सूचना आयुक्त अरविन्द सिंह बिष्ट ने आरटीआई एक्टिविस्ट को डांटकर आफिस से बाहर निकाल दिया
326 प्रिंस काम्पलेक्स, हजरतगंज, लखनऊ निवासी पत्रकार और आरटीआई एक्टिविस्ट महेन्द्र अग्रवाल ने सूचना आयुक्त अरविन्द सिंह बिष्ट पर आरोप लगाया है कि उन्होंने अभद्रता, दुर्व्यवहार करते हुए अपशब्दों का प्रयोग किया और सुनवाई कक्ष से बाहर निकाल दिया. मरेंद्र अग्रवाल ने बिष्ट की शिकायत प्रदेश के राज्यपाल सहित मानवाधिकार आयोग, मुख्यमंत्री उ.प्र. तथा मुख्य सचिव उ.प्र. से की है. शिकायती पत्र में महेंद्र ने यह भी कहा है कि उनके प्रकरण में असंवैधानिक आदेश दिया गया.दुर्व्यवहार से आहत आरटीआई कार्यकर्ता महेन्द्र अग्रवाल ने अपने शिकायती पत्र में कहा कि दिनांक 16.12.2014 को दोपहर 1 बजे जब वह सूचना आयुक्त के कक्ष सं. एस-3 में अपने अपील सं. एस-3-498/सी/2014 की सुनवाई के लिए कक्ष में मौजूद थे कि उसी दौरान सूचना आयुक्त किसी कार्य से कक्ष के बाहर चले गये. उनकी अनुपस्थिति में महेन्द्र अपने फाइल को पढ़ने में मशगूल थे कि तभी सूचना आयुक्त अपने कक्ष में वापस लौट आये. वापस आने की जानकारी महेन्द्र को नहीं हो पायी और यह देख सूचना आयुक्त आग बबूला होकर अफसरशाही अंदाज में अभद्रता करते हुए अपशब्दों का प्रयोग कर अपने चपरासी एवं सुरक्षाकर्मियों को बुलाकर जबरन कक्ष से बाहर कर दिया. महेन्द्र अपनी सफाई में कहते रहे कि उन्हें उनके आने का आभास नहीं हो पाया था लेकिन सूचना आयुक्त ने कुछ भी सुनने से इन्कार करते हुए अपीलकर्ता महेन्द्र को कक्ष से बाहर कर दिया और पूरा दिन बाहर ही बैठाये रखा. पूरा दिन बाहर बैठे रहने के बाद बिना अपने प्रकरण में सुनवाई के ही महेन्द्र अग्रवाल वापस लौट आये. राज्यपाल को सम्बोधित पत्र में महेन्द्र अग्रवाल ने कहा है कि वह वरिष्ठ नागरिक होने के साथ ही कई सम्मानित संगठनों/संस्थाओं में पदाधिकारी भी रह चुके हैं. उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि उनके द्वारा सूचना का अधिकार का प्रयोग करते हुए कई घोटालों, घपलों आदि का खुलासा किया गया है जो सरकार के हित में रहा है. आरटीआई कार्यकर्ता महेन्द्र अग्रवाल ने कहा है कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा आरटीआई कार्यकर्ताओं की सुरक्षा के लिए भारत सरकार को कार्यवाही का निर्देश जारी किया है लेकिन उसका अनुपालन नहीं हो पाया है जो चिन्तनीय है. श्री अग्रवाल ने कहा कि सूचना आयुक्त जैसे जिम्मेदार संवैधानिक पद पर आसीन किसी भी व्यक्ति द्वारा अपीलार्थियों के साथ इस तरह का बर्ताव चिन्तनीय है. अपीलार्थी आयोग तभी जाता है जब उसे भ्रष्टतंत्र द्वारा स्थानीय स्तर पर सूचनाएं नहीं दी जाती हैं. स्थानीय स्तर पर सूचनाओं के न मिलने पर वह सुसंगत तरीके से अपनी अपील आयोग के समक्ष ले आता है और सुनवाई के दौरान उसके साथ ऐसा अशोभनीय बर्ताव देश के नागरिकों के मौलिक अधिकारों के हनन के समान है. श्री अग्रवाल ने अपने साथ हुए दुर्व्यवहार की जांच करने के साथ ही कार्यवाही एवं अपने सुरक्षा की मांग की है. महेंद्र अग्रवाल ने पूरे घटनाक्रम की लिखित शिकायत हजरतगंज कोतवाली में की है और एफआईआर दर्ज करने का अनुरोध किया है. पुलिस ने उनकी तहरीर ले ली है. आरटीआई एक्टिविस्ट से दुर्व्यवहार को लेकर अरविंद सिंह बिष्ट के खिलाफ 21 दिसंबर को प्रदर्शन करने का ऐलान कई आरटीआई संगठनों ने किया है. 21 दिसंबर रविवार के दिन सुबह 11 बजे से दोपहर बाद तीन बजे तक हजरतगंज क्रासिंह जीपीओ के पास स्थित गांधी पार्क में प्रदर्शन किया जाएगा.