कोबरा पोस्ट के स्टिंग के डंक से बड़े-बड़े मीडिया समूह बिलबिलाये ( भाग दो )

कोबरा पोस्ट ने आज प्रेस क्लब आफ इंडिया में मीडिया पर आधारित एक स्टिंग आपरेशन के डिटेल शेयर किए और संबंधित सीडी सबके सामने चलाई. इस स्टिंग आपरेशन का नाम ‘ऑपरेशन 136’ है. इसके तहत कोबरा पोस्ट ने पैसे लेकर खबर चलाने के लिए तैयार कई मीडिया हाउसों का पर्दाफाश किया है.

कोबरा पोस्ट के स्टिंग आपरेशन में यह भी दिखाया गया है कि कई मीडिया समूह हिन्दुत्व के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए पैसे लेकर राजनीतिक अभियान चलाने को तैयार हैं. कोबरा पोस्ट ने ‘ऑपरेशन 136’ नाम के अपने स्टिंग में दिखाया है कि देश के कई बड़े मीडिया समूह पैसे लेकर खबरें चलाने के लिए तैयार हैं. ये मीडिया हाउस इसके लिए काला धन भी लेने को तैयार हैं.

अपनी बड़ी तहकीकत में कोबरापोस्ट ने देश के कई मीडिया संस्थानों को पैसे के बदले हिंदुत्व का एजेंडा चलाने को सहमत होते पाया है। जिससे की चुनाव में लाभ पाने के लिए सांप्रदायिक ध्रुवीकरण भी हो सकता है। इसके अलावा ये संस्थान राजनीतिक विरोधियों को बदनाम करने के लिए तत्पर दिखे। इन संस्थानों ने पैसों के लिए इस तरह का दुर्भावनापूर्ण मीडिया campaign चलाने की बात कही। ऑपरेशन 136 के पहले भाग में हमने India TV, Dainik Jagaran, Hindi Khabar, SAB Group, DNA (Daily News and Analysis), Amar Ujala, UNI, 9X Media (Tashan), Samachar Plus, HNN 24X7, Punjab Kesari, Swatantra Bharat, ScoopWhoop, Rediff.com IndiaWatch, Aj Hindi Daily और Sadhna Prime News से जुड़े लोगों की बातचीत के प्रमुख अंश दिखाए है।

 

यूएनआई

नरेंद्र कुमार श्रीवास्तव, ब्युरो चीफ़, लखनऊ

देश और दुनिया में करीब एक हज़ार subscribers जिसमें अख़बार, रेडियो, टेलिविजन नेटवर्क, वैबसाइट, सरकारी दफ़्तर के अलावा प्राइवेट और पब्लिक सैक्टर corporations शामिल हैं ने यूनाइटेड न्यूज़ ऑफ इंडिया यानि यूएनआई को सबसे बड़ी न्यूज़ एजन्सी की फहरिस्त में शुमार किया हुआ हैं। देश के हर राज्य की राजधानी के अलावा लगभग हर बड़े शहर में यूएनआई के न्यूज़ ब्युरो हैं। ऐसे ही एक ब्युरो उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पत्रकार पुष्प की मुलाक़ात होती है ब्युरो चीफ़ नरेंद्र कुमार श्रीवास्तव से। हिंदुत्व का एजेंडा और पॉलिटिकल satire चलाने की बात पर श्रीवास्तव ने कहा, “हाँ तो फिर क्या चिंता है फिर तो हो ही जाएगा फिर क्या दिक्कत है वो तो हो ही जाएगा उसमें तो कोई दिक्कत नहीं है”

2019 के चुनावों से पहले एजेंडा के तहत electorate को polarize करने की बात पर यूएनआई के ब्युरो चीफ़ नरेंद्र ने कहा, Hundred one percent Sir अभी तक जो मैंने बहुत ही ध्यान से ये चीज़ आपकी सुनी है जो आपके object है जो आप material देना चाहते है उसमें मुझे कोई भी चीज़ objectionable नहीं लगी”

नरेंद्र को फ़ायर ब्रांड हिंदू नेताओं के भाषण कवर और promote करने में भी कोई परेशानी नहीं है बल्कि नरेंद्र तो इन लोगो से अपनी नज़दीकी भी बयान कर रहे है, “देखिये सर मैं आपको बताओं जिन जिन लोगो का अपने नाम लिया है मोहन भागवत जी से मेरी मुलाक़ात नहीं होती विनय कटियार जी से अच्छी मुलाक़ात है उमा दीदी बहुत मानती है अयोध्या के होने के नाते इन लोगो से मेरी intimacy है”

बातचीत में आगे शर्मा नरेंद्र से पूछते है कि क्या वो पेमेंट कैश में लेंगे और उसकी रसीद देंगे। इस पर यूएनआई के नरेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने कहा, “वो हो जाएगा आप शुरू तो कीजिए बिल्कुल देंगे एकदम देंगे सब देंगे”। इतना ही नहीं शर्मा ने जब नरेंद्र से proposal मांगा तो नरेंद्र बोले, “नहीं proposal क्या हम को…देंगे हम उसको छापेंगे तुरंत चलाएँगे उसका हमे पेमेंट दे खत्म”। जब बात यूएनआई के प्रिंट और डिजिटल माध्यमों पर खबरें प्लांट करने की आई तो नरेंद्र ने जवाब दिया, “आप शुरू तो कीजिए सर अभी तो केवल बात हो रही है”

9X टशन

राहुल श्रीवास्तव, सीनियर मैनेजर (Advertising Sales); राजीव शर्मा, सीनियर वाइस प्रेसिडेंट (Advertising Sales); प्रदीप गुहा, सीईओ

इसी बातचीत में 9x टशन के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट Advertising Sales राजीव शर्मा ने एजेंडा को सफल बनाने के लिए माहौल बनाने की सलाह देते हुए कहा, “आप जो ये points बोल रहे हैं इसमें हम ऐसा भी कर सकते हैं कि जैसा अभी हम ने brand songs हम create करते है तो हम ये तो आपके items हैं इन के through भी हम कुछ कर सकते हैं। मान लीजिये song create किया हम ने और वो हमारी property भी होगी तो हम उसको throughout the day promote करेंगे। वो चलेगा एक बड़े level पे तो वो एक buzz create कर देगा”

पुष्प कि मुलाक़ात 9x टशन के सीईओ प्रदीप गुहा से भी हुई। इस बातचीत के दौरान 9x टशन के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट Advertising Sales राजीव शर्मा भी प्रदीप के साथ थे और उन्हें सब कुछ ब्रीफ़ कर चुके थे। पुष्प के एजेंडा को आराम से सुनने के बाद 9x टशन के सीईओ प्रदीप गुहा कहते है, we have no objection we will carry whatever”  इसके बाद गुहा ये भी सलाह देते है कि caricaturing को चैनल के मशहूर शो “छोटे बड़े” में चलाएँगे। शर्मा के agenda पर confirmation लेने पर गुहा कहते है, Absolutely… we have no issues”

समाचार प्लस

मुकेश बगियाल, मैनेजर सेल्स; अमित त्यागी, सीनियर सेल्स हैड

“खबर वही जो हमने कही” की टैग लाइन के साथ साल 2012 में लॉन्च हुए समाचार प्लस चैनल ने कुछ ही समय में यूपी और उत्तराखंड में पकड़ बना ली थी। साल 2016 में उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से पहले उत्तराखंड के तब के मुख्यमंत्री हरीश रावत के स्टिंग ऑपरेशन चलाने की वजह से भी चैनल और इसके मालिक उमेश कुमार सुर्खियों में रहे। पुष्प ने समाचार प्लस के मैनेजर सेल्स मुकेश बगियाल से मिलकर उन्हें 2019 में बीजेपी को फ़ायदा पहुंचाने के लिए हिंदुत्व का एजेंडा और aggressive campaign की बात कही जिस पर मुकेश ने कहा, “इसमें सर हमारा मीडिया पूरा सपोर्ट करेगा आपको जब भी आपको जरूरत होगी”

इसके बाद पुष्प ने समाचार प्लस के सीनियर सेल्स हैड अमित त्यागी से मुलाक़ात कर एजेंडा पर बात की और चरित्र हनन के लिए पप्पू caricature launch करने का सुझाव दिया जिस पर त्यागी ने कहा, “बिल्कुल सही बात है”। सरकार की कश्मीर पॉलिसी और राष्ट्रवाद को प्रोमोट करने की बात पर त्यागी बोले, “हाँ बिल्कुल होगा उसमें तो कोई इशू नहीं है। वो तो आप जैसे जो भी आप का कुछ इवैंट वगैराह हुआ है या जो भी कुछ होता है तो उसको हम थोड़ा हमेशा कवर करेंगे”। शर्मा ने पेमेंट का बड़ा हिस्सा नगद में देने की बात कही जिस पर त्यागी ने कहा, “हाँ वो understanding में ही रहेगा, मैं उसे पेपर पे black and white नहीं करूंगा”। त्यागी ने आगे कहा, “एक बार check भी करना पड़ेगा उसको check करा के मैं बात करता हूँ कि वो 60-40 पे agree हैं 50-50 पे agree हैं वो एक बार मुझे check करना पड़ेगा शशांक जी से और उमेश जी से”

एचएनएन 24×7

अमित शर्मा, मालिक एवं सीईओ

शर्मा ने उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से टेलिकास्ट होने वाले रीजनल न्यूज चैनल एचएनएन 24×7 के ऑफिस में चैनल के मालिक और सीईओ अमित शर्मा से मुलाक़ात की। अमित ने कहा कि चैनल पर वो हिंदुत्व के एजेंडा के साथ डिजिटल प्लेटफार्म पर बीजेपी और संघ के फ़ायर ब्रांड नेताओं जैसे उमा भारती, विनय कटियार, मोहन भागवत, राजू भईया, अशोक सोनी, आनंदी भाई और असित सोनी का भी प्रचार करेंगे और इसमें रेकॉर्ड्स के अंदर संघ का नाम कही नहीं होगा।

फ़ेसबुक पर तीन लाख और ट्वीटर पर आठ हज़ार फालोअर्स का दावा करने वाले अमित शर्मा ने 2019 में बीजेपी को बढ़त दिलाने की बात करते हुए कहा, “हम तो कहेंगे नहीं संघ नहीं करवा रहा, हम तो कह रहे है being a channel मैं पाँच गाड़िया चैनल की चलवाऊंगा, मैं वही तो कह रहा हूँ पाँच गाड़िया चैनल की बनवाऊंगा, आपकी तो niche branding होगी” अमित ने आगे कहा कि इससे उत्तराखंड के लोगों के साथ साथ बाहर से उत्तराखंड आ रहे सैलानीयों में भी एजेंडा का प्रचार प्रसार होगा। पुष्प की एचएनएन के मालिक और सीईओ अमित शर्मा से फोन पर भी बातचीत हुई जिसमें पुष्प अमित से चैनल पर पैनल डिस्कशन के दौरान मुस्लिम वक्ताओं का शोषण करने, केंद्र में बीजेपी मंत्री मेनका गांधी, मनोज सिन्हा के अलावा गठबंधन पार्टी के नेता ओमप्रकाश राजभर, अनुप्रिया पटेल और उपेंद्र कुशवाह के खिलाफ़ ख़बर चलाने के लिए बोलते है। इस बात पर अमित शर्मा कहते है, “मैं आपकी बात बिलकुल समझ गया आचार्य जी। मैं उस पर वर्किंग तैयार करवा लूँगा”।

पुष्प बातचीत में आगे अमित से किसानों के आंदोलन को माओवादियों से जोड़ने, सोहरबुद्दीन और जस्टिस लोया जैसे मामलों पर अगर कुछ भी चीज़ खिलाफ जाती है तो judicial verdict के ऊपर सवाल उठाने, कोबरा पोस्ट, वायर जैसी न्यूज़ वैबसाइट के खिलाफ ख़बर करने, आधार कार्ड के पक्ष में स्टोरी करने के साथ प्रशांत भूषण, दुष्यंत दवे, कामिनी जयसवाल और इन्दिरा जयसिंह जैसे सिविल सोसाइटी के लोगों का खबरों के जरिए character assassination करने को बोलते हैं। इस पर एचएनएन के अमित अपनी सहमति देते हुए कहते है, “आप बताते जाइएगा आचार्य जी”।  

पंजाब केसरी

सुनील शर्मा, हिमाचल; हरीश शर्मा, Senior Business Executive, चंडीगढ़; राजेन्द्र कुमार; असलम सिद्दकी, ब्यूरो चीफ, दिल्ली, पंजाब केसरी

साल 1965 में महज 3500 कॉपियां प्रकाशित कर पंजाब केसरी ने देश में एक नई पहचान बनाई और आज ये हिंदी दैनिक अखबार 7,43,000 कॉपियां प्रकाशित कर रहा है जालंधर, चंडीगढ़, लुधियाना, पालमपुर, पानीपत, हिसार, जम्मू, भटिंडा, रोहतक और शिमला में पंजाब केसरी एक विश्वसनीय अखबार बन चुका है। लेकिन जब पुष्प शर्मा ने इस अखबार के दो सीनियर अधिकारियों से बातचीत की तो उन्हें ये जानते ज्यादा देर नहीं लगी कि इस विख्यात अखबार में लोगों की विश्वसनीयता से ज्यादा तवज्जो कारोबार को दी जा रही है।

मुलाकात के दौरान पुष्प ने सुनील शर्मा को अपना एजेंडा समझाते हुए बताया कि हम आपके अखबार के जरिए पंजाब में वोटों का ध्रुवीकरण चाहते हैं। पुष्प ने पूछा कि आपके पास ऐसा डिजिटल प्लेटफॉर्म है जिस पर आप हमारे बड़े और कट्टर हिंदुवादी नेताओं का प्रचार-प्रसार कर सकें। इस पर सुनील ने एक क्षण की देरी किए बिना कहा, डिजिटल है सर और ये भी बताया कि ये प्रिंट के मुकाबले सस्ता भी है। पुष्प ने सुनील से पूछा कि आपके मैनेजमेंट का पंजाब में अकालियों के साथ कोई समझौता तो नहीं हुआ कहीं ऐसा ना हो कि वो हमारे एजेंडे को चलाने से ही इनकार कर दें तो सुनील ने कहा ऐसा कुछ नहीं है सर हां बीच में अगर वो भी कुछ छापना चाहते हैं तो हम उन्हें भी नहीं रोकेंगे

 

इसके बाद पुष्प ने सुनील को एक ऑडियो जिंगल सुनाया और बताया कि हमें इस तरह अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदियों को धूमिल करना है तो आप अपने प्रिंट में इसे किस तरह से प्रकाशित करोगे। सुनील के कहा, क्रिएटिव तो चल जाएगा सर पर उसमें कार्टून का ही रहेगा मेरे ख्याल से उसी हिसाब सेपुष्प के पूछने पर क्या आपका मतलब एक साप्ताहिक सीरीज से है तो सुनील ने इस पर हामी भरते हुए कहा कि हां वो चल जाएगी कोई इशु नहीं है पुष्प ने सुनील को ये भी बताया कि कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और जनता दल यहां हमारे सबसे बड़े प्रतिद्वंदी हैं इसपर सुनील कहने लगे कोई इशु नहीं है, कार्टून तो हमारे पेपर में वैसे भी छपते हैं, कोई दिक्कत नहीं है इसके बाद पुष्प ने सुनील से एक बड़ा सवाल पूछा कि क्या आप हमारे विपक्ष में छपने वाली खबरों को रोक सकते हैं या उन्हें मोड़ सकते हैं ? सुनील ने इस मुश्किल सवाल का जवाब भी बड़ी आसानी से देते हुए कहा, पर नॉर्मल सी जैसे आती है वो मैं करवा सकता हूं..वो करवा दूंगा वो कोई दिक्कत नहीं है एक अखबार में बड़े पद पर बैठे अधिकारी के मुंह से निकली ये बातें वाकई अचंभित करने वाली थीं। अब पुष्प ने शर्मा से  सवाल पूछा कि क्या मैं आधी रकम कैश और आधी चैक से दे सकता हूं इस पर भी सुनील का वही रटा-रटाया जवाब सामने आया वो ठीक है कोई दिक्कत नहीं है सुनील ने पुष्प को ये भी बताया कि मैं कल जालंधर जा रहा हूं और वहां जाकर सारी बातें कर लूंगा और जो भी फाइनल होगा वो फोन कर बता देगा। पुष्प ने सुनील से डेढ़ करोड़ में डील पक्की की इस पर सुनील ने कहा हां फिफ्टी-फिफ्टी हो जाएगा, डेढ़ करोड़ का हुआ तो 75 कैश उसके through ”

पुष्प ने सुनील के सहयोगी और अखबार में सीनियर बिजनेस executive हरिश शर्मा से भी मुलाकात की। इस पर हरीश ने उनके सामने पंजाब केसरी और जगबाणी के लिए एक combo डील का प्रस्ताव रखा। यहां हम आपको बता दे कि जगबाणी भी पंजाब केसरी ग्रुप का ही एक और दैनिक अखबार है जो जालंधर, चंडीगढ़, लुधियाना और बठिंडा से प्रकाशित होता है। इस पंजाबी अखबार की हर रोज़ करीब 3,29,000 कॉपिया प्रकाशित होती हैं। हरीश के ये पूछने पर कि आप अपने अभियान में हमारे अखबार की क्या मदद चाहते हैं पुष्प ने बताया कि पंजाब में अपनी जमीन तलाशने के लिए हमारा संगठन चाहता है कि आप अपने अखबार के जरिए हमारे हिंदुत्व के एजेंडे को बढ़ाएं ताकि मतदाताओं को सांप्रदायिक रेखाओं पर जुटाया जा सके। चौंकाने वाली बात ये रहा कि हरीश ने सीधा पैसों की बात करते हुए पूछा कि How much rate in 3 month?” जिसपर पुष्प ने उन्हें तीन महीने के कैंपेन के लिए तीन करोड़ का बजट बता दिया। इसके बाद पुष्प ने अपने कैंपेन के अगले चरण का जिक्र करते हुए हरीश से कहा कि हम आपके प्रिंट और डिजिटल के जरिए हमारे कट्टर हिंदूवादी नेताओं को बढ़ावा देना चाहते हैं। इस पर भी हरीश ने हां में जवाब दिया I got your point

अपने combo मीडिया कैंपेन का जिक्र करते हुए पुष्प ने हरीश से फिर कहा कि वो एक ऐसा कंटेट चाहते हैं जिससे उनका मकसद पूरा हो सके। इस पर हरीश ने कहा कि वो उस चीज़ में हो सकता है जैसे एडवटोरियल जाएगा नाऔर इन्होंने पुष्प को ये भी कहा कि ये किसी विज्ञापन जैसा नहीं बल्कि एक न्यूज़ आइटम जैसे ही लगेगा। इसके बाद हरीश ने कहा कि किसी भी तरह के पेड कंटेट का हमारे अखबार में स्वागत है।

सुनील और हरीश से मुलाकात कर पुष्प शर्मा वापस दिल्ली पहुंचे जहा पहले ही इनकी मीटिंग टी.जे.एल कुट्टी से हो चुकी थी। कुट्टी पंजाब केसरी के नेशनल मार्किटिंग हेड हैं। पुष्प का एजेंडा सुनने के बाद कुट्टी ने उन्हें ग्रुप के मालिक आदित्य चोपड़ा से मिलने की सलाह दी थी। क्या अखबार हमारे इस सांप्रदायिक कंटेंट को छापने के लिए राजी है इस सवाल का जवाब जानने के लिए पुष्प ने पंजाब केसरी के दिल्ली दफ्तर में ही असलम सिद्धकी से मुलाकात की। असलम ब्यूरो चीफ होने के साथ-साथ अखबार में मार्किटिंग भी देखते हैं। सिद्धकी को अपना एजेंडा समझाने के अलावा पुष्प ने इन्हें एक जिंगल भी सुनाया और बताया कि जब हमारे अभियान का हिंदुत्व वाला पहला चरण पूरा हो जाएगा तो हम कांग्रेस, बसपा और सपा जैसे अपने राजनीतिक प्रतिद्वंदियों को उनके नाम बिगाड़कर टारगेट करेंगे, पुष्प ने जैसे ही बुआ का नाम लिया इसी बीच सिद्दकी ने बुआ, बबुआ और पप्पू कहकर कई सारे नाम गिना दिए। कहीं न कहीं सिद्दकी सौदे को लेकर चिंतित नज़र आ रहे थे इसी बीच वो पुष्प से कहने लगे कि अब ये देखना पड़ेगा पॉलिटिकल में डिस्काउंट वाली प्रॉबलम आ सकती है पुष्प ने उन्हें बताया कि हम जानते हैं कि आप प्रिमियम लेंगे और इसके लिए संगठन तैयार भी है, ये सुनते ही सिद्दकी कहने लगे कोई दिक्कत नहीं है तो ये starting में तो आपका simple होगा ये religion में हमारा चला जाएगा, इसमें तो हम discount दे सकते हैं फिर आगे क्योंकि पॉलिटिकल touch  हो जाएगा तो problem हो सकती है

हैरानी वाली बात ये है कि सिद्दकी का पूरा फोकस कंटेंट से ज्यादा बिजनेस और कमाई पर था इसके बाद पुष्प ने सिद्दकी का ध्यान केन्द्रित करते हुए कहा कि जैसे ही चुनाव नज़दीक आ जाएंगे हमारा अभियान सांप्रदायिक मोड ले लेगा जिसके तहत हम वोटों का ध्रुवीकरण करेंगे। सिद्दकी ने इस पर भी रजामंदी देते हुए “no problem” कह दिया। यहां तक की सिद्दकी अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए उमा भारती, विनय कटियार और मोहन भागवत जैसे कट्टर हिंदुवादी नेताओं के प्रचार-प्रसार के लिए भी राजी हुए। पुष्प ने एक बार फिर दोहराते हुए सिद्दकी को बताया कि हम जिंगल्स की मदद से हमारे कांग्रेस, सपा और बसपा जैसे राजनीतिक प्रतिद्वंदियों को हराना चाहते हैं। साथ ही पुष्प ने सिद्दकी को अपने तीनों एजेंडा के बारे में भी बताया लेकिन एक बार फिर सिद्दकी डिस्काउंट और प्रीमियम में ही उलझे नज़र आए। सिद्दकी कहने लगे, देखिए पहला तो आपका discounted रहेगा.. second और third, second में पता करना पड़ेगा और third में तो possible नहीं है ये तो premium पर ही जाते हैं

जब पुष्प ने पूछा कि क्या हम पेमेंट का 60 फीसदी हिस्सा कैश में दे सकते हैं इसपर भी सिद्दकी को कोई परहेज नहीं था। उन्होंने कहा, कोई दिक्कत नहीं है, मैं बात करता हूं पहले क्या हो सकता है और इसी समझौते के साथ पुष्प की सिद्दकी के साथ मीटिंग खत्म हो गई।

स्वतंत्र भारत

संजय सिंह श्रीवास्तव, एडिटर एवं बिज़नस हैड

देश की आज़ादी के दिन शुरू हुआ स्वतंत्र भारत अख़बार की लगभग आठ लाख की readership है। दिल्ली, लखनऊ, कानपुर से प्रकाशित इस अख़बार के इलाहाबाद, फ़ैज़ाबाद, वाराणसी, गोरखपुर और शाहजहाँपुर के लिए विशेष एडिशन निकलते है। इलैक्शन के मद्देनज़र बीजेपी के पक्ष में माहौल बनाने और हिंदुत्व एजेंडा चलाने के लिए डेढ़ करोड़ के बजट की बात पर स्वतंत्र भारत के संजय सिंह श्रीवास्तव बोले, “हाँ हाँ ये तो भगवान श्रीकृष्ण भी कहते है”। विनय कटियार, उमा भारती और मोहन भागवत जैसे फ़ायर ब्रांड हिंदू नेताओं के भाषण के प्रमोशन और विरोधी नेताओं के खिलाफ jingles और animated कंटैंट चलाने की बात पर संजय ने कहा, “हाँ हाँ इसको हम प्लान कर देंगे और बढ़िया प्लान कर देंगे कोई दिक्कत नहीं हैं इसमें”

अख़बार और वैबसाइट पर ये काम करने के लिए संजय ने पेमेंट का बड़ा हिस्सा कैश में लेने पर भी हामी भरी और बोले, “नहीं नहीं कोई दिक्कत नहीं है कर लेंगे हम लोग फिर आप इसको प्लान कर लीजिएगा”। बातचीत के दौरान संजय आगे कहते है, “तो उसमें कोई दिक्कत नहीं होगी आपको ये मेरा आपसे commitment है जो चीज़ कहेंगे उसको पूरा करेंगे ऐसी चीज़ नहीं मिलेगी कि आपको शर्मिंदगी उठानी पड़े शर्मिंदगी आपको हुई तो हमें भी हुई ज़िम्मेदारी ले ली ना”

स्कूप व्हूप

विदुषी डोरा, Digital Strategist; आकाश; सात्विक CEO; ऋषि प्रतिम मुखर्जी

Indian Institute of Mass Communication से पढ़े पाँच लोगों द्वारा साल 2013 में शुरू की गई स्कूप व्हूप एक दिल्ली based डिजिटल मीडिया और न्यूज़ organization है। इस संस्थान में भारती सॉफ्ट बैंक ने भी 10 करोड़ का निवेश किया है। इस वैबसाइट को हर महीने लगभग 3 million shares मिलते है। पुष्प शर्मा स्कूप व्हूप की Digital Strategist विदुषी डोरा और आकाश से मिलते है। शर्मा इनसे पूछते है कि क्या ये पप्पू, बुआ और बबुआ पर satirical web series बना सकते है क्योंकि ये हमारे पॉलिटिकल rivals है और हम 2019 के इलैक्शन में इन्हे टार्गेट करेंगे। इस पर आकाश बोलते है, Got it so I want to go more direct in second phase.” शर्मा फिर सवाल करते हैं कि उनके एजेंडा के लिए ये और क्या कर सकते हैं? जिस पर आकाश जवाब देते है, “so we can actually directly work because brand plug in we use to brands itself very subtle. So that the audience you know understand…” आकाश के इस जवाब पर पुष्प सवाल करते है कि फिर आप शायद religious स्टैंड ने ले पाओ? इस बार जवाब विदुषी देते है और बोलती है, We don’t know. So we won’t be taking a religious ground” शर्मा के दोबारा सवाल करने पर विदुषी कहती है, But on political stand honestly like I don’t think we can take the decision right now. We have to check internally” इसके बाद पुष्प पॉलिटिकल rivals के character assassination और nationalism के कंटैंट डिज़ाइनिंग की बात करते है जिस पर विदुषी का जवाब होता है, “वहाँ तक तो पता नहीं कितना हेल्प कर पाएंगे in the end”

पुष्प शर्मा अपनी अगली मुलाक़ात में मिलते है स्कूप व्हूप के सीईओ सात्विक और ऋषि प्रतिम मुखर्जी से। कैम्पेन के जरिए हिन्दू वोट को पार्टी के पक्ष में करने के सवाल पर सात्विक जवाब देते है, “नहीं सर question तो नहीं है देखिए हमारा काफी बड़ा user base है…तो sir करने में it won’t be difficult for us इतना बड़ा user base engagement है तीन करोड़ लोग पढ़ते है 40 करोड़ लोग engage करते है हर महीने but एक clarity वो मिल जाएगी वो thought वो कौन readership है”

शर्मा अब सीधे अपने एजेंडा पर आते है और भगवद गीता और Lord Krishna के उपदेशो के जरिए हिंदुत्व के प्रचार की बात करते है जिस पर सात्विक बोलते है, “बिलकुल हो जाएगा”। अब शर्मा आगे Pappu jingles चलाने के बारे में पूछते है, If you are doing in smart way हर चीज़ मुमकिन हो सकता है” बातचीत में आगे सात्विक ने कहा, “एक बार voice समझ में आ जाता है न इसी तरह कर रहे है तो उसके बाद उसको amplified करने में कोई problem नहीं होती”।  पॉलिटिकल rival पर हमलावर होने और काउंटर करने के सवाल पर सात्विक ने कहा, Understood, understood … right from fun to long-format documentary type videos काफी कुछ हो सकता है and the good thing we completely understand what your requirements are and like I said that there is line between things we don’t cross. Do it in a smart way. I think it should very do able.”

Rediff.com

दो दशक पहले साल 1996 में अजीत बालाकृष्णन ने Rediff.com की शुरूआत की थी। अब Rediff.com एक न्यूज़, मनोरंजन और शॉपिंग वेब पोर्टल बन चुका है। देश-विदेश के कई बड़े शहरों में Rediff.com के दफ्तर हैं। लोगों तक पहुंच और उनकी पसंद की वजह से आज Rediff.com देश की टॉप 24 वेब पोर्टल में से एक है। पुष्प शर्मा ने Rediff.com के मुंबई दफ्तर में दस्तक दी और यहां सबसे पहले Viraj Khandhadia से मुलाकात की। विराज यहां एसोसिएट डायरेक्टर एड सेल्स के पद पर कार्यरत हैं। विराज उस वक्त कंपनी के Manager Ad Sales सुमित.एच. रावल के साथ बैठ थे। पुष्प ने विराज और उनके सहयोगी सुमित को  मिशन 2019 के एजेंडे के बारे में बताया।

दो दशक पहले साल 1996 में अजीत बालाकृष्णन ने Rediff.com की शुरूआत की थी। अब Rediff.com एक न्यूज़, मनोरंजन और शॉपिंग वेब पोर्टल बन चुका है। देश-विदेश के कई बड़े शहरों में Rediff.com के दफ्तर हैं। लोगों तक पहुंच और उनकी पसंद की वजह से आज Rediff.com देश की टॉप 24 वेब पोर्टल में से एक है। पुष्प शर्मा ने Rediff.com के मुंबई दफ्तर में दस्तक दी और यहां सबसे पहले Viraj Khandhadia से मुलाकात की। विराज यहां एसोसिएट डायरेक्टर एड सेल्स के पद पर कार्यरत हैं। विराज उस वक्त कंपनी के Manager Ad Sales सुमित.एच. रावल के साथ बैठ थे। पुष्प ने विराज और उनके सहयोगी सुमित को  मिशन 2019 के एजेंडे के बारे में बताया। पुष्प ने इन्हें अपने फोन में मौजूद एक जिंगल का ऑडियो भी सुनाया और अपनी हिंदुत्व की कहानी को एक नया मोड़ दिया। अयोध्या मुद्दे के जिक्र करते हुए कहा कि अब लोगों का ध्यान इस मुद्दे से भटक चुका है लिहाज़ा ये वोट मांगने में सक्षम नहीं रहा लिहाजा हमने तय किया है कि हम श्रीमद् भगवद गीता से भगवान कृष्ण के उपदेश चलाकर लोगों के अंदर हिंदुत्व के भाव पैदा करेंगे और मतदाताओं का रूझान अपनी ओर आकर्षित करेंगे ताकि हमें इसका राजनीतिक लाभ मिल सके। इसके बाद पुष्प ने विराज से पूछा कि अब आप बताइए कि आप हमारे एजेंडे को एक उचित तरीके से कैसे पैकेज कर सकते हैं। हिंदुत्व के समर्थन में एक मजबूत मीडिया कैंपेन के लिए पिच तैयार करने के बाद पुष्प ने इन्हें अपनी तीन मांगों के बारे में बताया। इसी बीच विराज के सहयोगी रावल ने इन तीन मांगों को बोर्ड पर लिखना शुरू कर दिया। पुष्प ने अपने एजेंडे के पहले चरण का जिक्र करते हुए इन्हें बताया कि पहले तीन महीनों में गीता और भगवान कृष्ण के उपदेशों पर खेलकर लोगो को अध्यात्म से जोड़ने की कोशिश करेंगे। एजेंडे के दूसरे चरण में हम मोहन भागवत, उमा भारती और विनय कटियार जैसे कट्टर हिंदूवादी नेताओं के भाषणों का प्रमोशन करेंगे और इसे देश भर में पहुंचाएंगे।

इसी बीच विराज ने कहा कि मुझे इसके लिए अपनी एडिटोरियल टीम ने इजाज़त लेनी पड़ेगी कि क्या वो इस तरह की सामग्री को अपने पोर्टल पर अपडोट कर सकते हैं। हालांकि विराज पूछने लगे- “कब से स्टार्ट कर रहे हैं सर ये.. रिपब्लिक डे से ही स्टार्ट करें सक 26 जनवरी से” पुष्प ने इन्हें बताया कि वो इसे फरवरी के पहले हफ्ते से शुरू करेंगे।

इसके बाद पुष्प ने इन्हें अपने तीसरे एजेंडे के बारे में बताते हुए कहा कि जैसे ही चुनाव नज़दीक आएंगे हमारा अभियान हमारे राजनीतिक प्रतिद्वंदियों के हरित्रहनन की तरफ केन्द्रित हो जाएगा। इसके लिए हम व्यंग्य का इस्तेमाल करेंगे ताकि जनता की नज़रों में उनकी छवि खराब हो सके। पुष्प ने दोहराते हुए कहा कि हम राहुल गांधी को पप्पू के तौर पर पेश करेंगे। हमारा कंटेंट पप्पू, बुआ और बबुआ के इर्द-गिर्द घूमकर राहुल गांधी, मायावती और अखिलेष यादव की छवि खराब करेगा।

कंपनी के डिजिटल प्लेटफॉर्म पर इस तरह का कंटेंट चलाने में विराज को कोई एतराज़ नहीं था। विराज ने हमें हदों से पार जाकर सपोर्ट करने का आश्वासन दिया, विराज ने कहा “ सर और एक बात बताइए अगर हम एक तरीके की बात करते हैं, हमारी साइड से आपके लिए स्टोरी लिखें, स्क्रिप्ट लिखे वो नेता जी को छोड़ के वो territory Karnataka रहेगा तो Karnataka  के लिए, यूपी, बिहार जहां के लिए भी..”।

पुष्प ने पूछा कि क्या आपका मतलब एडवटोरियल से है। इस पर विराज ने पुष्प को समझाते हुए कहा कि हम अपनी न्यूज़ स्टोरी की आड़ में आपके नेताओ का प्रचार करेंगे। विराज ने कहा कि “एडवटोरियल. एडवटोरियल एक है या हम उनके बारे में और कुछ अच्छी बात लिखें, स्क्रिप्ट लिखें सर कुछ अच्छा कि उन्होंने ये अच्छा कार्य किया.. वो मैट्रो लॉन्च करते हैं तो उनको मैट्रो के साथ जोड़ें कि उन्होंने ये किया। गवर्नमेंट पॉलिसीज़ प्रमोशन.. so we are not doing bad about our competitors हम हमारे बारे में अच्छा दिखा रहे हैं”।

पुष्प ने इन्हें कहा कि पहले हम एक तीन महीने की छोटी डील करते हैं और इसे एक ट्रायल के तौर पर देखते हैं अगर आप हमारे मांग के मुताबिक अच्छा करते हैं तो हम इस डील को लंबी लेकर जाएंगे। इस पर विराज ने सहमति जताते हुए कहा कि  “ठीक है  as you wish Sir  तो तीन महीने का जो कैंपेन है वो, first three months we will focus only point one or two I am right Sir …एक बार सर थोड़ा काम हम भी साथ में कर लेंगे तीन महीने तो हमें भी एक दूसरे का आइडिया आएगा कि आपका क्या requirement हैं हम क्या डिलिवर कर सकते हैं, कैसे कर सकते हैं.

पुष्प ने विराज को एक प्रपोजल तैयार करने के लिए कहा इस पर विराज ने पेमेंट एडवांस लेने की बात कही। विराज ने कहा “ठीक है पहले ही एडवांस हो जाए..नहीं मैं पहले किया था तो उसमें एडवांस होता था मुझे पता था बस कन्फर्म कर रहा था हमें आपके साथ जुड़ना है आगे बड़ा लंबा काम करना है अगर तीन महीने में आपको अच्छा रिजल्ट मिले तो हम आगे बड़ा काम कर पाएंगे”।

विराज ने पुष्प को डेढ़ करोड़ का प्लान तैयार कर भेजने की भी बात कही “हां जी तो अभी आपको डेढ़ करोड़ का प्लान बनाके भेजता हूँ”

जैसे-जैसे चर्चा आगे बढ़ी, पुष्प विराज को बताते हैं कि उनके संगठन ने एक निश्चित वजह के चलते अपने अभियान के लिए Rediff.com को चुना है। पुष्प ने विराज से कहा कि वो उनके राजनीतिक प्रतिद्वंदियों को राहुल गांधी, मायावती और अखिलेष यादव का पप्पू, बुआ और बबुआ कहकर इस कदर दुष्प्रचार करें ताकि जनता कभी इन्हें गंभारता से ना ले और इस चरित्रहनन के जरिए हम अपनी प्रतिद्वंदी पार्टियों कांग्रेस, सपा और बसपा को खत्म कर सकें। पुष्प की हर मांग को मानते हुए विराज कहते हैं- “उनको अलग रखना important है..हां जी..ठीक कह रहे हैं.

जब पुष्प इनसे बताते हैं कि 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए संघ कुछ तैयारी कर रहा है इसपर विराज उन्हें अपनी कंपनी की सेवाओं का ऑफर देते हुए कहते हैं कि “सर PR करेंगे हम … this is what I have something in my mind कि हम इलेक्शन कवर करते हैं तो हमारा न्यूज़ सेक्शन भी कवर होता है, तभी वहां पर हम आपकी एड चला देंगे कि बंदा इलेक्शन के बारे में कंटेंट पढ़ रहा है सामने ये दिख रहा है … exactly.

विराज इस डील को छोड़ना नहीं चाहते थे और उधर पुष्प विराज के दिमाग का फितूर समझ चुके थे लिहाजा उन्होंने विराज से कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए उनके संगठन ने 7000 करोड़ का भारी-भरकम बजट रखा है। ये उन मीडिया कंपनियों में क्रांति लेकर आएगा जिन्होंने हमारे साथ काम किया है। अब ये उनपर निर्भर करता है कि वो हमारे इस एजेंडे को लेकर भावनात्मक रुप से कितने जुड़े हैं। विराज अपना सुझाव देते हुए कहते हैं कि “डिजिटल में क्या है audience हर तरीके का है कोई मैट्रो में रहता है कोई नॉन मैट्रो में रहता है कोई फाइनेंस सेक्शन में जाता है..हर एक को अलग कम्युनीकेशन होना चाहिए..वो आदमी देख के उसको टारगेट करना चाहिए सबको एक ही चीज़”।

इससे पहले कि ये मीटिंग खत्म होती विराज पुष्प से फिर कहते हैं कि “Correct … we will discuss internally on all this … एक अच्छा सा प्लान बनाएंगे हम आपके लिए और पहले ये तीन month का बनाएंगे.

पुष्प ने विराज से कहा कि तुम आगे बढ़ो और हमारे फायदे के लिए काम करो। अगर तुम हमारे पक्ष में खबरे चलाओगे तो ये आगे के लिए बहुत अच्छा रहेगा। यहां शर्मा विराज से पेड न्यूज़ के बारे में पूछ लेते हैं इस पर विराज कहते हैं कि “ जहां-जहां इलेक्शन का होगा..मैं एक बार internally सबसे consult consent ले के एक brain stroming हम को कर लेने दो फिर हम आपके साथ चलेंगे”। इसके बाद विराज पुष्प को अपने सीनियर अधिकारियों से मिलाने का भी आश्वासन देता है।

इंडिया वॉच

इश्वरी द्विवेदी, मालिक, इंडिया वॉच, लखनऊ

इंडिया वॉच एक डिजिटल प्लेटफॉर्म है, इस यू-ट्यूब चैनल पर लोगों की भरमार है, इंटरनेट की मदद से ऐसे न्यूज़ प्लेटफार्म जन-जन तक अपनी पकड़ बना चुके हैं।

लखनऊ से संचालित होने वाले इंडिया वॉच यू-ट्यूब चैनल के मालिक इश्वरी द्विवेदी हैं। जब पुष्प शर्मा ने इन्हें अपने हिंदुत्व एजेंडे के बारे में बताया और इनसे पूछा कि क्या आप इस एजेंडे के साथ काम करने में कम्फर्टएबल हैं तो इंटव्यू के दौरान द्विवेदी ने कहा, हिंदुत्व के एजेंडे में हम लोग पूरी तरह comfortable होंगे, हम खुद हिंदु हैं तो हिंदुत्व के एजेंडे में comfortable रहेंगे  पुष्प ने इनकी नब्ज टटोलने के लिए इनसे इनके चैनल की पहुंच के बारे में सवाल पूछ लिया, जिस पर द्विवेदी ने अपने अखबार का महिमामंडन कुछ इस तरह किया, 30.10.2015 ये भारत की हमारी पहली कंपनी है जिसे पंद्रह लाइसेंस हैं हमारे पास spiritual  का अलग हमारा अलग-अलग स्टेट का अलग है

इनसे बातचीत के दौरान पुष्प शर्मा ने इन्हें अपने कैंपेन से जुड़ी सभी जरूरतों के बारे में विस्तार से बता दिया जिसपर द्विवेदी ने कहा कि उन्हें इस हिंदुवादी कंटेंट को अपने यू-ट्यूब चैनल पर चलाने में कोई एतराज नहीं है। यहां तक कि ये अपने चैनल के माध्यम से पुष्प द्वारा बताए गए राजनीतिक प्रतिद्वंदियों को दबाने के लिए भी राजी हो गए जैसे समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी। पुष्प के सवाल पर इन्होंने तपाक से कहा, ना ना एतराज क्या हम तो हम लोग तो वो हिंदुत्व वाले जो बताया उन्होंने..हम लोग उसी व्यवस्था पर हैं  इंटरव्यू के दौरान इस बात का भी पता लगा कि द्विवेदी की शैक्षिक संस्थानों की श्रंखला है।

पुष्प ने द्विवेदी को बताया कि इस मीडिया कैंपेन के दौरान शुरूआती तीन महीने हम सिर्फ हिंदुत्व का एजेंडा चलाएंगे, हिंदुत्व का ये एजेंडा सांप्रदायिकता के आधार पर मतदाताओं को लुभाने में मददगार साबित होगा और अगर जरूरत पड़ी तो इसका इस्तेमाल दंगे भड़काने के लिए भी किया जाएगा। पुष्प ने अपने इस षड़यंत्र के बारे में बताने के बाद द्विवेदी से फिर पूछा कि क्या आप इस पर सहमत हैं, जवाब में द्विवेदी ने कहा, सबसे बड़ी चीज़ ये है कि जो आपका एजेंडा है हमारी जो पर्सनल सोच है इसे पूरा मैच करता हुआ है फाइनेंशियल जो वो तो ठीक है बिजनेस कर रहे हैं तो फाइनेशियल need है वो तो… लेकिन आपका जो प्रोजेक्ट है वो क्योंकि मैं झेला हुआ हूं तो मुझे बड़ा comfort है उसमें बातचीत के बाद आखिरकार द्विवेदी ने 50 लाख रुपये में ये डील पक्की कर दी।

द्विवेदी के साथ अपना इंटरव्यू खत्म करने से पहले पुष्प ने इनसे पूछा कि वो अपनी कंपनी के किस आदमी को इस काम के लिए लगाएंगे जो कि पुष्प के साथ एक सुचारू बातचीत करता रहे ताकि अभियान को वक्त की जरूरत के मुताबिक चलाया जा सके। इसपर द्विवेदी ने खुद को आगे रखते हुए कहा कि हमारे interest का विषय है इसलिए direct हम ही इस पर जुड़े रहेंगे। हमारे interest हमारे निजी तौर का है तो इसके लिए direct हम involve रहेंगे

इसके बाद पुष्प शर्मा ने द्विवेदी से पैसे से लेन-देन पर चर्चा करते हुए कहा कि वो 60-40 के ratio में पैसा देंगे और कंपनी के साथ एक कॉट्रेक्ट भी साइन किया जाएगा जिसपर पैसा सिर्फ व्हाइट में देने की बात दर्ज होगी और कैश के जरिए दिए जाने वाले पैसे को गुप्त रखा जाएगा। इस पर द्विवेदी ने इसी तरह के कॉट्रेक्ट का खुलासा किया जो उन्होंने पहले बीजेपी के साथ किया था। बीजेपी के टेंडर में जो हुआ इस बार उसी तरह से। टेंडर से आप समझ ही गए होंगे कि ये कॉट्रेक्ट के बारे में कह रहे हैं।

इंडिया वॉच के मालिक द्विवेदी को पहले ही वो जिंगल दिखा दिया गया था जिसमें कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का मजाक उड़ाया गया था। अब पुष्प ने इन्हें बताया कि हमारे कैंपेन का तीसरा हिस्सा बीजेपी के राजनीतिक प्रतिद्वंदियों को खत्म करने का है जैसे कांग्रेस, सपा और बसपा। इसके लिए जो जिंगल अभी आपने सुना इसी तरह के कंटेट का इस्तेमाल करना पड़ेगा। ये सुनने के बाद द्विवेदी अपने उत्साह को रोक नहीं पाए और कहने लगे, बहुत बढ़िया ये तो हमारे interest का ट्रेफिक ले आएगा। बहुत इसको करने में आनंद आएगा

आज (हिन्दी दैनिक)

हरिंदर सिंह साहनी, बिज़नस एवं ब्रांच हैड

हिंदी दैनिक आज की शुरुआत स्वतंत्रा सेनानी रहे शिव प्रसाद गुप्ता ने साल 1920 में की थी। करीब डेढ़ लाख के circulation वाला ये अखबार बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और झारखंड के बारह शहरों से प्रकाशित होता हैं। पुष्प के हिंदुत्व एजेंडा के अलावा jingles चलाने की बात करने पर हिन्दी अख़बार आज के लखनऊ हैड हरिंदर साहनी बोले, “इसे देखकर मुझे अच्छा लगेगा”। बातचीत के दौरान एक करोड़ के बजट का 60-40 के अनुपात में कैश लेने से भी हरिंदर ने गुरेज नहीं किया और बोले, “कोई दिक्कत नहीं”

शर्मा ने साहनी से कहा कि 2019 के इलैक्शन नजदीक आने पर विपक्षी पार्टियों के नेताओं को टार्गेट करना होगा। इस बात पर साहनी ने कहा, “आपको कितना space चाहिए jacket का एक महीने में कितना चलाना चाहते हैं week में एक चलाओ according to rate चले तो लंबा चलेगा कितना budget है आप मुझे बता दो आप कितना पैसा देना चाहते हो”। हरिंदर सिंह साहनी यही नहीं रुके उन्होने आगे कहा, “मैंने बोला था कि मैं सीधा सा धंधा करना चाहता हूँ मुझे मिलता रहेगा और मैं करता रहूँगा”

साधना प्राइम न्यूज़

आलोक भट्ट, Director; अशोक पाण्डेय, ब्युरो हैड; खालिद, मार्केटिंग हैड लखनऊ

पुष्प शर्मा उत्तर प्रदेश के रीजनल न्यूज चैनल साधना प्राइम न्यूज़ के दफ्तर पहुंचे जहां इनकी  मुलाक़ात साधना प्राइम न्यूज़ के Director आलोक कुमार भट्ट से हुई। बातचीत में आलोक ने बीजेपी और आरएसएस से अपने संबंधो के बारे में बताया और कहा, “हम लोग तो exclusive  भी करते है और हमारे अपने जो resources हैं उसमें कुछ लोग संघ के या सरकार के वो exclusively हमें देते है चीजों को”। हिंदुत्व के एजेंडा से उन्हें कोई दिक्कत तो नहीं है इस सवाल पर आलोक ने कहा, “नहीं नहीं हम लोग तो out of way जाकर काम करते है”। बातचीत के दौरान आलोक ने ये भी कहा, “आप अपनी requirement बता दीजिए हम ना करें तो बताइये। हम तो मैंने बताया न मैं करता रेहता हूँ, मैं करता रहूँगा”।

अगली मीटिंग में भी आलोक भट्ट ने एजेंडा को लेकर शर्मा को आश्वस्त किया और कहा, “और जो है हम से जितना aggressively कराना है वो बताए क्योंकि हम तो उसी के लिए है ही मतलब हम खुले तौर पर चलने वाले आदमी हैं”। लोकसभा चुनाव से दो महीने पहले पोलेराइस की बात पर भट्ट  ने कहा, “नहीं हम तो शुरुआत में भी तेज़ इंजेक्शन लगाने को तैयार हैं हमें कोई दिक्कत नहीं भाई”। अब बात पेमेंट की आती है। पेमेंट का आधा हिस्सा यानि एक करोड़ रुपया कैश में शर्मा की बताई जगह से लेने को भी भट्ट तैयार हो गए और बोले,“हाँ वो कोई नहीं बक्शी का तालाब यहाँ से दस किलोमीटर है तो हमारे लिए दिक्कत नहीं है”। 

शर्मा ने ब्युरो हैड अशोक मिश्रा से भी उनके ऑफिस में मुलाक़ात कर पूछा कि क्या उनके चैनल के मालिक में ये एजेंडा चलाने की हिम्मत है? इस पर मिश्रा ने जवाब दिया, “हाँ है हिम्मत क्योंकि इसके मालिक लोग दूसरे है वो भी कट्टर हिन्दू हैं, तरीके से चला देंगे क्योंकि मैंने भी इनको join तभी किया”। मिश्रा ने शर्मा को एक और ऑफर दिया। अशोक मिश्रा ने कहा कि वो दूसरे संस्थानों के पत्रकारों को भी इस एजेंडा से जोड़ देगा। मिश्रा बोले, “सभी अखबार हैं Sabhi Dainik Jagran, Amar Ujala हाँ हाँ फिर  Rashtriya Swaroop है इस तरह से यहाँ करीब 20 अखबार हैं जिसको लोग पढ़ते  हैं main 5 हैं”अशोक आगे कहते हैं, “नहीं monthly basis पर रखना ठीक नहीं रहेगा, हाँ जैसा जिसका काम देखिए ये तो ख़बर पे काम करेंगे, ये जाएगा under table ही”।   

शर्मा साधना प्राइम न्यूज़ के मार्केटिंग हैड खालिद से भी मिले। एजेंडा पर सहमति के बाद पेमेंट का बड़ा हिस्सा कैश में लेने की बात पर खालिद ने जवाब दिया, “ठीक है वो मैं बात कर लूँगा और जो best होगा वो करा दूँगा बेफिक्र रहिए”। बातचीत में आगे खालिद ने आश्वासन दिया, “नहीं मैं समझ रहा हूँ सर और आपके साथ जुड़ना इसलिए भी चाहेंगे हम लोग हमारा चैनल तो हम लोग से ही जिसको कहते हैं कि एक nationalism एजेंडा पर ही काम किया है तो आप हमारा content देखेंगे तो आपको समझ में आ जाएगा”।

पैसों के लिए साधना प्राइम न्यूज़ के Director आलोक कुमार भट्ट किस हद तक जा सकते है ये जानने के लिए पुष्प ने आलोक से फोन पर भी बात की और उत्तरप्रदेश में हुए लोकसभा उपचुनाव में बीजेपी के हार के बाद बीजेपी के केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी और मनोज सिन्हा के साथ साथ बीजेपी संसद वरुण गांधी के खिलाफ ख़बरें चलाने को बोला जिस पर आलोक ने कहा, “हमें फ़ायदा होएगा उससे मतलब संगठन को फ़ायदा होएगा” शर्मा ने भट्ट से बीजेपी के गठबंधन के साथी चन्द्र बाबू नायडू, ओम प्रकाश राजभर, अनुप्रिया पटेल और उपेंद्र कुशवाहा के खिलाफ भी ख़बरें करने को कहा जिस पर भट्ट ने जवाब दिया, “जी जी जी एक बार फिर से बताइए ओम प्रकाश राजभर, अनुप्रिया पटेल, उपेंद्र कुशवाहा ये तो बिहार के है न उपेंद्र कुशवाहा जी जी जी”। भट्ट यही नहीं रुके और आगे बोले, “जी जी बहुत अच्छा आपका जैसा आदेश होगा पालन होगा”पुष्प ने आलोक से मुंबई में हुए किसान आंदोलन को माओवादियों से जोड़ने को कहा जिस पर उन्होने जवाब दिया, “जी जी जी”इसके बाद पुष्प ने भट्ट से प्रशांत भूषण, कामिनी Jaiswal और इन्दिरा जयसिंह जैसे civil rights activist के character assassination की बात कही जिस पर आलोक भट्ट बोले, “बिल्कुल बिल्कुल आप हमें बस थोड़ा input दे दीजिए हम चीजें तैयार करवा लेंगे हमारी अपनी SIT होती है हम उसको और develop कर लेंगे आपने जो बताया है वो भी बाकी हम उसको और explore करते हैं” पुष्प आगे आलोक से केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के खिलाफ भी campaign launch करने को बोलते है जिस पर भट्ट का जवाब होता है, “बिल्कुल बिल्कुल जैसा आपका निर्देश होगा वैसा पालन होगा”। 

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