मध्य प्रदेश जनसंदेश में भी स्थितियां ठीक नहीं

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आजकल एमपी जनसंदेश में संपादक राजेश श्रीनेत के कार्यों की चर्चा जोरों पर है। वहां के कर्मचायों की माने तो माननीय संपादक महोदय नशे में टुन्न होकर ही कार्यालय में प्रवेश करते हैं और उसके बाद वह जो भी करते हैं उन्हें खुद नहीं पता कि वह क्या कर रहे हैं। जहां संपादक को लेकर तमाम तरह की बातें हो रही हैं वहीं अखबार के फीचर पेजों ने धमाल मचा दिया है। वर्तमान में एमपी जनसंदेश के जितने भी फीचर पेज बन रहे हैं उनकी हर तरफ चर्चा भी है और प्रशंसा भी, लेकिन शायद संपादक महोदय को यह प्रशंसा अच्छी नहीं लग रही। सूत्रों की मानें तो पहले एमपी जनसंदेश के फीचर के पन्नों को आउटसोर्स किया जाता था जिसके लिए संस्थान काफी मोटी रकम उनको अदा करता था। सूत्रों की माने तो इस मोटी रकम में संपादक अपना हिस्सा भी बनाते रहे हैं अब जब फीचर के सारे पन्ने सतना में ही बनने लगे हैं जिसके चलते उनका कमीशन अब नहीं बन पा रहा है जिसके चलते वो खासे परेशान है। अब चंूकि सतना में बन रहे पन्नों की चर्चा और प्रशंसा हर तरफ से हो रही जिसकी चर्चा से मैनेजमेंट भी काफी खुश दिख रहा है जो कि संपादक महोदय को एकदम नहीं भा रहा है। अब यह समझ से परे है कि अखबार की प्रशंसा से संपादक क्यों खफा हैं जबकि ऐसा होना चाहिए कि अखबार की प्रशंसा से सबसे ज्यादा प्रसन्नता संपादक को ही होनी चाहिए। संपादक का यह रवैया आने वाले दिनों में जहां संस्थान के हित में नहीं होगा वहीं मीडिया की सुर्खियां भी बटोरेगा। सूत्रों की मानें तो मैनेजमेंट भी संपादक राजेश श्रीनेत के नशा करके संस्थान आने की प्रवृत्ति से खासा नाराज है और अंदर खाने में उनको यहां से हटाने का मन भी बना लिया है। नाम न छापने की शर्त पर मैनेजमेंट में रह रहे एक अधिकारी ने बताया कि बहुत जल्द ही राजेश श्रीनेत के खिलाफ कोई न कोई एक्शन लिया जा सकता है। राजेश श्रीनेत इसके पहले भी जिन संस्थानों में रहे हैं वहां अपनी शराब पीने की प्रवृत्ति के चलते काफी सुर्खियां बटोरते रहे हैं। राष्टï्रीय सहारा देहरादून से भी कार्यालय में शराब पीकर आने की वजह से ही संस्थान से बाहर कर दिए गए थे। उसके पहले भी बनारस में भी इनके शराब पीने की चर्चाएं हमेशा इनके साथ जुड़ी रहती थीं और इस शराब पीने की प्रवृत्ति के कारण भी खुली सड़क पर मारपीट भी हुई थी जिसे मीडिया जगत ने बहुत ही अपमानजनक स्थिति बताया था। आने वाले समय में मध्य प्रदेश जनसंदेश भी काफी सुर्खियों में रहेगा।

एस के सिंह के फेसबुक वॉल से सभार

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