लघु एवं मध्यम समाचार पत्र की आवाज़ बनेगा भड़ास4जर्नलिस्ट

लघु एवं मध्यम समाचार पत्र की आवाज़ उठाने पर भड़ास4जर्नलिस्ट का हुआ सम्मान।

“एक  परिवार अनेक अखबार”  के खिलाफ भड़ास4जर्नलिस्ट  ने छेड़ा मुहिम

सूचना निदेशक के सम्मुख भड़ास4जर्नलिस्ट द्वारा लघु एवं मध्यम समाचार पत्रों को सचिवालय पास पूर्व की भांति जारी किए जाने की मांग करते हुए बताया गया कि यदि समाचार पत्रों के प्रतिनिधि को बड़े एवं छोटे, सम्मानित एवं अपमानित, मान्यता एवं गैर मान्यता के क्रम में रखकर सचिवालय, विधानसभा प्रेस कवरेज हेतु रोका जाएगा तो लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर अंकुश लगाने जैसा नियम प्रतीत होगा। सूचना निदेशक द्वारा भड़ास4जर्नलिस्ट द्वारा की जा रही सकारात्मक खबरों की सराहना करते हुए सभी बिंदुओं पर कार्यवाही करने का आश्वासन दिया गया है और “एक परिवार अनेक अख़बार” की प्रथा पर रोकथाम लगाने की कार्यवाही की गई है।

सूचना निदेशक ने एक परिवार अनेक समाचार पत्र पर रोक लगाने का दिया आश्वासन।

उत्तर प्रदेश सरकार की कल्याणकारी योजनाओं एवं भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीतियों के प्रचार प्रसार की समस्त जिम्मेदारी सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा निभाई जाती है परंतु मीडिया क्षेत्र में ऐसे व्यवसायियों का प्रवेश हो गया है जिनके लिए पत्रकारिता केवल व्यवसाय है और अपने ही परिवार के नाम से अनेक समाचार पत्र प्रकाशित किये जाने का व्यापार किया जा रहा है। ऐसे लोगों से लघु एवं मध्यम समाचार पत्रों के अस्तितिव पर संकट छा गया है।

उत्तर प्रदेश की पत्रकारिता और लघु एवं मध्यम समाचार पत्र को बचाने के लिए भड़ास द्वारा सूचना निदेशक से भेंट करके बताया गया कि उत्तर प्रदेश के समाचार पत्रों द्वारा अपनी कार्यशैली के कारण पूरे विश्व में एक अलग पहचान बनाई है एवं पंडित मदन मोहन मालवीय जैसी शख्सियत ने दो पन्नों का दैनिक अखबार का प्रकाशन करके एक अलग पहचान बनाई थी।

लघु एवं मध्यम समाचार पत्र ही हमारी लोक कला और परंपराओं को जीवनदान दे रहे हैं और लोक कलाकारों, लघु उद्योगों एवं बीमार मिलो को चलाने के लिए स्कीम, किसानों के कर्ज माफी के लिए स्कीम बनाती है तो सूचना विभाग को ऐसे दम तोड़ते लघु एवं मध्यम समाचार पत्रों को बचाना होगा वरना वह दिन दूर नहीं जब एक परिवार अनेक समाचार के फार्मूले पर बड़े व्यवसायिक घराने केवल अपने फायदे की खबरों को चलाने के लिए समाचार पत्रों का संचालन करते दिखाई देंगे और पत्रकारिता से कोसों दूर खबरों का प्रकाशन किया जाएगा।

सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा माननीय उच्चतम न्यायालय, नई दिल्ली द्वारा कॉमन काज बनाम यूनियन ऑफ इंडिया में 13 मई 2015 में दिए गए निर्णय का अनुपालन किया जाना चाहिए जिसके संबंध में अशोक नवरत्न के संगठन द्वारा अनेकों बार शासन एवं सूचना एवं जनसंपर्क विभाग को पत्र लिख कर अवगत कराया गया है । इस संबंध में माननीय उच्च न्यायालय प्रयागराज में भी रिट याचिका विचाराधीन है ।

सूचना निदेशक के सम्मुख भड़ास4जर्नलिस्ट द्वारा लघु एवं मध्यम समाचार पत्रों को सचिवालय पास पूर्व की भांति जारी किए जाने की मांग करते हुए बताया गया कि यदि समाचार पत्रों के प्रतिनिधि को बड़े एवं छोटे, सम्मानित एवं अपमानित, मान्यता एवं गैर मान्यता के क्रम में रखकर सचिवालय, विधानसभा प्रेस कवरेज हेतु रोका जाएगा तो लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर अंकुश लगाने जैसा नियम प्रतीत होगा। सूचना निदेशक द्वारा भड़ास4जर्नलिस्ट द्वारा की जा रही सकारात्मक खबरों की सराहना करते हुए सभी बिंदुओं पर कार्यवाही करने का आश्वासन दिया गया है और एक परिवार अनेक समाचार पत्र की प्रथा पर रोकथाम लगाने की कार्यवाही की गई है।

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