सूचना विभाग के मनमौजी रवैय्या से दिल्ली संसद भवन की सुरक्षा में सेंध के बाद उत्तर प्रदेश के विधानसभा और लोकभवन की सुरक्षा में लग सकती है सेंध

प्रेस प्रभाग में सालों से अपना वर्चस्व जमाये एक अधिकारी के कारनामों का सिलसिले वार खुलासा !

जन सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के अंतर्गत श्री ललित मोहन उपनिदेशक प्रेस द्वारा दिनांक 5 मई 2023 को उपलब्ध कराई गई सूचना से नवभारत टाइम्स समाचार पत्र के जिन पांच पत्रकारों को राज्य मुख्यालय के प्रेस मान्यता निर्गत की गई है उसका खुलासा हो रहा है।
श्री ललित मोहन द्वारा अपने उत्तर में बताया गया है कि नवभारत टाइम्स के लखनऊ/कानपुर एवं दिल्ली संस्करण को सम्मिलित करते हुए समाचार पत्र के 5 प्रतिनिधियों को नियमानुसार राज्य मुख्यालय मानता प्राप्त प्रदान की गई है वहीं भारत सरकार के समाचार पत्र के पंजीयक कार्यालय आर एन आई की वेबसाइट से प्रमाणित होता है कि नवभारत टाइम्स हिंदी संस्करण का लखनऊ से कोई भी शीर्षक आवंटित नही किया गया है और ना ही समाचार पत्र को लखनऊ से प्रकाशित किया जाता है ऐसे में नवभारत टाइम्स के प्रतिनिधियों को राज्य मुख्यालय मान्यता दिया जाना ना सिर्फ गैरकानूनी है बल्कि पूरी मान्यता नियमावली का मख़ौल उड़ाने जैसा है।
सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की मान्यता नियमावली के परिशिष्ट-2 की श्रेणी-एक में स्पष्ट रूप से वर्णन है, ऐसे समाचार पत्र जिनके दैनिक बहू संस्करण उत्तर प्रदेश, दिल्ली तथा एनसीआर से मुद्रित एवं प्रकाशित होते हैं एवं जिन के समस्त संस्करण की प्रसार संख्या 75000 से 5 लाख तक होगी उनके चार संवाददाता तथा दो फोटोग्राफर और जिनकी प्रसार संख्या 5 लाख से अधिक होगी उनके छह संवाददाता तथा दो फोटोग्राफर को मान्यता दी जा सकती है परंतु नवभारत टाइम्स का प्रकाशन केवल दिल्ली, कानपुर एवं मुंबई से किया जाता है।
नियमों के अनुरूप एनसीआर से प्रकाशन करने का अनुपालन नवभारत टाइम्स नहीं किया जाता है एवं एनसीआर से नवभारत टाइम्स के संबंध में डीएवीपी की बेबसाइट में प्रसार संख्या के संबंध में कोई भी जानकारी नहीं उपलब्ध है। भारत सरकार के समाचार पत्र कार्यालय में एनसीआर से नवभारत टाइम्स का कोई भी शीर्षक नहीं आवंटित किया गया है। उक्त तथ्यों से एवं सूचना विभाग के प्रचलित नियमों एवं मानको से यह प्रमाणित है कि हिंदी दैनिक नवभारत टाइम्स लखनऊ को जो मान्यता निर्गत की गई हैं वह सभी मानकों के अनुकूल नहीं है जिनको निरस्त किया जाना अत्यंत आवश्यक है।

प्रेस प्रभाग के लिए ये शिकायती पत्र कमाई का सुनहरा अवसर बनता है या निदेशक महोदय कार्यवाही करेंगे ये मान्यता नवीनीकरण के उपरांत साबित हो जाएगा। मेरा कर्म है सच्चाई को साक्ष्यों के साथ प्रस्तुत करना और कार्यवाही न होने की दशा में माननीय न्यायालय के सम्मुख गुहार लगाई जाएगी।

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