……तो इस्तीफा नहीं दिया था हेमंत शर्मा ने, सीबीआई जांच में हेमंत शर्मा को फंसते देख रजत शर्मा ने उनको निकाल बाहर किया
वरिष्ठ पत्रकार हेमंत शर्मा को इंडिया टीवी से हटाए जाने का असली कारण अब सामने आता जा रहा है. सीबीआई से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पिछले दिनों प्राइवेट मेडिकल कालेजों के मालिकों की शिकायत पर सीबीआई की एक टीम ने नोएडा के सेक्टर 44 स्थित एफ-43 नामक मकान नंबर पर छापेमारी की. यहां से जिन वीके शर्मा और इनके पुत्र वैभव शर्मा को दो करोड़ रुपये लेते हुए पकड़ा गया, उनने पूछताछ में पैसा इंडिया टीवी के वरिष्ठ पत्रकार हेमंत शर्मा के यहां डिलीवर किए जाने की बात कबूली.
पूछताछ में इंडिया टीवी के वरिष्ठ पत्रकार हेमंत शर्मा का नाम आने पर सीबीआई ने उन्हें सीबीआई मुख्यालय तलब किया. लेकिन जब सीबीआई को हेमंत शर्मा के पावर कनेक्शन और अमित शाह समेत भाजपा के सारे बड़े नेताओं का खासमखास होने के बारे में पता चला तो बिना देर किए उन्हें जाने दिया गया लेकिन वीके शर्मा समेत तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया. बाद में गिरफ्तार लोगों को गाजियाबाद सीबीआई कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया गया. सीबीआई ने इंडिया टीवी के वरिष्ठ पत्रकार हेमंत शर्मा का नाम सामने आने पर मामला हाई प्रोफाइल देख एफआईआर को अपनी वेबसाइट पर अपलोड नहीं किया.
सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि सीबीआई एफआईआर दर्ज करते हुए उसे तुरंत अपनी वेबसाइट पर अपलोड करेगी. जब गाजियाबाद सीबीआई कोर्ट में पेशी हुई तो एक स्थानीय स्ट्रिंगर ने सिंगल कालम खबर अपने अखबार को भेज दी और छप गई. इसमें प्राइवेट मेडिकल कालेजों से रिश्वतखोरी के मामले में कई लोगों के गिरफ्तार किए जाने की सूचना थी. स्ट्रिंगर खुद सीबीआई कोर्ट में था और आरोपियों को पेश कर रिमांड लेने की सीबीआई की कोशिश के बारे में उसे पता चला तो उसने खबर लिख कर भेज दी. यह सिंगल कालम खबर जब अखबार में छप गई तो बाकी अखबारों और चैनलों के रिपोर्टरों ने सीबीआई के अफसरों को पकड़ा और एफआईआर सीबीआई की साइट पर अपलोड न किए जाने पर नाराजगी जताई. इसके बाद सीबीआई वालों ने फौरन एफआईआर को वेबसाइट पर अपलोड कर दिया. इसी बीच पूरे मामले और इसमें इंडिया टीवी के वरिष्ठ पत्रकार हेमंत शर्मा की कथित संलिप्तता को लेकर इंडिया टीवी के मालिक रजत शर्मा को सूचना दे दी गई.
इस सनसनीखेज प्रकरण की जानकारी मिलते ही रजत शर्मा के होश उड़ गए. उन्होंने विधिक राय ली और हेमंत शर्मा को सीबीआई जांच पूरी होने तक नमस्ते करने का फैसला कर लिया. लेकिन जैसा कि होता है, दोनों पक्षों ने एक दूसरे को आश्वस्त किया, भरोसा दिया और स्मूथ एक्जिट के लिए रास्ता तैयार किया जाने लगा. कल भड़ास4जर्नलिस्ट पर इंडिया टीवी के वरिष्ठ पत्रकार हेमंत शर्मा के इस्तीफे की खबर आते ही इंडिया टीवी प्रबंधन पर इस बारे में बयान जारी करने का दबाव बढ़ने लगा. इसके बाद कल शाम हेमंत शर्मा की विदाई को लेकर एक गुडी गुडी टाइप का आफिसियल मेल जारी कर दिया गया, जो इस प्रकार है…
Dear All,
This is to share with you that our senior colleague Mr. Hemant Sharma has decided to take a sabbatical from his career. He has had a long journey with India TV and our best wishes are with him.
Ritu Dhawan
Managing Director | INDIA TV
India TV Broadcast Centre | B-30, Sector 85, Noida 201305 | India
अब आइए समझते हैं कि ये प्राइवेट मेडिकल कालेजों वाला क्या मामला है जिसमें वसूली करते हुए वीके शर्मा समेत कई लोग पकड़े गए. पहले वीके शर्मा के बारे में जान लेते हैं. ये महोदय नोएडा और ग्रेटर नोएडा में कई स्कूल चलाते हैं और हेमंत शर्मा के बेहद खास लोगों में से हैं. ये हेमंत शर्मा के नोएडा में पड़ोसी भी हैं. चर्चा है कि हेमंत का सारा लेनदेन और लायजनिंग टाइप का काम इन्हीं पड़ोसी वीके शर्मा जी के जरिए होता है. यहां तक कि हेमंत शर्मा की बेटी की शादी की व्यवस्था में वीके शर्मा ने बढ़-चढ़ कर अपनी भूमिका निभाई थी और उन्हें हेमंत शर्मा का बेहद करीबी मानते हुए सभी लोगों ने सम्मान दिया था. वीके शर्मा के स्कूल के आयोजनों में हेमंत शर्मा को चीफ गेस्ट के बतौर बुलाया और सम्मानित किया जाता रहा है. अब बात प्राइवेट मेडिकल कालेजों की.
पिछले दिनों केंद्र सरकार की तरफ से कई खामियों कमियों को हवाला देते हुए करीब ढाई सौ प्राइवेट मेडिकल कालेजों में प्रथम व द्वितीय वर्ष के दाखिलों पर रोक लगा दी गई थी. इस रोक को हटाने के लिए कुछ मेडिकल कालेज तो सुप्रीम कोर्ट चले गए और कई मेडिकल कालेजों ने रिश्वतखोरी का रास्ता अपनाया. प्राइवेट मेडिकल कालेजों ने इसके लिए इंडिया टीवी के वरिष्ठ पत्रकार हेमंत शर्मा के खास वीके शर्मा आदि को पकड़ा. वीके शर्मा सिग्नल मिलने के बाद सक्रिय हो गए. कहा जाता है कि दाखिले पर से पाबंदी हटवाने के लिए एक-एक मेडिकल कालेज से दो से तीन करोड़ तक डिमांड की गई. किसी एक प्राइवेट मेडिकल कालेज के मालिक ने इस उगाही के बारे में सीबीआई को जानकारी दे दी.
सीबीआई ने गुपचुप तरीके से वीके शर्मा और अन्य लोगों के फोन को राडार पर ले लिया और सारी डील के बारे में जानकारी हासिल करनी शुरू कर दी. सूचना सही साबित होने पर सीबीआई की एंटी करप्शन यूनिट ने प्राथमिक एफआईआर दर्ज कर पैसे दिए जाते वक्त छापेमारी की तैयारी की और दो करोड़ लेते हुए वीके शर्मा, वैभव शर्मा को धर दबोचा. वीके शर्मा से जब पूछताछ की गई और इस पूरे रैकेट-नेक्सस के बारे में जानकारी उगलवाई गई तो उसने इंडिया टीवी के वरिष्ठ पत्रकार हेमंत शर्मा का नाम लिया. सीबीआई वालों को अभी तक हेमंत शर्मा की ताकत के बारे में पता नहीं था. इसी कारण वीके शर्मा से मिली जानकारी के आधार पर पूछताछ के लिए हेमंत शर्मा को नोटिस भेज दिया गया और उन्हें सीबीआई मुख्यालय तलब किया. हेमंत शर्मा ने सीबीआई तक मामला पहुंचने की जानकारी मिलते ही अपने उच्च पदस्थ कनेक्शन खंगालने शुरू किए.
हेमंत शर्मा की प्रोफाइल के बारे में जानकारी मिलने के बाद सीबीआई के अफसरों में हड़कंप मंच गया. हेमंत शर्मा सीबीआई मुख्यालय पहुंचे लेकिन उन्हें वहां से तुरंत जाने दिया गया. हेमंत का नाम भी एफआईआर में नहीं डाला गया. हां, एफआईआर में इतना जरूर लिखा गया है कि इस मामले में कई बड़े लोगों का हाथ है. पर इंडिया टीवी के मालिक रजत शर्मा को चिंता ये हुई कि अगर वीके शर्मा के बयान के आधार पर आगे हेमंत शर्मा सीबीआई द्वारा तलब किए जाते हैं और सारा मामला पब्लिक डोमेन में आता है तो इंडिया टीवी के ब्रांड वैल्यू पर असर पड़ेगा, इसलिए ज्यादा अच्छा है कि तत्काल इन्हें नमस्ते किया जाए और जांच पूरी होने का इंतजार किया जाए.
फिलहाल ये पूरा प्रकरण सारे मीडिया हाउसेज को पता है. लेकिन कोई इसे न छाप रहा न दिखा रहा. इंडिया टीवी जैसे एक बड़े न्यूज चैनल के एक पावरफुल जर्नलिस्ट हेमंत शर्मा का नाम एक बड़े स्कैम में आने के प्रकरण के तह तक जाने की कोशिश कोई न्यूज चैनल या अखबार नहीं कर रहा है और न ही इस पर कोई ब्रेकिंग न्यूज जारी कर रहा. ऐसे मामलों में चोर-चोर मौसेरे भाई की कहावत मीडिया पर हमेशा फिट बैठती है. मीडिया वाले अपना घोटाला-गड़बड़झाला तो ढंकते-छुपाते ही हैं, सत्ता के इशारों पर अब वे उन नेताओं और नौकरशाहों के भी घपलों पर भी राख डालते हैं जिनसे उन्हें अच्छे खासे रेवेन्यू का आफर मिल जाता है. हाल के दिनों में भारत में मुख्य धारा की मीडिया का भयंकर पतन हुआ है, वह दिखाता बताता है कि आगे आने वाले दिनों में कई और हेमंत शर्मा टाइप प्रकरण सामने आएंगे और मीडिया वाले ऐसे मामलों पर चुप्पी सााध जाएंगे. सवाल तो ये भी हैं कि क्या हेमंत शर्मा ये सब केवल निजी स्तर पर करते-कराते थे या वे अपने राजनीतिक और मीडिया वाले आकाओं के खास आदमी के बतौर सक्रिय भूमिका निभाते हुए हर किसी का हित साधते थे?
समझदार लोग जानते हैं कि बड़े पदों पर आसीन लोग खुद कोई सीधी डील नहीं करते-कराते. वे इस काम के लिए अपने खास लोगों को आगे किए रहते हैं ताकि कभी फंसने की नौबत आए तो वो खुद साफ-पाक बच जाएं. लोग सवाल उठा रहे हैं कि केंद्र सरकार का जो मंत्रालय प्राइवेट मेडिकल कालेजों में दाखिलों पर पाबंदी लगाया था, उसके मुखिया भी इस स्कैम में शामिल तो नहीं? आखिर सबकी सहमति और सबकी हिस्सेदारी से ही तो सर्वमान्य रेट और सर्वमान्य हल तय किया जाता है.
कहने वाले कह रहे हैं कि अगर हेमंत शर्मा मुंह खोल दें तो मंत्री से लेकर कई बड़े अफसर भी नप जाएंगे लेकिन वो भला कहेंगे क्यों? संभावना इस बात की है कि सीबीआई अपनी जांच पूरी कर हेमंत शर्मा को क्लीन चिट दे दे. नरेंद्र मोदी से लेकर अमित शाह और राजनाथ सिंह समेत सभी भाजपा नेताओं के बेहद करीबी, बेहद खास, बेहद चहेते हेमंत शर्मा को बचाने के लिए जितने भी तरीके हो सकते हैं, वो तरीके आजमाए जाएंगे और उन्हें बेदाग साबित कराया जाएगा, ऐसी चर्चा होने लगी है. पिजड़े का तोता कितनी देर तक आजाद होकर आसामन में उड़ान भरते हुए पंख फड़फड़ा सकेगा. आखिर उसे पिजड़े में तो आना ही है न, पंख समेट कर.
मीडिया के सारे संपादकजी लोग इस प्रकरण पर मौन हैं, क्योंकि उनके लिए घर में घपले-घोटाले का प्रकरण गौड़ है. इस प्रकरण के बारे में जानने के लिए इंडिया टीवी के वरिष्ठ पत्रकार हेमंत शर्मा को आज सुबह जब फोन किया गया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया.