोपनीय तौर पर किया जा रहा है और संभवतः 200 मान्यता प्राप्त पत्रकारो की मान्यता निरस्त किये जाने की आशंका से इनकार नही किया जा सकता।