फोटोकॉपी दुकान में कार्यरत पत्रकार आसिफ जाफ़री के ISI संबंधों की जांच की हुई थी मांग

नावेद शिकोह और शारिब जाफ़री पर थाना हुसैनगंज में।मुकदमा लिखे जाने की खबर प्रकाशित करने पर इनके द्वारा भड़ास4जर्नलिस्ट को भी अनेक माध्यमो से धमकाने और फर्जी मुक़दमे में फ़साने की बात कही जा रही है लेकिन अपने पत्रकारिता धर्म को निभाते हुए भड़ास4जर्नलिस्ट की मुहिम जारी रहेगी और किसी PFI, ISI संगठन से योगी सरकार के नागरिक और पत्रकार को अब डरने की ज़रूरत नही है।

भड़ास4जर्नलिस्ट की खबरों की विश्वसनीयता पर लगी मोहर, तथाकथित नावेद शिकोह, आसिफ जाफ़री, शारिब जाफ़री और उनके संगठित गिरोह द्वारा फर्जी प्रपत्रों पर राज्य मुख्यालय मान्यता प्राप्त पत्रकार का चोला पहन कर सरकारी आवास को कब्जाए जाने के बारे में प्रकाशित समाचार के तथ्यों के समर्थन में वर्ष 2012 में शासन प्रशासन को लिखे दो वरिष्ठ पत्रकारों के पत्र की बात प्रमाणित करती है कि आसिफ जाफ़री बंधुओं का कहीं न कहीं अपराधियों से बड़ा गड़जोड रहा है।

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वरिष्ठ पत्रकार सतीश प्रधान द्वारा दिनांक 28.08.2012 को अध्यक्ष भारतीय प्रेस परिषद को लिखे पत्र में चरित्र हत्या की साजिश की मुख्य भूमिका में आसिफ जाफ़री एवं उनके सहयोगियों की प्रेस काउंसिल की टीम, एसआईटी, सीबीआई से जांच से करने हेतु माननीय मुख्य न्यायाधीश, सर्वोच्च न्यायालय को संस्तुति करने वास्ते शिकायती पत्र प्रेषित किया था जिसमें उनके द्वारा आसिफ जाफरी के संबंध में बताया गया था कि आसिफ जाफरी हाई स्कूल भी पास नहीं है और वारिसे अवध से राज मुख्यालय की मान्यता प्राप्त कर दलाली करता है, इसके बारे में एक अखबार उत्पीड़न की पुकार बार-बार खुलासा कर रहा है कि ये ISI का एजेंट है लेकिन पता नहीं किसके प्रभाव में प्रदेश की जांच एजेंसियां एटीएस, एसटीएफ, आसिफ के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही और सच उजागर करने वाले संपादक उत्पीड़न की पुकार अपनी जान बचाता घूम रहा है।

एक दशक पूर्व आसिफ राजा जाफरी इसी लखनऊ में एक फोटो स्टेट की दुकान में कार्य करता था और आज की तारीख में करोड़ो की अवैध संपत्ति का मालिक ही नहीं बल्कि इसके संदिग्ध लोगों से लंबे तार मिले हुए हैं कई बड़ी-बड़ी स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल इसके पास विभिन्न नाम से हैं जिससे सप्लाई का धंधा करता है लखनऊ में ही करोड़ों की अचल संपत्ति का भी मालिक है। वही वरिष्ठ पत्रकार अनिल त्रिपाठी द्वारा माननीय मुख्यमंत्री जी उत्तर प्रदेश लखनऊ को 23.7.2012 को प्रेषित पत्र के माध्यम से आसिफ जाफरी के कार्यकलापों के संबंध में अवगत कराते हुए बताया कि आसिफ जाफ़री द्वारा उसके ISI संबंध को उजागर करने की कोशिश करने और विकासदीप के बाहर न सिर्फ धमकाया गया बल्कि गंभीर परिणाम भुगतने की बात दुहरायी गयी है ।

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वरिष्ठ पत्रकार सतीश प्रधान द्वारा दिनांक 28.08.2012 को अध्यक्ष भारतीय प्रेस परिषद को लिखे पत्र

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