पत्रकारों के लंबित मामलों को शीघ्रता से निपटाया जाएगा: अनिल राजभर
राजनीति और पत्रकार का तो चोली दामन का रिश्ता है अगर पत्रकारिता न रहे तो हमारी उपयोगिता पर प्रश्न खड़ा हो सकता है। न्यायपालिका, विधायिका और कार्यपालिका की समीक्षा करने का मीडिया को अधिकार है। श्री अनिल राजभर ने कहा कि आजादी की लड़ाई में पत्रकारों ने कितना योगदान दिया या किसी से छिपा नहीं है, बदले हुए जमाने में पत्रकारों की स्वीकारता भी बढ़ रही है और चुनौतियां भी बढ़ी है।
एनयूजे वाराणसी इकाई का शपथ ग्रहण समारोह संपन्न
वाराणसी। उत्तर प्रदेश के श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर ने कहा है कि राज्य के श्रम विभाग में लंबित मामलों का जल्दी से जल्दी निस्तारण कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद पत्रकारों को न्याय दिलाने के लिए तेजी से कार्य किया जाएगा। इन मामलों के निस्तारण के लिए खुद निगरानी रखेंगे।
नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स, उत्तर प्रदेश की वाराणसी इकाई के नवनिवार्चित पदाधिकारियों के शपथ ग्रहण समारोह और राष्ट्र निर्माण में मीडिया की भूमिका विषय पर आयोजित संगोष्ठी में मुख्य अतिथि श्री राजभर ने कहा कि विपक्षी दलों के नेता जब सत्ता में थे, तब पत्रकारों के चुभने वाले सवालों पर उनके मालिकों का नाम पूछा जाता था। उन्होंने कहा कि इस तरह की चीज किसी के लिए ठीक नहीं है चाहे वह समाज हो चाहे राजनीति हो। राजनीति और पत्रकार का तो चोली दामन का रिश्ता है अगर पत्रकारिता न रहे तो हमारी उपयोगिता पर प्रश्न खड़ा हो सकता है। न्यायपालिका, विधायिका और कार्यपालिका की समीक्षा करने का मीडिया को अधिकार है।
श्री अनिल राजभर ने कहा कि आजादी की लड़ाई में पत्रकारों ने कितना योगदान दिया या किसी से छिपा नहीं है, बदले हुए जमाने में पत्रकारों की स्वीकारता भी बढ़ रही है और चुनौतियां भी बढ़ी है। मीडिया इससे निपटना भी जानता है। उन्होंने कहा कि पत्रकारों की सुरक्षा सरकार के साथ समाज का भी दायित्व है। मीडिया द्वारा दिखाई गई बातों को जनता सच मानती है। ऐसे में मीडिया जिम्मेदारी ज्यादा बढ़ जाती है। आज देश बढ़ रहा है, ऐसे में पत्रकारों की भूमिका भी एक अलग किस्म के रूप में सामने आनी चहिए।
पत्रकारों की समस्याओं का हल कराया जाएगा- दयाशंकर मिश्र
एनयूजे वाराणसी के शपथ ग्रहण समारोह में विशिष्ट अतिथि और उत्तर प्रदेश के आयुष मंत्री दयाशंकर मिश्र दयालु ने कहा कि पत्रकारिता कल और आज का भेद दिखाती है। कहा जाता है कि पत्रकारिता में गिरावट आई है। गिरावट सभी क्षेत्रों में आई है। राजनीति भी इससे अछूती नहीं है। इसे गिरावट नहीं मानना चाहिए, यह परिवर्तन का हिस्सा है। आज समाज में विभिन्न हिस्सों में परिवर्तन आया है। कल और आज की तुलना में हर जगह परिवर्तन है लेकिन इसको गिरावट नहीं कहा जा सकता। यह परिस्थितियों की मांग है, आज व्यवस्था है।
श्री मिश्र ने कहा कि समाज में कठिनाइयां बढ़ रही है। इसके बावजूद पत्रकार जनता के सामने सच लाने का कार्य कर रहे हैं। मीडिया के बताए सच के कारण ही समाज गुमराह नहीं होता। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार पत्रकारों के हितों के संरक्षण के लिए सजग है। पत्रकारों की सभी समस्याओं का निराकरण करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार लगातार प्रयत्न कर रही है।
एनयूजे वाराणसी के पदाधिकारियों ने निष्पक्ष पत्रकारिता की शपथ ली
एनयूजे इंडिया के अध्यक्ष रास बिहारी ने एनयूजे वाराणसी के सभी पदाधिकारियों को पद की शपथ दिलाई। इस अवसर पर अध्यक्ष अनिल सिंह, उपाध्यक्ष राजीव कुमार सिंह रानू, डा.गिरीश कुमार दुबे, अरुण कुमार सिंह, रत्नेश राय, डा.लोकनाथ पांडेय, महासचिव राजीव पाण्डेय, मंत्री घनश्याम मिश्र, राजकुमार सोनकर कुवर, राजेन्द्र मोहन लाल श्रीवास्तव, राजेन्द्र कुमार गुप्ता और कोषाध्यक्ष राहुल सिहं ने शपथ ली।
जाति न पूछो पत्रकार की अभियान चलाया जाएगा- रास बिहारी
संगोष्ठी के मुख्य वक्ता और एनयूजेआई अध्यक्ष रास बिहारी ने कहा कि मीडिया के समक्ष आज कई चुनौतियां हैं। कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी पत्रकारों की जाति पूछ रहे हैं। यह मीडिया में एक खतरनाक स्थिति बनाने की कोशिश की जा रही है। राहुल गांधी ने कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में भी पत्रकारों से इस तरह से सवाल पूछे थे। उन्होंने कहा कि देश में उग्र भीड़ द्वारा जगह-जगह पत्रकारों पर कवरेज के दौरान हमले किए जा रहे हैं। ऐसे हमलों को रोकने के लिए पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने की आवश्यकता है।
श्री रास बिहारी ने कहा कि वाराणसी ने विश्व को धर्म, आध्यात्म, शिक्षा और पत्रकारिता में नेतृत्व दिया है। कबीरदास की साधना स्थली से जाति न पूछो पत्रकार अभियान का प्रारंभ किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मीडिया की तरफ से जवाब देने के लिए जाति न पूछो पत्रकार की अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए जल्दी ही दिल्ली में वरिष्ठ पत्रकारों और संपादकों की बैठक बुलाकर रणनीति तैयार की जाएगी।
श्री रास बिहारी ने कहा कि वाराणसी के सांसद नरेंद्र मोदी की देश के निर्माण में प्रमुख भूमिका है। उन्होंने कहा कि पत्रकारों की कम उम्र में मौत पर भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी चिंता जताई है। देश के सभी पत्रकारों के स्वास्थ्य की जांच और मेडिकल सुविधाएं दिलाने के लिए प्रधानमंत्री जल्दी ही ज्ञापन सौंपा जाएगा। उन्होंने कहा कि मीडिया को कब्रगाह बनाने में सबसे बड़ी भूमिका कांग्रेस पार्टी ने निभाई है।पश्चिम बंगाल में भी आज ऐसा ही हो रहा है, हालांकि आज उत्तर प्रदेश मैं ऐसी घटनाएं कम हो रही है।
एनयूजे कोषाध्यक्ष अरविन्द सिंह ने किया अतिथियों का स्वागत
पदाधिकारियों के शपथ ग्रहण समारोह और संगोष्ठी में पधारे सभी अतिथियों का एनयूजेआई कोषाध्यक्ष डॉक्टर अरविंद सिंह स्वागत किया। अपने स्वागत भाषण में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में आयोजित हो रहे इस कार्यक्रम में सभी आगंतुकों का स्वागत करते हुए उन्हें अति प्रसन्नता हो रही है। भगवान भोले की नगरी अपने सभी अतिथियों को स्वस्थ और कुशलता से रखती है, ऐसी काशी नगरी है। उन्होंने कहा कि एनयूजे वाराणसी के इकाई के पदाधिकारी और सदस्य काशी की पत्रकारिता के इतिहास को और समृद्ध बनाएंगे। पत्रकारों के कल्याण और अधिकार में वाराणसी के पत्रकार पूरा सहयोग करेंगे। एनयूजे उत्तर प्रदेश के संरक्षक के बख्श सिंह कहा कि राष्ट्र के निर्माण में पत्रकारों की भूमिका अहम है। आज पत्रकारों का विश्वास समाज में कम हो रहा है इसका कारण हम स्वयं है हमको आज पुनः अपना विश्वास जगाने की आवश्यकता है। वरिष्ठ पत्रकार सुरेंद्र दुबे ने कहा कि पत्रकारों के अधिकारों के लिए एनयूजे की बड़ी भूमिका है। इस अवसर एनयूजे उत्तर प्रदेश के महासचिव संतोष भगवन, कोषाध्यक्ष अनुपम चौहान, संतोष पांडे, डॉ योगेश सिंह, राकेश श्रीवास्तव और उधम सिंह का सम्मान किया गया।
मीडिया कर रही है निष्पक्ष कार्य- अशोक तिवारी
संगोष्ठी के विशिष्ट अतिथि और वाराणसी के महापौर अशोक तिवारी ने कहा कि आज मीडिया निष्पक्ष कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि वाराणसी में ऐसी ऐसी प्रतिभाएं थी, जिन्होंने देश को जागरूक करने का कार्य किया है। वाराणसी अपनी इसी परंपरा को आगे बढ़ा रही है,ऐसा विश्वास है। उन्होंने कहा कि मीडिया वाराणसी नगर निगम की कमियों को उजागर करें, इसके बाद कमियों को दूर किया जाएगा।
पत्रकारों के बारे में भी सोचे सरकार और समाज- स्नेह रंजन
संगोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ पत्रकार स्नेह रंजन ने कहा कि आज समाज में पत्रकारों पर ध्यान देने की आवश्यकता है। यह सोचने की आवश्यकता है कि पत्रकारों के लिए क्या किया जा रहा है। पत्रकारों के गिरते स्वास्थ्य की सभी को चिंता करनी चाहिए। पत्रकारों पर ध्यान देना सरकार की ही जिम्मेदारी है। आज भारतीय प्रेस परिषद में सबसे अधिक मामले लंबित हैं। उन्होंने कहा कि आज जिन पत्रकारों से जाति पूछी जाए उनको पलट कर जवाब देना चाहिए, हमको ऐसा वातावरण बनाने की आवश्यकता है। सोशल मीडिया ने हमको कहां पर लाकर खड़ा कर दिया है हमको ऐसी व्यवस्था पर भी ध्यान देना है। एडिटर लेस मीडिया हमको खतरनाक व्यवस्था में लाकर खड़ा कर देता है। कार्यक्रम का संचालन डॉ वेणीमाधव ने किया। संगोष्ठी में पधारे अतिथियों का स्मृति चिन्ह, अंगवस्त्र और पुष्पगुच्छ देकर, प्रदीप कुमार सिंह, मनीष सिंह, राजेंद्र मोहनलाल श्रीवास्तव, संजय सिंह, अरुण सिंह अरुण मिश्रा,अजय राय, राजीव सिंह रानू, गिरीश दुबे, रत्नेश राय, राजेश चौबे, घनश्याम मिश्र, राजकुमार सोनकर कुवर, दिनेश तिवारी, मिराज फारुखी,राकेश कुमार सिंह, रविन्द्र गिरी, अरविन्द तिवारी, अजय चौबे, राजेन्द्र कुमार गुप्ता ने सम्मानित किया। वाराणसी प्रेस क्लब के अध्यक्ष अरुण मिश्र, वेदप्रकाश सिंह, अशोक सिंह, आलोक श्रीवास्तव आदि वरिष्ठ पत्रकार उपस्थित थे।