CCPA के मानदंडों का उल्लंघन करने वाले विज्ञापनों पर सरकार की टेढ़ी नजर, ले सकती है एक्शन
उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय की अप्रत्यक्ष और सरोगेट विज्ञापनों पर टेढ़ी नजर है, जो क्रिकेट व चुनावी मौसम के दौर में सट्टेबाजी और जुए को बढ़ावा देते हैं
उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय की अप्रत्यक्ष और सरोगेट विज्ञापनों पर टेढ़ी नजर है, जो क्रिकेट व चुनावी मौसम के दौर में सट्टेबाजी और जुए को बढ़ावा देते हैं।
सूत्रों के हवाले से एक रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार इन विज्ञापनों पर नकेल कसने पर विचार कर रही है, जो केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) द्वारा जारी मानदंडों का स्पष्ट उल्लंघन हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, IPL और लोकसभा चुनाव पूरे जोरों पर हैं और सट्टेबाजी ऐप्स के इस्तेमाल में भी बढ़ोतरी हुई है।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को शामिल करके, केंद्र उचित कानूनी कार्रवाई और दंड के साथ उल्लंघनकर्ताओं की पहचान करना चाहता है।
CCPA की सलाह 6 मार्च, 2024 को जारी की गई थी, जिसमें “सट्टेबाजी या जुआ जैसी अवैध मानी जाने वाली गतिविधियों के प्रत्यक्ष और साथ ही सरोगेट विज्ञापन व समर्थन के बढ़ते मामलों” के खिलाफ निर्देश दिए गए थे।
मार्च में जारी की गई सलाह में कहा गया कि सट्टेबाजी और जुए जैसी अवैध गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले विज्ञापनों की बढ़ती घटनाओं के जवाब में, केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने एक व्यापक सलाह जारी की है। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 की सलाह, विभिन्न कानूनों के तहत निषिद्ध गैरकानूनी गतिविधियों के विज्ञापन, प्रचार और समर्थन पर रोक लगाने पर जोर देती है।
इसने दोहराया कि दिशानिर्देश सभी विज्ञापनों पर लागू होते हैं, भले ही इस्तेमाल किया गया माध्यम कुछ भी हो और मशहूर हस्तियों और प्रभावशाली लोगों को चेतावनी दी गई है कि ऑनलाइन जुए और सट्टेबाजी के प्रचार या विज्ञापन में कोई भी भागीदारी, इसकी गैरकानूनी स्थिति को देखते हुए, किसी को भी अवैध गतिविधि में भाग लेने के लिए समान रूप से उत्तरदायी बनाती है।