पत्रकारिता का रंगा सियार है अवनीश दीक्षित, 20,000 की सैलरी में करोड़ों का बंगला और लाखों की गाड़ियां

पुलिस सूत्रों के अनुसार संपत्तियों और उसके सहयोगियों के संबंध में किए जा रहे सवालों का अवनीश ने गोल मोल जवाब दिया। ज्यादातर सवालों के जवाब में अवनीश ने पुलिस पर ही फंसाने का आरोप लगाया। वहीं जब पकड़े गए जुआरी मासूम अली से अवनीश का आमना-सामना कराया, तो अवनीश ने उसे पहचानने से इन्कार कर दिया।

कानपुर में सिविल लाइंस स्थित नजूल की जमीन कब्जेदारी के प्रयास के मामले में फंसे वसूलीबाज अवनीश दीक्षित से रिमांड के सातवें दिन पुलिस ने लंबी पूछताछ की। पुलिस ने यह जानने का प्रयास किया कि 20 हजार रुपये का वेतन पाने वाले अवनीश ने पांच करोड़ का बंगला, लग्जरी गाड़ियां और करोड़ों की संपत्ति कैसे खड़ी कर दी।

पुलिस सूत्रों के अनुसार संपत्तियों और उसके सहयोगियों के संबंध में किए जा रहे सवालों का अवनीश ने गोल मोल जवाब दिया। ज्यादातर सवालों के जवाब में अवनीश ने पुलिस पर ही फंसाने का आरोप लगाया। वहीं जब पकड़े गए जुआरी मासूम अली से अवनीश का आमना-सामना कराया, तो अवनीश ने उसे पहचानने से इन्कार कर दिया।

एडिशनल डीसीपी महेश कुमार ने बताया कि मासूम ने पूछताछ के दौरान अवनीश के संरक्षण में शहर में 10 से ज्यादा ठिकानों पर बड़ी जुआ की फड़ चलवाने की बात कबूल की है। अवनीश जुआरियों को संरक्षण देकर पुलिस को भी अपने साथ मिलाकर रखता था। इसके अलावा उसपर अवैध पार्किंग, जमीनों पर कब्जे के सिंडीकेट और नगर निगम के ठेके के साथ ही कानपुर के बड़े उद्योगपतियों को ब्लैकमेल करके करोड़ों की संपत्ति खड़ी करने के भी आरोप की जांच जारी है।

आर्थिक मदद करने वालों नाम आया सामने
सूत्रों के अनुसार मंगलवार रात पूछताछ के दौरान अवनीश ने कुछ लोगों के नाम लिया, जिन्होंने उसकी आर्थिक रूप से मदद की है। इसके साथ ही संरक्षण देने वाले पूंजीपति, बालाजी कंपनी के मालिक जीतू शुक्ला और सिविल लाइंस स्थित जमीन कब्जा करने के प्रयास में शामिल एक-एक व्यक्ति से संबंधों को लेकर गहनता से पूछताछ की गई। पूछताछ में शहर के दागी वकीलों के सिंडीकेट से भी अवनीश की नजदीकी सामने आई जो पूरे शहर में सिर्फ विवादित जमीनों पर कब्जे में सहयोग करते थे।

अवनीश को लेकर औरैया स्थित पैतृक गांव पहुंची पुलिस, परिजनों और गांव वालों से छह घंटे की पूछताछ

Police reached native village in Auraiya with Avneesh, interrogated family members and villagers for six hoursकानपुर में  सिविल लाइंस में नजूल की एक हजार करोड़ रुपये कीमत की जमीन कब्जाने के आरोप में रिमांड पर चल रहे अवनीश दीक्षित को पुलिस की टीम बुधवार को उनके औरैया स्थित पैतृक गांव लेकर गई। वहां उनके परिजनों और आसपास के लोगों से पूछताछ कर संपत्तियों के बारे में जानकारी हासिल की। करीब छह घंटे तक चले पूछताछ के बाद पुलिस टीम अवनीश को शाम को शहर वापस ले आई।

अवनीश दीक्षित की संपत्तियां तलाशने के बाद अब पुलिस ने अवनीश के रिश्तेदारों को रडार पर ले लिया है। बुधवार को सुबह करीब 7 बजे पुलिस टीम अवनीश को लेकर उसके पैतृक गांव औरैया के रुदौली गांव पहुंची। पुलिस टीम सबसे पहले अवनीश के पिता के तीन नाम ओम प्रकाश, ओम प्रसाद और ओम प्रकाश के विषय में जानकारी हासिल की।
इसके बाद उसके परिवार के सदस्यों के अलावा गांव के लोगों से भी पूछताछ की। पुलिस सूत्रों के अनुसार पुलिस की टीम अवनीश के परिवार व करीबी 16 लोगों से पूछताछ की गई। खेती, जमीन और घर की जानकारी भी ली गई। इसके साथ ही तहसील पहुंचकर लेखपाल से पिछले आठ साल में खरीदे गए संपत्तियों के बारे में जानकारी हासिल की। बैंक स्टेटमेंट के साथ परिवार को कानपुर पूछताछ के लिए बुलाया गया।
वसूलीबाज अवनीश की पत्नी प्रतिमा फतेहपुर की रहने वाली है। चूंकि केस में पुलिस की दबिश और कई घोटालों में भूमिका संदिग्ध होने के बाद प्रतिमा पर भी गिरफ्तारी की तलवार लटक रही थी इसलिए वह अंडरग्राउंड हो गई। अब उनकी तलाश में पुलिस फतेहपुर जाने की तैयारी में है।
डकैती मामले में आरोपी वसूलीबाज अवनीश दीक्षित की जमानत व अधिवक्ता जितेंद्र कुमार शुक्ला की अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई अब 23 अगस्त को होगी। पुलिस रिपोर्ट न आने के कारण अर्जियों पर फैसला नहीं हो सकी। वहीं कोतवाली पुलिस द्वारा गलत घर में छापा मारे जाने पर अग्रिम जमानत लेने के लिए कोर्ट पहुंचे अजीत सिंह यादव की अर्जी को अपर जिला जज षष्टम ने खारिज कर दिया है।
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