राजस्थान लोकसेवा आयोग के चेयरमैन ने बेटी के लिए लीक किया पेपर, दिलाई 10वीं रैंक
जोधपुर. राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) के पूर्व चेयरमैन डॉ. हबीब खान गौराण ने राजस्थान एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विसेस (आरएएस) परीक्षा पेपर लीक प्रकरण में गिरफ्तारी से बचने के लिए भले ही इस्तीफा दे दिया, लेकिन वे अब ऐसे केस में सीधे फंस गए हैं, जिसमें गिरफ्तारी कभी भी संभव है। एसओजी ने उनके खिलाफ केस दर्ज किया है। इसमें आरोप है कि उन्होंने अपनी बेटी को न्यायिक मजिस्ट्रेट बनाने के लिए आरजेएस की मुख्य परीक्षा का प्रश्न-पत्र चुराया। इसके बाद उनकी बेटी ने 10वीं रैंक हासिल की थी। एसओजी सूत्रों के अनुसार गौराण ने अपने पद पर रहते हुए अहमदाबाद की सूर्या ऑफसेट एंड सिक्युरिटी प्रिंटर्स से सभी परीक्षाओं के प्रश्न पत्र छपवाए थे। इसमें 21, 22, 23 व 24 मार्च 2013 को हुई आरजेएस की परीक्षा भी शामिल है। यह परीक्षा गौराण की बेटी ने भी दी थी। बेटी के लिए गौराण प्रेस गए और प्रश्न-पत्र लेकर आए थे। यह खुलासा आरएएस-प्री परीक्षा में पेपर लीक करने वाले गिरोह और प्रेस मालिकों से पूछताछ में हुआ है। एसओजी ने जांच के बाद 2 अक्टूबर को गौराण के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। मुकदमा नंबर 12/2014 है। ‘मेरी बेटी भी परीक्षा दे रही है, इसलिस खुद को अलग कर रहा हूं’… और फिर नोट कर लाए पूरा पर्चा एसओजी की जांच में सामने आया कि आरजेएस परीक्षा 2011 के पेपर भी अहमदाबाद की सूर्या ऑफसेट एंड सिक्योरिटी प्रिंटर्स ने छापे थे। गौराण ने 1 मार्च, 2013 को प्रमुख शासन सचिव (कार्मिक) को अवगत कराया कि उनकी बेटी इस परीक्षा में शामिल है, इसलिए वे खुद को परीक्षा से अलग कर रहे हैं। इसके बाद वे 13 मार्च को परीक्षा से पहले प्रेस पहुंचे। वहां प्रेस मालिक मुद्रेश पुरोहित से प्रूफ रीडिंग के लिए मैन्युस्क्रिप्ट और प्रूफ प्रिंट लेकर प्रश्न पत्र नोट कर लाए।
एसओजी पहुंची प्रेस तक, प्रिंटर्स से जुटाए सबूत व बयान
गौराण के खिलाफ केस दर्ज करने से पहले एसओजी ने पूरे सबूत जुटाए। फिर प्रेस मालिक मुद्रेश पुरोहित, घनश्याम भाई पटेल व वासुदेव के बयान लिए। बयान से गौराण का प्रेस में जाना, प्रूफ प्रिंट प्राप्त करना और उसे नोट करना साबित हुआ। उसके बाद मुख्य मेट्रोपोलिन मजिस्ट्रेट कोर्ट में परिवाद पेश कर केस दर्ज करने की अनुमति ली गई।
गहलोत व आजाद बोले थे- आरपीएससी सही हाथों में, एसओजी ने पोल खोली
आरएएस परीक्षा पेपर लीक प्रकरण में एसओजी गौराण की संदिग्ध भूमिका जांच रही थी। लंबी पूछताछ भी हुई थी। इस दौरान गौराण ने 10 जुलाई को कहा था कि वे इस्तीफा क्यों दे? फिर पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद व पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक कार्यक्रम में कहा कि आरपीएससी काबिल हाथों में है। इस बयान के बाद एसओजी ने सबूत जुटाने आरंभ किए तो भनक गौराण को भी लग गई। तब गिरफ्तारी से बचने के लिए 22 सितंबर को उन्होंने इस्तीफा राज्यपाल को सौंप दिया। इस्तीफे के बावजूद राहत नहीं मिली और एसआेजी ने आरजेएस परीक्षा में अपनी ही बेटी को नकल कराने के सबूत जुटा लिए।