कानपुर में पत्रकारों के बाद पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई शुरू; इस मामले में दो दरोगा निलंबित…इंस्पेक्टर भी जांच के घेरे में
पुलिस कमिश्नरेट ने 1 जनवरी 2024 से 31 जुलाई 2024 तक 44 पुलिस कर्मियों को निलंबित करने का डाटा जारी किया है। जिसमें 2 इंस्पेक्टर, 16 सब इंस्पेक्टर, 12 हेड कांस्टेबल, 8 सिपाही, 1 लिपिक और 5 चतुर्थ श्रेणी के लोग शामिल है। सबसे ज्यादा निलंबन मुख्यालय से हुए हैं।
कानपुर कमिश्नरेट में पत्रकारों के बाद अब भ्रष्टाचार में लिप्त पुलिसकर्मियों पर अफसरों ने कार्रवाई करनी शुरू कर दी है। बिल्हौर में आढ़ती के बेटे को छोड़ने के एवज में दो दरोगाओं ने 38 हजार रुपये वसूल लिए। मामले की जानकारी डीसीपी पश्चिम को हुई तो उन्होंने जांच शुरू कराई। जिस पर आरोप सही पाए जाने पर दोनों दरोगाओं को निलंबित कर दिया गया है। वहीं आगे इंस्पेक्टर बिल्हौर की जांच डीसीपी पश्चिम को सौंपी गई है।
अपर पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था हरीश चन्दर ने बताया कि 29 जुलाई 2024 को बिल्हौर में 11 बोरी 5.5 कुंतल उर्द की दाल चोरी हो गई थी। मामले में रिपोर्ट दर्ज की गई और पुलिस ने वहीं के आढ़ती धनीराम के यहां से माल बरामद कर लिया। पुलिस धनीराम और उसके बेटे को थाने ले आई थी।
यहां पर धनीराम के खिलाफ तो लिखापढ़ी में कार्रवाई की गई। मगर उसके बेटे को छोड़ने के एवज में 38 हजार रुपये वसूल लिए गए। डीसीपी पश्चिम राजेश कुमार सिंह ने बताया कि इस मामले में दरोगा दिलीप कुमार और अंकुर मलिक को निलंबित कर दिया गया है। अपर पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था हरीश चन्दर ने बताया कि इंस्पेक्टर बिल्हौर केशव तिवारी की जांच डीसीपी पश्चिम को सौंपी गई है। जिसमें वह इंस्पेक्टर की संलिप्तता को लेकर जांच करेंगे।
सात माह में 44 पुलिसकर्मी निलंबित किए गए
पुलिस कमिश्नरेट ने 1 जनवरी 2024 से 31 जुलाई 2024 तक 44 पुलिस कर्मियों को निलंबित करने का डाटा जारी किया है। जिसमें 2 इंस्पेक्टर, 16 सब इंस्पेक्टर, 12 हेड कांस्टेबल, 8 सिपाही, 1 लिपिक और 5 चतुर्थ श्रेणी के लोग शामिल है। सबसे ज्यादा निलंबन मुख्यालय से हुए हैं।
विभागीय जांच में 177 पुलिसकर्मियों को दोषी माना गया
पुलिस की विभागीय जांच 14(2) में 177 पुलिस कर्मियों को दोषी माना गया है। जिसमें 4 इंस्पेक्टर, 13 सब इंस्पेक्टर, 19 हेड कांस्टेबल, 38 सिपाही, 8 लिपिक और 9 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी मौजूद है। अपर पुलिस आयुक्त मुख्यालय एवं क्राइम विपिन कुमार मिश्रा ने बताया कि कार्रवाई में वह पुलिस कर्मी शामिल हैं जो कि गैरहाजिर चल रहे थे। विवेचनाओं में लापरवाही बरती और ऐसे भी पुलिस कर्मी शामिल हैं जिन पर किसी अपराधिक मामले में एफआईआर दर्ज हुई है। भ्रष्टाचार में लिप्त किसी भी पुलिस कर्मी को कतई नहीं बख्शा जाएगा।