लेनदेन/सौदेबाजी/ब्लैकमेलिंग की लगातार शिकायत के बाद हिंदुस्तान ने बदायूं के ब्यूरो चीफ जगमोहन शर्मा को बाहर का रास्ता दिखाया

बरेली से बड़ी खबर आ रही है। हिंदुस्तान ने बदायूं के ब्यूरो चीफ जगमोहन शर्मा पर बड़ी कार्रवाई कर दी है।जोनल संपादक की मासिक बैठक के बाद उनसे इस्तीफ़ा लिखवा लिया गया। दरअसल हिंदुस्तान के प्रबंधन को बीते एक साल से जगमोहन के खिलाफ लेनदेन/सौदेबाजी/ब्लैकमेलिंग की लगातार शिकायत मिल रहीं थीं। ब्लैकमेलिंग का ताजा मामला हाल ही में हुआ हत्याकांड है, जिसमें एक ब्लाक प्रमुख और उसके भाई की नामजदगी है। दोनों की ही अभी तक गिरफ़्तारी नहीं हो सकी है।दरअसल मृतक पक्ष की पुरानी दुश्मनी होने के नाते ब्लाक प्रमुख की नामजदगी को संदिग्ध मानकर पुलिस भी गिरफ्तारी में दिलचस्पी नहीं ले रही थी। इस बीच हिंदुस्तान बदायूं के ब्यूरो चीफ जगमोहन शर्मा ने ब्लॉक प्रमुख की गिरफ़्तारी को लेकर पुलिस के खिलाफ अभियान चलाकर ख़बरें छापनी शुरू कर दीं।

अपनी नामजदगी को झूठा बताकर ब्लॉक प्रमुख ने जगमोहन से इस तरह इरादतन ख़बरें ना छापने का अनुरोध किया तो जगमोहन ने 50 हजार की डिमांड सामने रख दी।इसके बाद ब्लाक प्रमुख को अपनी ओर से कई बार फोन करके पैसे मांगे और बात करने दफ्तर बुलाया। लगातार पैसों की डिमांड से आजिज आकर ब्लाक प्रमुख ने जगमोहन को परिवार सहित एक होटल में दावत दी और कहा कि वह इतनी बड़ी रकम नहीं दे सकता, यदि 10 हजार में बात बने तो निपटा लो। दावत खाकर जगमोहन ने फिर अगले दिन ब्लाक प्रमुख के खिलाफ लंबी चौड़ी खबर छाप दी।ब्लॉक प्रमुख ने झल्लाकर बतौर सबूत ऑडियो-वीडियो ओर हिंदुस्तान में छपी खबरों की कटिंग हिंदुस्तान के नोयडा ऑफिस जाकर ग्रुप एडिटर शशि शेखर के सामने पेश कीं।उच्च प्रबंधन ने जगमोहन को निकाल बाहर करने का फरमान सुना दिया।

माह दिसंबर में हिंदुस्तान के बदायूं ब्यूरो में जगमोहन पर खबरों के नाम पर धन उगाही कराने का आरोप लगाकर चपरासी समेत सारे स्टाफ ने बगाबत कर दी थी और छोड़कर अन्य अखबारों में चले गए थे। उस समय बरेली में बैठे आकाओं ने जगमोहन को बचा लिया।इस बार ब्लॉक प्रमुख को ब्लैकमेल करना जगमोहन को महंगा पड़ गया।बताते हैं कि दो दिन पहले मेरठ से जोनल संपादक पुष्पेंद्र शर्मा बरेली आये।उन्होंने सभी ब्यूरो इंचार्जों की मासिक बैठक यूनिट कार्यालय पर बुलाई। बैठक के बाद जब लंच निपट गया और ब्यूरो इंचार्ज इधर-उधर थे, तभी जगमोहन शर्मा को संपादक के कक्ष में बुलवाया गया। 10 मिनट बाद ही वह जब रोते हुए संपादक के कक्ष से बाहर निकले तो यूनिट में हड़कंप मच गया, यूनिट के साथियों ने उनको चुपाते हुए कारण पूछा तो जगमोहन साथियों को यह बताकर यूनिट से बाहर निकल गए कि मुझसे बिना मेरा पक्ष सुने इस्तीफ़ा लिखा लिया है।

बता दें कि जगमोहन शर्मा पिलखुवा के रहने वाले हैं। उनको अमर उजाला से हिंदुस्तान अखबार में करीब चार साल पहले संपादक रहे अभिमन्यु कुमार सिंह लेकर आये थे।वे अभिमन्यु कुमार के ख़ास सिपहसालारों में गिने जाते थे। अभिमन्यु इस समय भागलपुर यूनिट के संपादक हैं। सूत्र बताते है कि अभी एक और ब्यूरो चीफ पर प्रबंधन की निगाहें हैं जोकि ब्यूरो इंचार्ज बनने के दो साल के अंदर ही नई कार खरीद लाये और घर से ऑफिस की चंद कदम की दूरी भी कार से ही तय करते हैं।महीने में 20 दिन मुफ्त का खाना खाकर वह खासे चर्चा में बने हुए हैं।

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