वरिष्‍ठ पत्रकार को मिली धमकी, लिखना बंद नहीं किया तो भुगतना पड़ेगा ये अंजाम…

वरिष्‍ठ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्‍या को अभी एक माह भी नहीं गुजरा है कि अब डिजिटल न्‍यूज प्‍लेटफार्म ‘फर्स्‍टपोस्‍ट’ (Firstpost)  के दिल्‍ली में चीफ रिपोर्टर देबब्रत घोष को कुछ लोगों ने जान से मारने की धमकी दी है।

न्‍यूज वेबसाइट ‘हफिंगटन पोस्‍ट इंडिया’ (Huffington Post India)  में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, इस बारे में घोष ने दिल्‍ली पुलिस में भी शिकायत दर्ज कराई है। इस शिकायत में घोष का कहना है कि उन्‍हें फोन और वॉट्सएप पर कोई जान से मारने की धमकी दे रहा है।

पुलिस के समक्ष दर्ज कराई शिकायत के अनुसार, फोन करने वाले व्‍यक्ति का कहना है कि यदि उन्‍होंने राष्‍ट्रवादी ताकतों के खिलाफ लिखना बंद नहीं किया तो उनका अंजाम भी पत्रकार गौरी लंकेश जैसा होगा। यही नहीं, एक वॉट्सएप मैसेज में तो उन्‍हें हिन्‍दू विरोधी और गद्दार तक कहा गया है।

रिपोर्ट के अनुसार, घोष का कहना है कि सबसे पहले उन्‍हें 21 सितंबर की सुबह इस संबंध में जब मोबाइल पर पहला मैसेज मिला तो उन्‍होंने यह सोचकर नजरअंदाज कर दिया कि चूंकि इसमें उनका नाम नहीं लिखा है। ऐसे में हो सकता है कि यह किसी ने फॉरवर्ड कर दिया हो। लेकिन कुछ घंटे बाद ही उन्‍हें दोबारा से एक और मैसेज मिला। हिन्‍दी में लिखे इस मैसेज में गौरीलंकेश को हिन्‍दुत्‍व विरोधी और गद्दार कहा गया था। घोष के अनुसार, उस दिन उन्‍हें दो अलग-अलग नंबरों से इस तरह के तीन मैसेज मिले। लेकिन इसके बाद उन्‍हें किसी ने फोन कर जान से मारने की धमकी दी।

घोष के अनुसार, ‘जिस समय मुझे फोन पर धमकी मिली, उस समय मैं दिल्‍ली में राजीव चौक मेट्रो स्‍टेशन पर था। चूंकि मेट्रो अंडरग्राउंड से जा रही थी और शोर काफी हो रहा था, जिस कारण पहले तो मैं समझ ही नहीं पाया कि फोन करने वाला क्‍या बोल रहा है लेकिन जब मैंने ध्‍यान से सुना तो मुझे राष्‍ट्रवादी ताकतों के खिलाफ न लिखने के लिए कहा जा रहा था। इसके बाद फोन कट गया। जब मैंने उस नंबर पर फोन किया तो वह स्विच ऑफ आ रहा था।’

घोष के अनुसार, इसके बाद उन्‍होंने उत्‍तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह को फोन कर इस बारे में बताया, जिन्‍होंने पुलिस में शिकायत करने की सलाह दी। अगले दिन दिल्‍ली पुलिस कमिश्‍नर अमूल्‍य पटनायक से मुलाकात की, जिन्‍होंने भी उन्‍हें स्‍थानीय पुलिस स्‍टेशन में शिकायत दर्ज कराने को कहा, जिसके बाद उन्‍होंने लिखित में शिकायत दर्ज कराई।

घोष ने बताया कि उनकी किसी भी राजनीतिक दल के किसी भी व्‍यक्ति के साथ कोई दुश्‍मनी नहीं हैं। घोष के अनुसार, ‘एक हिन्‍दी वेबसाइट में काम करने वाले एक मित्र को भी ऐसी ही धमकी मिली है। मेरे मोबाइल पर तो फोन करने वाले का नंबर दिख रहा था लेकिन मेरे दोस्‍त के मोबाइल पर तो वह भी नहीं दिख रहा था। मैंने पुलिस को वह मोबाइल नंबर भी दे दिए हैं, जिनसे मुझे फोन व एसएमएस किए गए थे। पुलिस का कहना है कि जांच चल रही है। मुझे उम्‍मीद है कि इस तरह की हरकत करने वलों को पुलिस जल्‍द ही तलाश लेगी।’

उल्‍लेखनीय है कि घोष पिछले तीन साल से ‘फर्स्‍टपोस्‍ट’ के साथ काम कर रहे हैं। यहां वह राजनीतिक मामलों के साथ ही आंतरिक सुरक्षा और सामाजिक मुद्दों पर भी लिखते हैं। इससे पहले घोष करीब 14 साल तक ‘हिन्‍दुस्‍तान टाइम्‍स’ में कार्यरत थे, जबकि उन्‍होंने अपने प‍त्रकारीय कॅरियर की शुरुआत अंग्रेजी अखबार ‘टाइम्‍स ऑफ इंडिया’ के साथ की थी।

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