क्या ये सच है?………पत्रकार ममता त्रिपाठी के जरिए अपने गुर्गों के संपर्क में रहता था माफिया डॉन बबलू श्रीवास्तव
माफिया डॉन के साथ पत्रकार की कथित संलिप्तता से लखनऊ से लेकर नॉएडा तक हड़कंप
शरत प्रधान, लखनऊ में 26 अप्रैल, 2003 15:44 IST
कुख्यात माफिया डॉन बबलू श्रीवास्तव के साथ एक टेलीविजन रिपोर्टर की कथित संलिप्तता ने उत्तर प्रदेश के पत्रकार हलकों में खलबली मचा दी है।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) विक्रम सिंह ने सहारा टीवी के लिए काम करने वाली ममता त्रिपाठी को वह माध्यम बताया है जिसके जरिए माफिया डॉन अपने गुर्गों के संपर्क में रहता था और सलाखों के पीछे से अपना जबरन वसूली का धंधा चलाता था।
उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने बुधवार को बबलू गिरोह के नौ सदस्यों को गिरफ्तार किया था।
ममता पहले इंडियन एक्सप्रेस के लखनऊ संस्करण के लिए काम करती थीं। बबलू के ‘अभी भी सक्रिय’ गिरोह के भंडाफोड़ ने अपराधियों को न केवल राजनेताओं, बल्कि भारत के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य में पुलिस और जेल अधिकारियों द्वारा भी खुलेआम दिए जाने वाले संरक्षण को उजागर किया है।
सिंह ने बताया, “हमने जो तथ्य जुटाए हैं, उनसे यह स्पष्ट है कि बबलू फिरौती के लिए अपहरण का अपना जघन्य धंधा जेल से ही उतनी ही कुशलता से कर रहा था, जितना वह एक आज़ाद पक्षी के तौर पर कर सकता था।” बबलू को कुछ साल पहले सिंगापुर में इंटरपोल ने गिरफ्तार किया था और कई जघन्य अपराधों के लिए मुकदमा चलाने के लिए उसे भारत भेज दिया गया था।
ममता त्रिपाठी और सपा प्रमुख अखिलेश यादव
पूनम केशरी@Punam_Keshari01यह अखिलेश की पार्टी की प्रवक्ता अपने आप को पत्रकार बताती हैं परंतु उनके पूरे ट्विटर प्रोफाइल में कोई सकारात्मक खबर कभी नहीं मिलेगी यह वही है जिन पर उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने माफिया डॉन बबलू श्रीवास्तव की मदद करने और जेल से गिरोह चलाने के अपराध में मुकदमा दर्ज किया था इनका एक परिचय यह भी है कि उनके पिता धर्मानंद तिवारी समाजवादी पार्टी के ही नेता हैं। विदेश से चली हुई टूल किट की यह बहुत सक्रिय सदस्य हैं और उनका एकमात्र उद्देश्य है जनता को भड़काने का प्रयास करना और लगातार आधी अधूरी खबरें डालकर भ्रम पैदा करना, यह भी विदेशियों की तरह भारत की प्रगति और समृद्धि की शत्रु प्रतीत हो रही हैं। वर्तमान में यह कहीं पर भी पत्रकार के पद पर कार्यरत नहीं है परंतु बड़े शौक से अपने आप को पत्रकार बताती हैं। यह आजकल 2 बीएचके वाली पत्रकार को बहुत कठिन कंपटीशन देती हुई प्रतीत हो रही हैं!