उस्मानी बने यूपी के नए सीआईसी
लखनऊ, भडास4मीडियाडॉट कॉम। यूपी के पूर्व मुख्य सचिव जावेद उस्मानी का मुख्य सूचना आयुक्त बनने का लंबा इंतजार अब खत्म हुआ। सोमवार को उन्होंने बड़ी सादगी से आईएएस सर्विस से रिटायरमेंट ली। मंगलवार को वह यूपी के मुख्य सूचना आयुक्त बने। राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल राम नाइक उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। उस्मानी के शपथ ग्रहण समारोह में सीएम अखिलेश यादव, कैबिनेट मंत्री आजम खान सहित कई मंत्री मौजूद रहे। वहीं, मुख्य सूचना आयुक्त के पद पर उस्मानी की तैनाती को हाईकोर्ट में चुनौती भी दे दी गई है। 18 फरवरी को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में इस याचिका पर सुनवाई होगी। यह याचिका एडवोकेट महेंद्रनाथ राय ने दाखिल की है।
लोगों को जल्द देंगे सूचना
इस मौके पर मुख्य सूचना आयुक्त जावेद उस्मानी ने कहा कि उनकी कोशिश यही रहेगी की लोगों को ज्यादा से ज्यादा और जल्दी से जल्दी सूचना मिले। वह सूचना से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए भी योजनाएं लाना चाहते हैं, ताकि वे बेहतर काम कर सके। शपथ ग्रहण समारोह में कैबिनेट मंत्री आजम खान से राज्यपाल से चल रहे विवाद के बारे में बात की गई।
राज्यपाल के घर में खड़े होकर कुछ नहीं बोलूंगा
उन्होंने कहा कि मैं राज्यपाल के घर में खड़ा हूं। लिहाजा कुछ नहीं बोलूंगा। आजम ने कहा मैंने गरीबों के लिए स्कूल बनवाया है। पहले कभी किसी ने ऐसा नहीं किया है। आजम खान ने विरोधियों पर निशाना साधते हुए कहा कि हम विपक्ष का जवाब सदन में देंगे। उन्होंने विपक्षियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि कई योजनाएं विरोधियों के कारण बंद करनी पड़ी।
1978 बैच के आईएएस अधिकारी हैं उस्मानी
बताते चलें कि जावेद उस्मानी 1978 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। उन्हें सीआईसी के लिए चयनित किए जाने पर सपा सरकार और राज्यपाल राम नाइक में टकराव हुआ था। अखिलेश यादव की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने उस्मानी की फाइल मंजूरी के लिए राज्यपाल को भेजी थी। राज्यपाल ने नियमों का हवाला देते हुए फाइल सपा सरकार को यह कहते हुए लौटा दी थी कि बतौर आईएएस अधिकारी उस्मानी की केंद्रीय विजिलेंस कमीशन से क्लीयरेंस रिपोर्ट नहीं दी गई है।
झुकना पड़ा था अखिलेश सरकार को
राज्यपाल ने कहा था कि यदि राज्य सरकार विजिलेंस क्लीयरेंस के साथ फाइल भेजती है, तो उन्हें मंजूरी देने में कोई आपत्ति नहीं है। फजीहत में पड़ी राज्य सरकार ने आनन-फानन फाइल के साथ विजिलेंस क्लीयरेंस भेजी। उसके बाद राज्यपाल ने उस्मानी के नाम का अनुमोदन दिया। राज्य सरकार ने तत्काल प्रभाव से उसी दिन अधिसूचना भी जारी कर दी थी।
मुलायम के बेहद करीबी हैं जावेद
जावेद उस्मानी को मुलायम का बेहद करीबी माना जाता है। इसके चलते ही यूपी में अखिलेश सरकार के बनते ही सपा सुप्रीमो ने उन्हें केंद्र सरकार की प्रतिनियुक्ति से बुलाकर यूपी का मुख्य सचिव बनवा दिया था। हालांकि, लोकसभा चुनाव में मिली करार शिकस्त के बाद उन्हें मुख्य सचिव के पद से हटा दिया गया। उनकी तैनाती राजस्व विभाग के चेयरमैन पद पर कर दी गई। बतौर आईएएस अधिकारी जावेद उस्मानी का कार्यकाल अभी एक साल तक बाकी है। बावजूद इसके उन्होंने यूपी के सीआईसी पद पर तैनाती के लिए आवेदन कर दिया।
सीआईसी की दौड़ में 31 अधिकारी थे शामिल
सीआईसी की दौड़ में सूचना आयुक्त अरविंद सिंह बिष्ट सहित 31 लोग शामिल थे, लेकिन चयन समिति ने उस्मानी के नाम पर मोहर लगाई। रणजीत सिंह पंकज के सेवानिवृत्त होने के बाद से सीआईसी का पद रिक्त है। उस्मानी से कोल ब्लॉक आवंटन घोटाले में सीबीआई पूछताछ कर चुकी है।
Loading...
loading...