यूपी की अखिलेश सरकार में हो रही रिश्वतखोरी पर कोबरापोस्ट का स्टिंग, कई बड़े नामों का खुलासा
नई दिल्ली: कोबरापोस्ट को एक तहकीकात में उत्तर प्रदेश के ग्रामीण विकास विभाग की भर्तियों में बहुत बड़े पैमाने पर चल रही रिश्वतखोरी का पता चला है। इस विभाग में कोई 3000 भर्तियां ग्राम विकास अधिकारी के पद पर होनी हैं। राज्य सरकार ने इस पद पर भर्ती के लिए 23 जुलाई 2013 में विज्ञापन जारी किया था। आवेदकों को 21 जनवरी 2014 तक आवेदन करना था। विश्वस्त सूत्रों से कोबरापोस्ट को पता चला कि इन भर्तियों में बहुत बड़े पैमाने पर धांधली चल रही है। जिला स्तर पर होने वाली इन भर्तियों में उन्हीं लोगों का चयन होगा जिनका नाम जिला अधिकारी को ऊपर से भेजी जाने वाली लिस्ट में होगा। जाहिर है इस लिस्ट में उन्हीं लोगों का नाम शामिल होगा जिन लोगों ने रिश्वत दी है। हालांकि दिखावे के लिए इंटरवयू के लिए उन सभी आवेदकों को बुलाया जाएगा जिन्होंने लिखित परीक्षा पास कर ली है।
कोबरापोस्ट के संवाददाता मोहम्मद हिज़बुल्लाह ने इस तहकीकात के दौरान उत्तर प्रदेश के 12 लोगों से मुलाकात की जो राज्य के शासन प्रशासन और समाजवादी पार्टी में अच्छा रसूख रखते हैं। ये हैं हाजी मोहम्मद अब्बास जो राज्य के श्रम और रोजगार विभाग में एडवाइजर हैं और राज्यमंत्री का ओहदा रखते हैं; श्रीप्रकाश राय जो उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद के चेयरमैन हैं और जिन्हें राज्यमंत्री का दर्जा हासिल है; हाजी इकराम कुरैशी जो राज्य के आवश्यक वस्तु निगम के चेयरमैन हैं और जिन्हें राज्यमंत्री का दर्जा हासिल है; सपा विधायक और पूर्व मंत्री शाकिर अली; पूर्व राज्यमंत्री आनंद सेन यादव; सपा विधायक चंद्रा रावत; सपा विधायक शारदा प्रताप शुक्ला; सपा के राज्य कार्यकारणी सदस्य राम प्रकाश यादव; सपा का युवा मोर्चा के सचिव सतीश यादव; सपा के संभल जिला सचिव उरमान सिंह यादव; उत्तर प्रदेश नव निर्माण सेना के अध्यक्ष अमित अग्रवाल उर्फ अमित जानी; लखनऊ के पूर्व पार्षद अयाज अहमद।
हिज़बुल्लाह से हुई मुलाकात में इन लोगों ने उत्तर प्रदेश के ग्रामीण विकास विभाग में VDO की भर्ती में चल रही धाधंली के बारे में कुछ ऐसे खुलासे किए:
* इन लोगों ने ये दावा किया कि भर्ती के लिए लोगों से 8-13 लाख तक की रिश्वत मांगी जा रही है।
* कई जगह रिश्वत का आधा हिस्सा टोकन मनी के रूप में पहले मांगा गया।
* चयनित आवेदकों की लिस्ट डीएम को ऊपर से भेजी जाएगी।
* यह भी दावा किया गया कि पंचायती राज विभाग में भी नियुक्तियां इसी तर्ज पर हो रही हैं।
* कुछ लोगों का यह भी दावा है कि पुलिस विभाग में भी नियुक्तियां इसी तर्ज पर तय होने लगी हैं। राज्य सरकार ने 5000 रिक्तियों की घोषणा अभी पिछले दिनों ही की है।
* कईयों ने यह दावा किया की उनकी सपा के वरिष्ठ नेताओं और मंत्रियों से सांठ–गांठ हैं।
दो बार मंत्री रह चुके सपा विधायक शाकिर अली को छोड़, इन सभी नेताओं ने पैसा लेकर कोबरापोस्ट के रिपोर्टर को उसके लोगों को भर्ती कराने का पूरा भरोसा दिलाया। सिर्फ शाकिर अली एक मात्र ऐसे राजनेता हैं जिन्होंने पैसा लेकर काम करने को साफ मना कर दिया।
राज्यमंत्री हाजी अब्बास का कहना है: “आप अगर इंटरेस्टेड हो इतने पैसे खर्च करने में 12 लाख खर्च करने में इंटरेस्टेड हो तो फिर वो कहीं होता होगा तो प्रायरिटी में आपका करा देंगे…..जिनके टोकन अमाउंट आएंगे फिर उनकी हिसाब से बात की जाएगी डन कर दिया जाएगा ऊपर नीचे जो होगा बता दिया जाएगा ना हुआ वापिस हो जाएंगे पैसे।”
पूर्व मंत्री आनंद सेन यादव ने रिपोर्टर को भरोसा दिलाया: “चलिए 4-6 केस हम करा लेंगे … 10 से कम तो नहीं करेंगे वो…. “मंत्री रहे हुए हैं वो अलग चीज़ होती हैं ठीक हैं ना लेकिन इंतज़ार करना पड़ेगा—- जो बात करना पड़ेगा सबका केस है सबका पैसा जा रहा हैं।”
सपा के राज्य कार्यकारणी के सदस्य राम प्रकाश यादव के अनुसार “करीब दो ढ़ाई हजार लड़कों का पैसा जमा हो चुका है।”
विधायक चंद्रा रावत के अनुसार पंचायती राज्य विभाग में भी नौकरियों में भर्तियां रिश्वत लेके की जा रही है।
इन सबसे अलग सपा विधायक शाबिर अली अपनी ही पार्टी की सरकार में इस खुलम–खुल्ला भ्रष्टाचार से नाराज नजर आए। उनका कहना है: “नेतृत्व जिसको चाहेगा और ज्यादातर पश्चिम के लोग का होना हैं… ये पहली बार देख रहे हैं की 30 number का merit और 50 number का interview”
हम अपने दर्शकों को यह बता दें कि हमारा मकसद किसी को सरकारी नौकरी पर रखवाना नहीं था। ना ही हमने किसी को रिश्वत दी। कोबरापोस्ट का यह खुलासा हमें समाजवादी पार्टी की पिछली सरकार में हुई ऐसी ही बहुत बड़ी धांधली की याद दिलाती है। आपको याद होगा तब उत्तर प्रदेश पी ए सी में लगभग 22 हजार जवानों की भर्ती इसी तर्ज की गई थी। मायावती की सरकार ने इनमें से लगभग 18 हजार नियुक्तियों को रद कर दिया था और साथ में इस कांड में शामिल कई IPS अधिकारियों को निलंबित कर दिया था। हालांकि अदालत ने इन नियुक्तियों को फिर से बहाल कर दिया था। इसी तरह पड़ोस के हरियाणा राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला ऐसे ही एक भर्ती कांड में सजा भुगत रहे हैं।
इस में आश्चर्य नहीं की ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने अपने एक अध्ययन में उत्तर प्रदेश को देश के सबसे भ्रष्ट चार राज्यों में शामिल किया है।
कोबरापोस्ट प्रेस रिलीज़
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